कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना आतंकी संगठन अल-कायदा से किए जाने के बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. टैगोर ने आरएसएस पर 'नफरत फैलाने' का आरोप लगाया था. उन्होंने यह विवादित टिप्पणी वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की ओर से आरएसएस की संगठनात्मक क्षमता की तारीफ किए जाने की प्रतिक्रिया में की थी.
मणिकम टैगोर ने क्या कहा?
मणिकम टैगोर ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'आरएसएस नफरत फैलाने वाला संगठन है. यह नफरत पैदा करता है और उसे बढ़ावा देता है. यह संगठन अल-कायदा जैसा है. अल-कायदा भी एक संगठित समूह है जो नफरत और आतंक फैलाता है. आरएसएस से सीखने जैसा कुछ नहीं है.' उन्होंने आगे कहा, 'सीखने की बात हो तो अच्छे लोगों और 140 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी से सीखना चाहिए, जिसने लोगों को जोड़ने का काम किया और महात्मा गांधी ने उसे जन आंदोलन बनाया.'
बीजेपी ने जताई कड़ी आपत्ति
टैगोर के इस बयान पर बीजेपी, आरएसएस और सहयोगी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी राजनीतिक हताशा में सारी हदें पार कर चुकी है. उन्होंने कहा कि एक सदी से राष्ट्र सेवा करने वाले संगठन को आतंकी बताना सभी राष्ट्रवादियों का अपमान है. पूनावाला ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चुप है.
आरएसएस ने भी दिया कड़ा जवाब
बीजेपी नेता रोहन गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस की एकमात्र रणनीति बीजेपी और आरएसएस को गाली देना रह गई है, ताकि वह प्रासंगिक बनी रह सके. आरएसएस की ओर से भी कड़ा जवाब दिया गया. संघ विचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि आरएसएस अपने शताब्दी वर्ष में छुआछूत, धार्मिक कट्टरता और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ काम कर रहा है.
शिवसेना ने भी की बयान की निंदा
उन्होंने कहा कि बार-बार चुनावी हार के कारण कांग्रेस की निराशा सामने आ रही है और टैगोर का बयान कांग्रेस नेतृत्व की बौद्धिक और नैतिक दिवालियापन को दिखाता है. शिवसेना नेता शाइना एनसी ने भी टैगोर के बयान की निंदा करते हुए कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक देश और समाज के लिए समर्पित देशभक्त हैं और आरएसएस की तुलना अल-कायदा से करना समझ की कमी को दिखाता है.