संसद के चालू मॉनसून सत्र के दूसरे हफ्ते की कार्यवाही की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के साथ होनी है. 28 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी. इसके लिए सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की अगुवाई कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सरकार का पक्ष रखने के लिए वक्ताओं की लिस्ट करीब-करीब फाइनल कर दी है. लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं.
गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ही निशिकांत दुबे और अनुराग ठाकुर का नाम भी वक्ताओं की लिस्ट में शामिल बताया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी इस चर्चा में हस्तक्षेप करने की संभावना है. राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत मंगलवार को होगी. राज्यसभा में भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य मंत्री चर्चा में शामिल होंगे. दोनों ही सदनों में ऑपरेशन सिंदूर पर 16-16 घंटे चर्चा होनी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में होने वाली चर्चा में भी हस्तक्षेप कर सकते हैं.
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को लेकर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि मॉनसून सत्र के पहले हफ्ते में क्या हुआ, ये सभी जानते हैं. उन्होंने कहा कि सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष के कई सांसदों ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का निवेदन किया और हम इसके लिए तैयार थे. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि हम ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार थे और वे (विपक्ष) नियमों के खिलाफ जाकर प्रोटेस्ट करना शुरू कर दिए. हम पांच दिन में केवल एक बिल ही पास कर सके.
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उन्होंने कहा कि हम और बिल पारित कराना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. किरेन रिजिजू ने विपक्षी दलों से सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करने की अपील की और कहा कि सांसदों की ओर से पूछे जाने वाले सवालों का सरकार बहुत मेहनत से जवाब तैयार करती है. उन्होंने कहा कि आज बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में यह तय हुआ कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के जरिये सरकार की ओर से दिए गए जवाब पर विशेष चर्चा होगी.
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पीएम मोदी के बयान वाली विपक्ष की डिमांड पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से कौन स्पीकर होगा? यह विपक्ष तय नहीं कर सकता. विपक्ष बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर भी आक्रामक है. विपक्ष वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है. सरकार के टॉप सूत्रों की मानें तो इस विषय पर संसद में चर्चा की डिमांड कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि एसआईआर पर विपक्ष की डिमांड का संसद से कोई लेनादेना नहीं है. हम केवल रिफॉर्म्स पर चर्चा कर सकते हैं, किसी स्वतंत्र बॉडी के कामकाज पर नहीं.