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विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा मॉनसून सत्र, राज्यसभा में 28 तो लोकसभा में 22% हुआ कामकाज

मॉनसून सत्र में विपक्ष के हंगामे और अन्य बाधाओं की वजह से सत्र का काम कई बार प्रभावित हुआ. राज्यसभा में महज 28 फीसदी ही काम हुआ है. राज्यसभा से कुल 19 विधेयक पास हुए हैं.

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महंगाई, जासूस केस और किसान आंदोलन जैसे मुद्दे संसद में रहे छाए.
महंगाई, जासूस केस और किसान आंदोलन जैसे मुद्दे संसद में रहे छाए.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • संसद के दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा
  • जासूसी केस, किसान आंदोलन का उठा मुद्दा
  • संसद में महंगाई के मुद्दे पर भी घिरी सरकार

संसद का मॉनसून सत्र समाप्त हो गया है. लोकसभा और राज्यसभा, संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में महज 28 फीसदी कामकाज हुआ है. सत्र के दौरान कुल 19 विधेयक राज्यसभा से पास किए गए हैं. ज्यादा वक्त संसद की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे की वजह से स्थगित रही.

17वीं लोकसभा की छठी बैठक 19 जुलाई 2021 को शुरू हुई और इस दौरान 17 बैठकों में 28 घंटे 21 मिनट कामकाज हुआ. 76 घंटे 26 मिनट संसद में हुए हंगामे, विपक्ष के विरोध और अन्य बाधाओं की वजह से बाधित ही रहा. मौजूदा संसद सत्र में विपक्ष ने कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा. पेगासस जासूसी केस से लेकर महंगाई और किसान आंदोलन विपक्ष के प्रमुख मुद्दे रहे. 

विपक्ष के लगातार हंगामे की वजह से सदन का काम एक दिन भी निर्बाध रूप से चलता नजर नहीं आया. केंद्र सरकार ने विपक्ष पर हंगामा करने का आरोप लगाया साथ ही कहा कि विपक्ष संसद की कार्यवाही में लगातार रुकावट पैदा कर रहा है. संसद का काम अपेक्षा के अनुरूप होता नजर नहीं आया है. पहले राज्यसभा की कार्यवाही 13 अगस्त तक चलने वाली थी लेकिन 2 दिन पहले ही अनिश्चित काल तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई. 

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लोकसभा से बेहतर हुआ राज्यसभा में काम 

सत्र के दौरान काम काज बीते पांच सत्रों की तुलना में बहुत कम था, जिसमें सदन ने 95 प्रतिशत काम किया था. हालांकि लोकसभा से बेहतर कामकाज राज्यसभा में हुआ है. लोकसभा में काम की जगह हंगामा खूब हुआ. हर दिन विपक्ष की नाराजगी सदन में साफ नजर आई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सदन न चलने देने की वजह से पीड़ा जाहिर की. 

लोकसभा में 22 फीसदी हुआ काम 

ओम बिरला ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा के वेल में तख्तियां पकड़े सदस्य और नारेबाजी करना सदन की परंपरा नहीं है. गतिरोध की वजह से पूरे मॉनसून सत्र में लोकसभा महज 21 घंटे काम कर पाई और प्रोडक्टिविटी रेट महज 22 फीसदी ही रही.

'सदन न चलने से आहत लोकसभा अध्यक्ष'

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को कहा कि वह इस बात से आहत हैं कि इस सत्र में सदन की कार्यवाही उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई. सदन के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनका हमेशा यह प्रयास होता है कि सदन में अधिकतम काम हो, जनता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाए. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. मॉनसून सत्र के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग विधेयक सहित कुल 20 विधेयकों को सभी दलों की सर्वसम्मति से पारित किया गया है.
 

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