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मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए गोविंद दास-चंदन दास के 13 फैमिली मेंबर भागकर झारखंड पहुंचे, बयां किया हमले का मंजर

मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद गोविंद दास के परिवार के 13 सदस्य जान बचाकर झारखंड पहुंचे. झारखंड के साहिबगंज के राजमहल में इस परिवार ने शरण ली. मुर्शिदाबाद में नाश्ते की दुकान चलाने वाले गोविंद दास (72) और उनका 40 साल का बेटा हिंसा में मारा गया था. 

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मुर्शिदाबाद हिंसा के पीड़ित
मुर्शिदाबाद हिंसा के पीड़ित

वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा कई परिवारों के लिए कहर बनकर टूटी. इस हिंसा में मारे गए गोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास के परिवार ने झारखंड में शरण ले ली है. 

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मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद गोविंद दास के परिवार के 13 सदस्य जान बचाकर झारखंड पहुंचे. झारखंड के साहिबगंज के राजमहल में इस परिवार ने शरण ली. मुर्शिदाबाद में नाश्ते की दुकान चलाने वाले गोविंद दास (72) और उनका 40 साल का बेटा हिंसा में मारा गया था. 

इस परिवार के सदस्य ह्रदय दास ने बताया कि 12 अप्रैल की सुबह लगभग 11 बजे 500 के आसपास उपद्रवियों ने उनके चाचा और भाई को दुकान से खींचकर धारदार हथियार से बेरहमी से मार डाला. इसके बाद उपद्रवियों ने बाजार की सभी दुकानों और आसपास के मोहल्लों के 70 से 80 घरों में तोड़फोड़ की. इतना ही नहीं महिलाओं के साथ बदतमीजी की गई. 

बता दें कि सबसे पहले शुक्रवार को मुर्शिदाबाद के सूती में हिंसा की शुरुआत हुई थी. उसके बाद जंगीपुर से पुलिसबल मौके पर पहुंचा और हालात संभालने में जुट गया. इसी दौरान सूती से 10 किमी दूर शमशेरगंज में भी बवाल की खबरें आईं. हालांकि, पुलिसबल सूती में हाइवे से जाम हटवाने में जुटा रहा. पुलिस शमशेरगंज तक नहीं पहुंच पाई और वहां हिंसा का ताडंव मचा रहा. ऐसे में सेंट्रल फोर्स BSF को उतरना पड़ा, तब तक बड़ा नुकसान हो चुका था.

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दोपहर से शुरू हुई हिंसा देर रात तक चलती रही. जब मालदा और बहरामपुर से फोर्स आई और इन इलाकों में पहुंची, तब हिंसा पर काबू पाया जा सका. भीड़ ने पहले नेशनल हाइवे 34 जाम किया. जब पुलिस ने उन्हें हटाना शुरू किया तो पत्थरबाजी होने लगी. पुलिस ने फिर आंसू गैस छोड़ी. लाठीचार्ज किया. दो दिन पहले भी मुर्शिदाबाद पुलिस पर हमला हुआ था. तब प्रदर्शनकारियों ने दो गाड़ियों में आग लगा दी थी. एनआरसी के दौर में भी मुर्शिदाबाद में जबरदस्त हिंसा देखने को मिली थी.

दरअसल, मुर्शिदाबाद में शुक्रवार की नमाज के बाद वक्फ विधेयक के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर पड़े और नेशनल हाइवे 34 ब्लॉक कर दिया था. जब पुलिस ने नेशनल हाइवे से अवरोध हटाने की कोशिश की तो पुलिस के साथ एक तरह से जंग छिड़ गई. ठीक उसी समय मुर्शिदाबाद से लगभग 10 किलोमीटर दूर शमशेर गंज में भी नेशनल हाइवे पर हजारों की संख्या में लोग आ गए थे.

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