
ओडिशा की राजधानी और मंदिरों का शहर भुवनेश्वर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारी ने एक 10वीं शताब्दी के प्राचीन मंदिर की आधारभूत संरचना की खोज की है. यह प्राचीन मंदिर भुवनेश्वर के सुका-सरी मंदिर परिसर के धरातल से सटे मंदिर के उत्तर-पूर्व कोने पर स्थित है. इस प्राचीन मंदिर के अवशेष को प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर से पुराना बताया गया है.
आजतक संवाददाता से खास बातचीत में ओडिशा सर्कल के एएसआई प्रमुख अरुण मल्लिक ने बताया कि प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर से उत्तर दिशा और बिंदुसागर झील के बीच स्थित सुका-सरी मंदिर के पास एक प्राचीन मंदिर का आधारभूत अवशेष मिला है.
माना जा रहा है कि मंदिर का अवशेष लगभग 10वीं शताब्दी का है जो कि मुख्यत: धरातल से 8-9 फिट गहराई में है और यह लिंगराज मंदिर से प्राचीन मालूम पड़ता है. जिस स्थान पर यह प्राचीन मंदिर का अवशेष मिला है वहां करीब 50 साल पहले संस्कृत कॉलेज चलाया जा रहा था.

मल्लिक ने विस्तार से कहा कि अवैध अतिक्रमण और निर्माण के कारण सुका-सरी मंदिर परिसर से बिंदुसागर झील तक कई मंदिर मिट्टी के नीचे दब गए हैं. जिसे लगातार समय के अनुकूल खुदाई कर सार्वजनिक किया जा रहा है. कोरोना काल की वजह से काम को बंद करना पड़ा था, लेकिन अब दोबारा खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है. प्राचीन मंदिरों के संरक्षण और खुदाई कर सार्वजनिक करने के लिए हमे केंद्र व राज्य सरकार का सहयोग मिलता रहा है.
मल्लिक ने कहा कि ओडिशा सरकार द्वारा एकमरा क्षेत्र परिसर को वैश्विक रुप से सौंदर्यीकरण के दौरान हमें कई प्राचीन मंदिरों का अवशेष मिला. जिसके बाद हम लगातार एकमरा क्षेत्र परिसर में खुदाई कर प्राचीन मंदिरों के अवशेष को धरातल पर ला रहे हैं. अब तक हमनें एक साल के अंदर तीन-चार मंदिरो के आधारभूत व संरचना को सार्वजनिक किया है.

मल्लिक ने कहा कि मुख्यता एएसआई द्वारा खुदाई का कार्य सितंबर, अक्टूबर और नवंबर तीन महीनों के दौरान किया जाता है. ऐसे समय में हम मौसम के अनुकूल प्राचीन पुरातत्व या मंदिर के संरचनाओं का सावधानी से खुदाई कर सार्वजनिक करते हैं.
बता दें कि ओडिशा सरकार ने एकमरा क्षेत्र परिसर को वैश्विक रुप से सौंदर्यीकरण की परियोजना बनाई है. इस बीच ओडिशा ब्रिज एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड और भुवनेश्वर डेवलपमेंट अथॉरिटी (बीडीए) संस्थानों को विध्वंस व निर्माण का कार्य सौंपा गया है.

हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारों को विध्वंस कार्य के दौरान सुका-सारी मंदिर परिसर के आसपास अन्य प्राचीन मंदिरों के संरचनाओं का पता चला है. विशेषज्ञों का मानना है कि प्राचीन काल में सुका-सरी मंदिर परिसर पंचायतन मॉडल पर निर्माण किया गया था. जहां मुख्य मंदिर चार अन्य सहायक मंदिरों से घिरा हुआ है.