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मणिपुर में फिर तनाव, बस नेटवर्क से राज्य का नाम हटाने पर भड़के लोग, राजभवन कूच के दौरान झड़प में कई महिलाएं घायल

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राज्यपाल अपनी चुप्पी से लोगों की भावनाओं की अवहेलना कर रहे हैं. उन्होंने और उनके प्रशासन ने राज्य का प्रशासन करते हुए राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का अपमान किया है. घटना की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित जांच आयोग पर्याप्त नहीं है और इसमें शामिल लोगों को दंडित करने के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है, जो कि अस्वीकार्य है.

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राजभवन कूच के दौरान प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से झड़प हो गई
राजभवन कूच के दौरान प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से झड़प हो गई

मणिपुर में रविवार को एक बार फिर उस समय तनाव बढ़ गया जब सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राज्य की अस्मिता से जुड़े विवादित मुद्दे को लेकर राजभवन की ओर मार्च किया. प्रदर्शनकारियों को सुरक्षाबलों ने कांगला गेट के पास रोकने की कोशिश की, जिससे झड़प हो गई और आंसू गैस के गोले दागे गए, जिसमें पांच से अधिक महिलाएं घायल हो गईं.

यह प्रदर्शन COCOMI (Coordinating Committee on Manipur Integrity) के आह्वान पर किया गया. संगठन ने राज्य के नाम 'मणिपुर' को MST (मणिपुर राज्य परिवहन) बस नेटवर्क से हटाने के कथित निर्देश को मणिपुर की अस्मिता का अपमान बताया है. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि राज्यपाल अजय कुमार भल्ला माफी मांगें और साथ ही मुख्य सचिव, डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार इस्तीफा दें. 

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राज्यपाल अपनी चुप्पी से लोगों की भावनाओं की अवहेलना कर रहे हैं. उन्होंने और उनके प्रशासन ने राज्य का प्रशासन करते हुए राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का अपमान किया है. घटना की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित जांच आयोग पर्याप्त नहीं है और इसमें शामिल लोगों को दंडित करने के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है, जो कि अस्वीकार्य है.

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COCOMI ने चेतावनी दी है कि अगर इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे राज्य में व्यापक आंदोलन किया जाएगा. प्रदर्शनकारियों ने इंफाल के ख्वाइरंबंद इलाके से लगभग 500 मीटर लंबा मार्च निकाला, लेकिन राजभवन से करीब 150 मीटर पहले उन्हें रोक दिया गया. इसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया.

इस पूरी घटना पर अब तक राजभवन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. COCOMI ने इस घटना को विभाजनकारी और अपमानजनक बताया है और कहा कि अगर सरकार ने अब भी इस मुद्दे को हल नहीं किया, तो आगे और जन आक्रोश देखने को मिलेगा.

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