देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. साल 2022 में उपराष्ट्रपति चुने गए धनखड़ का कार्यकाल 2027 में खत्म हो रहा था, ऐसे में वह कार्यकाल पूरा न करने वाले देश के तीसरे उपराष्ट्रपति बन गए हैं. उनसे पहले कृष्णकांत और वीवी गिरी भी उपराष्ट्रपति के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे.
बीएसी मीटिंग से नड्डा नदारद
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सदन की कार्यवाही के बीच में करीब 4.30 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की दूसरी मीटिंग हुई थी और इसमें सत्ता पक्ष के प्रतिनिधि के तौर पर सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन मौजूद रहे. मुरुगन ने सभापति जगदीप धनखड़ से मीटिंग को अगले दिन यानी मंगलवार को रिशेड्यूल करने का आग्रह किया था.
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जगदीप धनखड़ BAC मीटिंग में राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू की गैरमौजूदगी से नाराज बताए जा रहे थे. बीते दिन दो बार बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग हुई थी, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया था. कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने भी बीएसी मीटिंग में जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू के न आने पर सवाल उठाए हैं.
सदन में भी हुई थी बहस
उन्होंने उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे को बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़ते हुए कहा कि धनखड़ के इस्तीफे की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी. उन्होंने बताया कि सदन में जेपी नड्डा ने कहा था कि मेरे शब्द रिकॉर्ड में दर्ज होंगे, यह सीधे तौ पर चेयर का अपमान था.
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कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि बीजेपी चुनाव को ध्यान में रखते हुए हर फ़ैसला लेती है. बिहार चुनाव नज़दीक हैं और राज्यसभा के उपसभापति बिहार से हैं. उन्होंने संकेत दिए कि बीजेपी, हरिवंश को उपराष्ट्रपति बना सकती है. साथ ही सुखदेव भगत ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने धनखड़ को परेशान किया और उन पर अपनी शर्तें थोपने की कोशिश की.
जयराम रमेश ने उठाए सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी इसी ओर इशारा किया. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की BAC की अध्यक्षता की. इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज़्यादातर सदस्य मौजूद थे. थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी.
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उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच ज़रूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया. रमेश ने कहा कि जगदीप धनखड़ नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे. लेकिन उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है.
विवाद पर नड्डा ने दी सफाई
बीएसी की मीटिंग में न आने को लेकर राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने सफाई दी है. उन्होंने कहा, 'मैंने और किरण रिजीजू ने उपराष्ट्रपति की ओर से 4.30 बजे बुलाई गई बैठक में हिस्सा नहीं लिया क्योंकि हम किसी अन्य महत्वपूर्ण संसदीय कार्य में व्यस्त हो गए थे, जिसके पूर्व सूचना माननीय उपराष्ट्रपति के दफ्तर को दे दी गई थी.'
नड्डा ने कहा कि इसके अलावा मैंने राज्य सभा में जो बात कही कि जो मैं बोल रहा वही ऑन रिकॉर्ड जाएगा, ये विपक्ष के टोका-टोकी करने वाले सांसदों के लिए था न कि चेयर के लिए.'