कर्नाटक के चर्चित सेक्स स्कैंडल में फंसे जेडीएस नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ एसआईटी ने अश्लील वीडियो और रेप केस में चार्जशीट दाखिल की है. आजतक के पास ये चार्जशीट है. चार्जशीट में प्रज्वल रेवन्ना पर बार-बार रेप करने और जबरन बंधक बनाने का आरोप लगाया गया है. ट्रायल कोर्ट 9 अप्रैल को फिर से मामले की सुनवाई करेगा.
ये मामला एक घरेलू सहायिका की शिकायत पर आधारित है, जिसने रेवन्ना पर लगातार रेप करने और जबरन बंधक बनाए रखने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. पहली घटना 2021 के आसपास कोविड-19 के वक्त लगे लॉकडाउन के दौरान हुई थी. पीड़िता के बयान के अनुसार आरोपी प्रज्वल ने उसके साथ अलग-अलग जगहों पर रेप किया, जिसमें होलेनरसीपुरा, बेंगलुरु और होलेनरसीपुरा में गन्निकाडा फार्महाउस शामिल हैं.
चार्जशीट में कहा गया है कि पीड़िता शुरू में चुप रही, क्योंकि रेवन्ना ने कथित तौर पर वीडियो रिकॉर्ड किए और उन्हें जारी करने की धमकी दी. पीड़िता ने अंततः नौकरी छोड़ दी, लेकिन तब तक चुप रही जब तक कि हमले के अश्लील दृश्य सार्वजनिक नहीं हो गए. रेवन्ना 10 महीने से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में है और उसे अब तक जमानत नहीं दी गई है. रेवन्ना पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम, 2008 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. चार्जशीट मुख्य रूप से घरेलू सहायिका द्वारा लगाए गए आरोपों पर केंद्रित है, जिसने प्रज्वल रेवन्ना पर बार-बार यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
रेवन्ना पर इन धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं
1. IPC की धारा 376 (2) (K)- किसी प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा बलात्कार. इसमें न्यूनतम 10 साल की सजा, अधिकतम आजीवन कारावास.
2. IPC की धारा 376 (2) (N)- एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार से संबंधित है. यह भी एक गंभीर अपराध है, जिसमें न्यूनतम 10 साल की कैद हो सकती है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है.
3. IPC की धारा 354ए - यौन उत्पीड़न से संबंधित है, जिसमें शारीरिक संपर्क, अवांछित यौन प्रस्ताव या सहमति के बिना पोर्नोग्राफी दिखाना शामिल है. इसमें 3 साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों शामिल हैं.
4. IPC की धारा 354बी - किसी महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना. इसमें 3 से 7 साल की कैद और जुर्माना या दोनों शामिल हैं.
5. IPC की धारा 354सी - किसी महिला की निजी हरकत को उसकी सहमति के बिना देखना या उसकी तस्वीरें लेना. पहली बार अपराध करने पर 1 से 3 साल की कैद और जुर्माना, और बाद के अपराधों के लिए 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है.
6. IPC की धारा 506 - किसी व्यक्ति या प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की धमकी देना. 2 साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों शामिल हैं.
7. IPC की धारा 201 - किसी अपराधी को बचाने के लिए सबूतों को गायब करना या गलत जानकारी देना. प्राथमिक अपराध की प्रकृति के आधार पर 7 साल तक की कैद की सजा हो सकती है.
8. आईटी एक्ट, 2008 की धारा 66E- किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसके निजी अंगों की तस्वीरें खींचना, प्रकाशित करना या प्रसारित करना निजता का उल्लंघन. इसमें 3 साल तक की कैद, 2 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
क्या था मामला?
28 अप्रैल से 10 जून 2024 के बीच प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ होलेनरसीपुरा पुलिस स्टेशन में कुल 4 एफआईआर दर्ज की गईं. इसके अलावा बेंगलुरु के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दो मामले दर्ज किए गए, और दूसरा बेंगलुरु में सीआईडी के तहत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया. केआर नगर पुलिस स्टेशन में प्रज्वल के पिता, होलेनरसीपुरा के विधायक एच.डी. रेवन्ना और अन्य के खिलाफ एक अलग मामला भी दर्ज किया गया. इन सभी मामलों को आगे की जांच के लिए सीआईडी के अंतर्गत विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया गया है.