द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) तमिलनाडु (Tamil Nadu) राज्य में स्थित एक राजनीतिक दल है जहां यह वर्तमान में सत्ताधारी पार्टी है जिसके पास गठबंधन समर्थन के बिना बहुमत है. पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेश है जहां यह वर्तमान विपक्ष में है.
अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के साथ-साथ यह तमिलनाडु के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक है. 2021 के राज्य चुनाव के बाद से, यह तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी रही है. DMK की स्थापना 17 सितंबर 1949 को तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री सी एन अन्नादुरई (C N Annadurai) द्वारा ई वी रामासामी (E V Ramasami) के नेतृत्व वाले द्रविड़ कज़गम से अलग हुए गुट के रूप में की गई थी (Foundation of DMK). अन्नादुरई 1949 से 1969 को अपनी मृत्यु तक महासचिव के रूप में DMK के अध्यक्ष रहे. वह 1967 से 1969 तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थें.
अन्नादुरई के साथ 1967 में, DMK भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अलावा, भारत में किसी भी राज्य में अपने दम पर स्पष्ट बहुमत के साथ राज्य स्तर के चुनाव जीतने वाली पहली पार्टी बन गई. एम करुणानिधि (M Karunanidhi) ने 1969 से 2018 तक पहले अध्यक्ष के रूप में अन्नादुरई के साथ रहे. उन्होंने पांच लगातार मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया, जिनमें से दो में उन्हें केंद्र सरकार द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था.
करुणानिधि की मृत्यु के बाद, उनके बेटे और पूर्व डिप्टी, एम के स्टालिन (M K Stalin), पार्टी अध्यक्ष हैं (DMK President).
तमिलनाडु के मंत्री एस. पेरियाकरुप्पन उपमुख्यमंत्री उधयनिधि स्टालिन के जन्मदिन समारोह में लड़कियों के अश्लील डांस पर तालियां बजाते और इशारे से उन्हें पास बुलाकर नचवाते दिखे. इसका वीडियो वायरल होने पर बीजेपी और एआईडीएमके ने मंत्री के चरित्र पर सवाल उठाए और इसे डीएमके का नकली नारीवाद करार दिया.
एक दिसंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में एसआईआर से लेकर वंदे मातरम् तक, हंगामे के आसार हैं. सरकार ने विपक्ष के तेवर देखते हुए आगामी सत्र के लिए अपनी रणनीति बना ली है.
तमिलनाडु के कानून मंत्री रघुुपति ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि राजभवन के पास शासन की कोई शक्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पास राज्य मंत्रिमंडल के फैसले को रोकने का अधिकार नहीं है. उन्हें या तो विधेयक को मंजूरी देनी चाहिए, या खारिज करना चाहिए, या राष्ट्रपति को भेजना चाहिए. राज्य विधानसभा ही एकमात्र शक्ति केंद्र है.
देश के 12 राज्यों में मंगलवार से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू हो रहा है, लेकिन तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके ने इस प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. पार्टी का आरोप है कि चुनाव आयोग ने मनमाने ढंग से लाखों मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए, जिससे लोग अपने मताधिकार से वंचित हो गए हैं.
करूर भगदड़ में 39 लोगों की मौत के बाद अस्पताल में शव देखकर तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश रोने लगे थे. इसके लिए उनकी सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग हुई थी. अब उन्होंने एक इंटरव्यू में ट्रोलर्स को जवाब दिया है...
एआईएडीएमके के राज्यसभा सांसद सीवी षणमुगम ने महिलाओं को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया, जिस पर बवाल मच गया है. उन्होंने डीएमके के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए महिलाओं की तुलना मुफ्त सरकारी योजनाओं से कर दी.
तमिल सुपरस्टार और नेता विजय ने करूर में हुई भगदड़ के पीड़ित परिवारों से वीडियो कॉल पर बात करके उनका दर्द बांटने की कोशिश की है. पिछले महीने हुई इस दर्दनाक घटना में 41 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा घायल हुए थे. विजय ने अब तक 4 से 5 परिवारों से करीब 20 मिनट तक बातचीत की.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बताया कि 1969 में करुणानिधि ने मिलाद-उन-नबी के लिए अवकाश घोषित किया था, जिसे 2001 में एआईएडीएमके सरकार ने रद्द कर दिया था, लेकिन 2006 में डीएमके ने इसे फिर से लागू किया.
