उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग का मामला सुर्खियों में है. जस्टिस वर्मा को हटाने की प्रक्रिया राज्यसभा में शुरू होगी या लोकसभा में, इसे लेकर भी कयासों का दौर चल रहा था. इसे लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया है कि जस्टिस वर्मा को हटाने की प्रक्रिया लोकसभा में शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा है कि सभी राजनीतिक दल इस बात पर सहमत हैं कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए. किरेन रिजिजू ने कहा कि हमें किसी भी तरह के भ्रम में नहीं रहना चाहिए. जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की कार्यवाही लोकसभा में शुरू की जाएगी.
जजेस इंक्वायरी एक्ट के मुताबिक लोकसभा में कार्यवाही पूर्ण होने के बाद इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा पर लगे आरोप की जांच के लिए जल्द ही तीन सदस्यीय जांच कमेटी के गठन का ऐलान कर सकते हैं.
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सरकार से जुड़े शीर्ष सूत्रों की मानें तो जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए विपक्षी सदस्यों की ओर से जो प्रस्ताव जगदीप धनखड़ को दिया गया था, वह अब बेकार हो गया है. सूत्रों का दावा है कि नियमों के मुताबिक इस प्रस्ताव को राज्यसभा में नहीं रखा गया है. गौरतलब है कि विपक्ष के सांसदों ने मॉनसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा के तत्कालीन सभापति जगदीप धनखड़ को जस्टिस वर्मा को हटाने के महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था.
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विपक्षी सांसदों की ओर से दिए गए प्रस्ताव के नोटिस को जगदीप धनखड़ ने स्वीकार भी कर लिया था और इसकी जानकारी सदन में भी दे दी थी. उन्होंने सेक्रेटरी जनरल से प्रक्रिया शुरू करने लिए कहा था, लेकिन उसी दिन देर शाम तक उनके तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने की खबर आ गई.