मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रवींद्र वायकर के साले मंगेर पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है. मुंबई पुलिस ने यह एफआईआर लोकसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन गोरेगांव चुनाव सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल करने के आरोप में की है. पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी दिनेश गौरव के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज किए गए इस मामले की एफआईआर कॉपी सामने आ गई है. वहीं, इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) ने बंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगी.
मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में ईसीआई के अनुसार एक एनकोर ऑपरेटर डेटा संकलन के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकता है. इस फोन के जरिए डेटा एंट्री के लिए ओटीपी जनरेट किया गया है. इसी फोन का इस्तेमाल मंगेश ने कॉल करने और रिसीव करने के लिए किया था.
इस मामले में सुचित्रा पाटिल ने शिकायत दर्ज कराई है जो मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के 158 जोगेश्वरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र में अतिरिक्त सहायक चुनाव अधिकारी के तौर पर काम कर रही थीं. पुलिस के अनुसार सुचित्रा ने अपनी शिकायत में कहा कि मैं 27 मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र के मतगणना स्थल मुंबई प्रदर्शन केंद्र (नेस्को) में मतगणना ड्यूटी के लिए मौजूद थी.
गलत तरीके से किया फोन का इस्तेमाल
एफआईआर की कॉपी में कहा गया है कि मतगणना केंद्र के अंदर किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक या मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं है. मंगेश पांडिलकर को अवैध तरीके से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते पाया गया था. इस संबंध में अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए और यह पाया जाना चाहिए कि कौन जिम्मेदार है. इस संबंध में वनराई थाना पुलिस को शिकायत दी गई है.
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2 उम्मीदवार ने भी दर्ज कराई शिकायत
वहीं, दो अन्य उम्मीदवार सुरेंद्र अरोड़ा और भरत शाह ने मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल फोन का अवैध इस्तेमाल और फोन पर बातचीत करने के लिए मंगेश पांडिलकर के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी. एफआईआर में सहायक रिटर्निंग अधिकारियों, अधीनस्थों, कर्मचारियों और एनकोर ऑपरेटर लिस्ट के नाम का भी उल्लेख किया गया है.
आरोपी दिनेश गौरव को 158 जोगेश्वरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र के चुनाव रिटर्निंग अधिकारी की ओर से वोटों की गिनती के लिए एनकोर ऑपरेटर के रूप में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई थी.
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OTP का EVM मशीन से नहीं है लेना-देना: ECI
रिपोर्ट के अनुसार, 158 विधानसभा क्षेत्र (जोगेश्वरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र) के दिनेश गौरव एनकोर ऑपरेटर ने मंगेश पांडिलकर को व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए अपना फोन दिया. पांडिलकर ने मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल फोन के प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने के बाद भी फोन का इस्तेमाल किया. एनकोर ऑपरेटर द्वारा जो फोन रवींद्र को दिया था. वह फोन हमेशा साइलेंट रखना होता है और इस फोन का इस्तेमाल केवल ईटीपीबीएमएस के लिए ओटीपी प्राप्त करने और एनकोर के लिए ही किया जाता है. जब इस फोन का इस्तेमाल नहीं होता है तो इसे मतगणना केंद्र पर वरिष्ठ निर्वाचन अधिकारी को वापस देना होता है, लेकिन मतगणना वाले दिन ऐसा नहीं हुआ.
ईसीआई का कहना है कि इस फोन और ओटीपी का ईवीएम मशीनों से कोई लेना-देना नहीं है. इस फोन का इस्तेमाल केवल डेटा एंट्री के लिए किया जाता है जो एनकोर ऑपरेटर करता है.
कुछ लोग फैला रहे हैं झूठ: CM
वहीं, इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपना बयान जारी कर कहा, 'कुछ लोग गलत जानकारी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं जो पूरी तरह से झूठ है और पुलिस इस बारे में स्पष्टीकरण देगी. विपक्ष ने इतनी सीटें जीतीं, लेकिन उन्हें कोई समस्या नहीं है. पर जब रवींद्र वायकर सीटें जीत गए तो आप झूठ फैला रहे हैं, लेकिन ये लंबे वक्त तक काम नहीं करेगा. हालांकि, वो हंगामा करने की कोशिश कर रहे हैं. पर सच्चाई यह है कि क्षेत्र के लोगों ने रवींद्र वायकर को चुनाव जिताने का फैसला कर लिया है.'
उन्होंने यह भी कहा, 'शिवसेना के 19 प्रतिशत वोट शेयर में से हमें 14 प्रतिशत वोट मिले हैं. लोगों ने तीर-धनुष के लिए वोट किया. यूबीटी का विजयी स्ट्राइक रेट 42 प्रतिशत है और हमारा स्ट्राइक रेट 48 प्रतिशत है. इसलिए वे अपना आत्मविश्वास खो चुके हैं और झूठे आरोप लगा रहे हैं.'
बंबई HC में याचिका दायर करेगी शिवसेना (UBT)
इस मामले को लेकर सत्ता और विपक्षी नेताओं में खींचतान शुरू हो गई है. अब शिवसेना यूबीटी ने इस मामले बंबई हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है. यूबीटी चुनाव नियमों के उल्लंघन के साथ-साथ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत याचिका दायर करेगी.