तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी करूर भगदड़ के बाद जब गर्वनमेंट हॉस्पिटल पहुंचे थे, तो वहां लोगों के शव देखकर वह रोने लगे थे. उनके रोने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अंबिल महेश को ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था. यह भगदड़ 27 सितंबर को करूर में अभिनेता से नेता बने तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) प्रमुख विजय की रैली के दौरान मची थी.
इस हादसे में 39 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 9 बच्चे भी शामिल थे और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे. तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश ने ट्रोलिंग का जवाब देते हुए कहा कि भाषण या जीवन में ज्ञान और भावनाओं का संतुलन होना चाहिए. उन्होंने तमिल कवि वल्लुवन का हवाला देते हुए कहा, 'अधिक भावना और कम ज्ञान वाले व्यक्ति को पशु के समान, जबकि अधिक ज्ञान और कम भावना वाले को वृक्ष के समान माना जाता है.'
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भावुक होना इंसान का मूल स्वभाव है
उन्होंने जोर देकर कहा, 'हम पहले इंसान हैं. संक्षेप में कहें तो, जो व्यक्ति पत्थर को भगवान बना सकता है, वह इंसान होने का मूल सिद्धांत भूल गया.' उन्होंने कहा कि भावुकता इंसान का मूल स्वाभाव होता है. यह बयान उन्होंने एक इंटरव्यू में दिया, जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी नेता या व्यक्ति को बच्चों के शव देखकर दुख न महसूस हो, यह अस्वाभाविक होगा.
VIDEO | Tamil Nadu School Education Minister Anbil Mahesh Poyyamozhi broke down after seeing the bodies of children at the Karur Government Hospital mortuary.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 27, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7)
(Source: Third party) pic.twitter.com/iRQzclkjBR
करूर भगदड़ के बाद डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शिक्षा मंत्री अंबिल महेश और स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम को तुरंत राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए मौके पर भेजा था. मंत्री महेश अस्पताल पहुंचे, जहां वह शवों को देखकर भावुक हो गए. उनके रोने का वीडियो वायरल होने पर पीएमके नेता अंबुमणि रामदॉस समेत कई अन्य ने उनकी प्रतिक्रिया पर सवाल उठाए थे.
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अंबिल महेश ने TVK को आड़े हाथों लिया
अंबिल महेश ने करूर भगदड़ के लिए टीवीके को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि रैली आयोजकों ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया था. उन्होंने छात्रों से अपील की कि नेताओं का अनुसरण ठीक है, लेकिन शिक्षा और सुरक्षा पहले है. स्टालिन सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख और घायलों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की थी. विजय की पार्टी टीवीके ने हर पीड़ित परिवार को 20 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी. डीएमके सरकार ने करूर भगदड़ की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.