चुनाव आयोग की कार्रवाई के दायरे में तमिलानाडु के 42 दलों के अलावा, सबसे ज्यादा यूपी की 121 पार्टियां आई हैं. साथ ही महाराष्ट्र (44), दिल्ली (40), तमिलनाडु (42) और मध्य प्रदेश (23) के दलों को रजिस्टर्ड पार्टियों की लिस्ट से बाहर किया गया है. अब 359 और सियासी दलों पर एक्शन की तैयारी है, जिसमें तमिलनाडु की 39 पार्टियां शामिल हैं.
Election Commission Action: तमिलनाडु की 42 पार्टियों सहित देशभर की 474 राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल, 359 और पर लटक रही तलवार.
तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके ने सीएम स्टालिन को सार्वजनिक रूप से यह ऐलान करने की चुनौती दी है कि उदयनिधि उनके उत्तराधिकारी नहीं होंगे. इस पर स्टालिन की पार्टी डीएमके ने भी पलटवार किया है.
संघ विचारक एस गुरुमूर्ति ने तमिलनाडु के सत्ताधारी गठबंधन की अगुवाई कर रही डीएमके पर हमला बोलते हुए कहा है कि वह न तो द्रविड़, ना ही तमिल पहचान के प्रति वफादार है. उन्होंने सूबे में बीजेपी की स्थिति को लेकर भी अपनी राय रखी.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होंगे. स्टालिन की पेरियार ब्रांड पॉलिटिक्स बिहार चुनाव में महागठबंधन के लिए कितनी कारगर साबित होगी?
वन्नियारासु ने जिस कहानी का जिक्र करते हुए यह विवादित बयानबाजी की, उसका संबंध उत्तर कांड में शंबूक प्रसंग से है. उत्तर कांड को रामायण का बाद में जोड़ा गया हिस्सा माना जाता है और इसकी प्रामाणिकता पर विद्वानों में मतभेद है.
अनुराग ठाकुर ने छात्रों से बातचीत के दौरान विज्ञान को लेकर ऐसा बयान दिया कि वो सुर्खियों में आ गए. उन्होंने कहा कि "हनुमान जी पहले अंतरिक्ष यात्री थे." उनका यह कथन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और शिक्षा में विज्ञान और मिथकों को मिलाने पर बहस छिड़ गई. डीएमके सांसद कनिमोझी ने इसे बच्चों को गुमराह करने वाला बताया.
उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाकर एक तीर से कई शिकार करने का दांव चला है. बीजेपी ने एक तरफ अपने समीकरण को साधने का दांव चला है तो दूसरी तरफ इंडिया ब्लॉक में सेंधमारी की भी रणनीति मानी जा रही है.
तार्किक तो यही होता कि कमल हासन ये कहते कि शिक्षा सभी धर्मों की बेड़ियों को तोड़ती है. पर शायद उनमें यह कहने की हिम्मत न हुई हो. क्योंकि उन्हें यह भी पता है कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे सहिष्णु धर्म है. उनके नेता उदयनिधी स्टालिन ने एक बार सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बोला था, फिर भी उन्हें कोई धमकी नहीं मिली, उनके नाम से कोई फतवा नहीं जारी हुआ.
डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि ऑल पार्टी डेलीगेशन भेजते वक्त बीजेपी ने पहली बार विपक्ष में भरोसा किया और देश का प्रतिनिधित्व करने विदेश गए दल में विपक्षी नेताओं को भी शामिल किया गया. उन्होंने कहा कि लेकिन इसकी नौबत क्यों आई.
डॉ. सोमु ने पूछा, 'मोदी जी कहते हैं कि वे तमिल से प्रेम करते हैं, तो फिर तीन भाषा नीति हम पर क्यों थोपी जा रही है?' उन्होंने कहा कि 'तीन भाषा नीति को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. अंग्रेजी कम्युनिकेशन की भाषा बनी रहे, यही काफी है.'
भाजपा प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने ए राजा पर निशाना साधते हुए कहा कि केवल एक मूर्ख और बेवकूफ ही केंद्र में सत्ता में न होने की हताशा और आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्ता खोने के डर से इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर सकता है.
केंद्र सरकार ने इस दावे को स्वीकार करने के लिए ज्यादा डेटा और सबूत की मांग की थी. मंगलवार को रामकृष्ण के तबादले पर प्रतिक्रिया देते हुए, सत्तारूढ़ डीएमके ने आरोप लगाया है कि यह ट्रांसफर कीलाडी रिपोर्ट को वापस लेने और इसके नतीजों को कमजोर करने की एक चाल है.