9 जून को नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेंगे. उससे पहले मंत्रिमंडल को लेकर कवायद जारी है.सबसे ज्यादा चर्चा उन राज्यों की है जहां बीजेपी के कई सहयोगी हैं और इसमें महाराष्ट्र बेहद अहम है. एनडीए की बैठक के बाद अब मंत्रिमंडल के गठन को लेकर बैठकों का दौर जारी है. तैयारी भागीदारी के हिसाब से मंत्रालय बंटवारे की है और इसके लिए NDA में शामिल दलों से लगातार बातचीत चल रही है.
मंत्रिमंडल के बंटवारे के लिए महाराष्ट्र को लेकर भी चर्चा चल रही है जहां इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. एनडीए की बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना और NCP को एक-एक मंत्रिपद देने की बात चल रही है. बातचीत के जरिए इस पर सहमति बनाने की कोशिश हो रही है.
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एनडीए के सहयोगी दलों का मजबूत भरोसा
वहीं मंत्रिमंडल की कवायद के बीच एनडीए में शामिल पार्टियां मोदी सरकार के साथ मजबूती से खड़े होने का भरोसा दे रही हैं.बीजेपी इस बार अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा नहीं पार कर सकी है. लिहाजा वो गठबंधन के दलों की अहमियत अच्छी तरह समझ रही है. यही वजह है कि मोदी इस जीत को NDA की महाविजय बता रहे हैं. तीसरे कार्यकाल में मजबूती से NDA को आगे ले जाने का प्रयास कर रहे हैं.
विपक्ष के हौंसले बुलंद
दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र की सियासी हलचल पर हर किसी की नजर टिकी हुई है. दिल्ली से लेकर मुंबई तक बैठकों मुलाकातों का दौर चल रहा है. चुनावी नतीजों के बाद हर दल आगे की रणनीति पर काम कर रहा है. इस बीच महाराष्ट्र में अच्छे प्रदर्शन के बाद कांग्रेस का उत्साह बढ़ा हुआ है. महाराष्ट्र में एनडीए को उसके अनुमान के मुताबिक सफलता नहीं मिली तो विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिल गया.
वहीं महाराष्ट्र बीजेपी के नेता एकजुटता से साथ आगे बढ़ने की बात कर रहे हैं और आने वाले वक्त में महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में मिलकर बेहतर प्रदर्शन का दावा कर रहे हैं.
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बीजेपी को हुआ इस बार नुकसान
बता दें कि 2014 और 2019 के चुनाव में बीजेपी ने महाराष्ट्र में बड़ी सफलता हासिल की थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती की उम्मीद थी. इसलिए पीएम मोदी ने खुद महाराष्ट्र में 19 सभाएं और एक रोड शो किया, लेकिन इतनी सभाओं के बाद भी बीजेपी महाराष्ट्र में केवल 9 सीटें ही जीत पाई, जबकि एनडीए केवल 17 सीटें ही हासिल कर सका.
अब सबकी नजर इसी साल होने वाले विधानसभआ चुनाव पर है. कुल मिलाकर एक दिन बाद मोदी के शपथग्रहण के साथ मंत्रिमंडल की तस्वीर भी साफ होगी. साफ है कि इसी के साथ महाराष्ट्र की राजनीति में नई सियासी लड़ाई छिड़ेगी.