दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने साल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी शाहरुख पठान को 15 दिन की अंतरिम जमानत दी है. शाहरुख पर कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने का गंभीर आरोप है, जो दंगों के दौरान कैद किए गए वीडियो के जरिए सामने आया था. कोर्ट ने शाहरुख के पिता के गिरते स्वास्थ्य के मद्देनजर उन्हें यह राहत दी है.
अंतरिम जमानत देने के दौरान कोर्ट ने शाहरुख को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के एक जमानतदार पर रिहा किया. कोर्ट ने यह फैसला शाहरुख के परिवार द्वारा दिए गए प्रमाणपत्रों और उनके पिता की स्थिति को ध्यान में रखते हुए किया है. शाहरुख की यह जमानत 15 दिन की अवधि के लिए है, जिसके बाद उन्हें नए सिरे से कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा.
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2023 में एक मामले में शाहरुख को मिली थी जमानत
दिल्ली कोर्ट ने शाहरुख पठान को अक्टूबर 2023 में रोहित शुक्ला के गोलीबारी में घायल होने की घटना के संबंध में जमानत दे दी थी. हालांकि वह अन्य मामलों में जेल में ही बंद रहा है. शाहरुख 3 अप्रैल 2020 से दिल्ली पुलिस की कस्टडी में है. अपने जमानत आदेश में अदालत ने कहा था कि उसे मालूम है कि आरोपी का आचरण गिरफ्तारी से पहले, सुनवाई के दौरान और यहां तक कि न्यायिक हिरासत में भी बहुत खराब रहा है.
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गोलीबारी के आरोप झूठे आरोप लगाए गए थे!
कोर्ट ने तब यह भी कहा कि आरोप-पत्र के मुताबिक पठान पर शुक्ला को गोली मारने का आरोप नहीं है, बल्कि वह दंगाई भीड़ का हिस्सा था जिसने रोहित शुक्ला पर गोली चलाई थी. कोर्ट ने आगे कहा था कि शाहरुख पठान एक अन्य दंगा मामले में भी शामिल था, जिसमें एक पुलिस अधिकारी पर हमला किया गया था, लेकिन उस मामले को उसके तथ्यों के आधार पर निपटाया जाएगा.