भारत-चीन तनाव के मुद्दे पर विपक्ष ने आक्रामक रुख अपना रखा है. संसद में मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक बुलाई, जिसमें 17 दलों के नेता शामिल हुए. आरजेडी और जेडीयू जैसी पार्टियां ही नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और केसीआर की बीआरएस ने भी शिरकत की. इस तरह से संसद में 17 विपक्षी दलों ने बैठक कर मंथन किया और एकजुट होकर मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई.
संसद के शीतकालीन सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही है. मंगलवार को संसद में भारत-चीन सैनिकों के बीच तवांग में हुई झड़प का मुद्दा छाया रहा. विपक्ष ने इसे लेकर सरकार से तीखे सवाल पूछे. भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के दोनों सदनों में सरकार की तरफ से बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने यथास्थिति बदलने का चीनी सैनिकों की कोशिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया. केंद्र सरकार के बयान से विपक्ष संतुष्ट नहीं है.
खड़गे की बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल
चीन के मुद्दे पर मोदी सरकार के संसद में घेरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी पार्टियों की एक अहम बैठक बुलाई. मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से समान विचारधारा वाले 17 विपक्षी दलों को न्योता भेजा गया था और सभी 17 दलों के नेताओं ने बैठक में शिरकत की. डीएमके, सपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिवसेना, सीपीएम, सीपीआई, जेडीयू, एनसीपी, वीसीके, मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस, एआईडीयूएफ, एमडीएमके, आरएलडी, आरजेडी, केसीआर और आम आदमी पार्टी शामिल हुई.
कांग्रेस को मिला AAP-BRS का साथ
कांग्रेस के अगुवाई में होने वाली विपक्षी की बैठकों से अभी तक दूर रहने वाले आम आदमी पार्टी और टीआरएस से बीआरएस बनी ने भी शिरकत की. बीआरएस और आम आदमी पार्टी कांग्रेस से दूरी बनाए रखकर चलती थी. बीआरएस तो कई मुद्दों पर मोदी सरकार के समर्थन में भी खड़ी रहती थी, लेकिन भारत-चीन तनाव के मुद्दे पर वो कांग्रेस के साथ है. इसीलिए मल्लिकार्जुन खड़गे की बैठक में भी शिरकत की. हालांकि, बीआरएस ने पिछले कुछ दिनों से बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ आक्रमक रुख अपना रखा है. जहां तक आम आदमी पार्टी की बात है तो 2024 के चुनाव में विपक्ष एकता की बैठक में भले ही शामिल न हो, लेकिन संसद में सरकार को किसी मुद्दे पर घेरने के लिए विपक्ष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी नजर आती है.
बसपा-टीएमसी-बीजेडी
मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में बुलाई बैठक में बसपा, टीएमसी और बीजेडी जैसे विपक्षी दलों को न्योता नहीं भेजा गया था, इसी के चलते तीनों ही दलों के नेताओं ने शिरकत नहीं की. हालांकि, टीएमसी पहले कांग्रेस की बैठक में शामिल होती रही है, लेकिन पिछले 3 संसद सत्रों से खुद को अलग रखकर चल रही है. बसपा शुरू से ही विपक्षी दलों की बैठक से अपने आपको को दूर रखे हुए है. बसपा न तो कांग्रेस के अगुवाई वाली किसी बैठक में शिरकत करती है और न ही तीसरे मोर्चे की मीटिंग में जाती है. बीजेडी भले ही विपक्ष में है, लेकिन कई मुद्दों पर मोदी सरकार के साथ खड़ी रहती है. इसीलिए माना जा रहा है कि कांग्रेस ने इन तीनों ही दलों को बैठक में नहीं बुलाया था.
खड़गे की बैठक में शामिल हुए 17 दल
मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में हुई बैठक के दौरान विपक्षी दलों ने भारत-चीन तनाव के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाई है. इसकी वजह यह है कि विपक्ष द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि सदन में भारत-चीन तनाव मुद्दे पर उन्हें अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है. विपक्ष सरकार से भी जिस प्रकार के जवाब की उम्मीद लगाए है, वो नहीं मिला. ऐसे में सरकार को किस प्रकार से घेरा जाए, इसके लिए 17 विपक्षी दलों ने बैठक कर रणनीति बनाई है.
खड़गे ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को राज्यसभा में चीन के आक्रमक रवैये को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि सरकार मूकदर्शक बनकर रह गई है. उसकी तरफ से लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी की जा रही है. खड़गे ने अपने बयान में इस बात पर भी जोर दिया था कि चीन ने डेपसांग वाले इलाके में घुसपैठ करने की कोशिश की. इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया था कि चीनी सैनिकों की साजिश को जमीन पर नाकाम कर दिया गया था.
राजनाथ सिंह ने संसद में दी थी जानकारी
राजनाथ सिंह ने कहा था कि नौ दिसंबर 2022 को PLA सैनिकों ने अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया. चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया. इस दौरान दोनों पक्ष आमने सामने आ गए. हाथापाई भी हुई. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं. लेकिन मैं सदन को बताना चाहता हूं कि झड़प में हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ.