श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या दो दिन के भारत दौरे पर आज नई दिल्ली पहुंचीं. इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर श्रीलंकाई पीएम से कच्चातिवु द्वीप को पुनः प्राप्त करने और तमिल मछुआरों के मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की है.
मुख्यमंत्री स्टालिन ने अपने पत्र में लिखा, 'तमिलनाडु के मछुआरा समुदाय को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा बार-बार उत्पीड़न, हमलों और गिरफ्तारी का सामना करना पड़ रहा है. वर्ष 2021 से अब तक 106 अलग-अलग घटनाओं में 1482 मछुआरों और 198 मछली पकड़ने वाली नौकाओं को हिरासत में लिया गया है, जिससे समुदाय को भारी आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है.'
उन्होंने आगे लिखा, 'तमिलनाडु सरकार ने इन मुद्दों को कूटनीतिक माध्यमों से हल करने के लिए भारत सरकार से बार-बार हस्तक्षेप की मांग की है. मैंने इस मामले को प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष 11 बार और विदेश मंत्रालय के समक्ष 72 बार उठाया है. श्रीलंकाई प्रधानमंत्री का यह दौरा पाल्क खाड़ी में भारतीय मछुआरों के सामने आने वाली लगातार चुनौतियों को हल करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.'
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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह दौरा कच्चातिवु द्वीप को पुनः प्राप्त करने के लिए चर्चा शुरू करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. स्टालिन ने लिखा, 'तमिलनाडु के मछुआरे परंपरागत रूप से कच्चातिवु द्वीप के आसपास के जलक्षेत्र में मछली पकड़ते रहे हैं, जो ऐतिहासिक रूप से भारत का हिस्सा था. केंद्र सरकार ने बिना राज्य सरकार की सहमति और उचित प्रक्रिया के इस द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया था, जिसका तमिलनाडु विधानसभा ने 1974 से लगातार विरोध किया है.'
एमके स्टालिन ने कहा कि कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को दे दिए जाने के कारण, हमारे मछुआरों को उनके पारंपरिक मछली पकड़ने के क्षेत्रों में सीमित पहुंच मिल रही है और उन्हें समुद्री सीमा के उल्लंघन के आरोप में बार-बार गिरफ्तारी और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से अनुरोध किया कि वे श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के साथ कच्चातिवु द्वीप को पुनः प्राप्त करने और पाल्क खाड़ी में मछुआरों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों को बहाल करने के लिए बातचीत शुरू करें.