जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराए जाने की त्रासदी के 80 साल पूरे हो गए हैं. 80वीं वर्षी पर इस त्रासदी की गूंज संसद में भी सुनाई दी. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर ओम बिरला ने इस त्रासदी का उल्लेख किया और सदन में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आज जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए जाने के कारण हुई त्रासदी के 80 साल पूरे हो गए हैं. 6 और 9 अगस्त को इन दोनों शहरों पर परमाणु बम गिराए गए थे. उन्होंने कहा कि इससे बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की मृत्यु हुई थी और अनगिनत लोग घायल या जीवनभर के लिए अपंग हो गए थे.
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स्पीकर ने कहा कि इस घटना ने पहली बार विश्व को परमाणु हथियारों के विनाशकारी दुष्प्रभावों से अवगत कराया था. उन्होंने आगे कहा कि ये सभा विश्व को सामूहिक विनाश के हथियारों से मुक्त कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता फिर से दोहराती है. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि परमाणु हथियारों के उन्मूलन, वैश्विक शांति और सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने का संकल्प लेती है.
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जापान में परमाणु बम गिराए जाने से पीड़ित लोगों की स्मृति में लोकसभा में मौन भी रखा गया. इसके बाद स्पीकर ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू कराई, लेकिन विपक्षी सदस्य वेल में आ गए और हंगामा करने लगे. विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी और शुरू होने के बाद तीन मिनट के भीतर ही स्पीकर ने इसे दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.