दिल्ली में 10 नवंबर को हुए लाल किले ब्लास्ट की जांच में सिहरन पैदा करने वाला आतंकी नेटवर्क सामने आया है, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कट्टरपंथी बने डॉक्टरों की कथित संलिप्तता बताई जा रही है. जांचकर्ताओं का कहना है कि इस गिरोह ने देश के कई बड़े शहरों में सिलसिलेवार हमलों की योजना बनाई थी. ऐसे में आज तक की अंडरकवर टीम ने 'ऑपरेशन कुंभकर्ण' के तहत कई बड़े खुलासे किए.
दिल्ली ब्लास्ट के बाद NIA से लेकर दूसरी जांच एजेंसियों ने बताया कि डॉक्टर उमर, डॉक्टर मुजम्मिल, डॉक्टर शाहीन, डॉक्टर अदील ने कश्मीर से लेकर फरीदाबाद तक वो टेरर मॉ़ड्यूल बनाया, जहां बहुत आसानी से खेत में खाद की तरह इस्तेमाल होने वाली अमोनियम नाइट्रेट और NPK जैसी खाद को लेकर विस्फोटक में बदलकर धमाका किया.
जांच एजेंसियों ने बताया कि सफेद रंग की हुंडई i-20 कार में डॉक्टर उमर ने हरियाणा के नूंह के पास से खरीदी गई अमोनियम नाइट्रेट और NPK को मिलाकर वो विस्फोटक तैयार किया था, जिसमें फ्यूल मिलाकर धमाका किया गया. इसी के बाद सवाल आया कि फिर से क्या कोई उमर इसी तरह कार लेकर धमाका नहीं कर सकता? इस ऑपरेशन कुंभकर्ण के तहत आज तक की टीम ये जानने निकली कि जहां से डॉक्टर उमर ने विस्फोटक में बदल देने वाला अमोनियम नाइट्रेट और NPK खरीदा था. क्या अब भी वैसे ही खरीदा जा सकता है.
दिल्ली धमाके के बाद दिल्ली से लेकर हरियाणा समेत दूसरे राज्यों में अमोनियम नाइट्रेट, NPK जैसी खाद को लेकर निगरानी की जा रही है. दावा हुआ कि खाद की तरह भी अमोनियम नाइट्रेट, NPK या DAP खरीदने के लिए आधार कार्ड देना होगा. जहां के निवासी है, वहीं से सिर्फ खरीद हो सकती है. साथ ही एक तय मात्रा से अधिक खरीदने-बेचने पर निगरानी होती है.
लेकिन उसी हरियाणा के सोनीपत में आजतक के ऑपरेशन कुंभकर्ण में दिखता है कि अब भी धड़ल्ले से कहीं से कोई भी आकर वो बोरियां ले सकता है, जिन्हें इसी तरह लेकर उमर ने दिल्ली को दहला दिया.
ऑपरेशन कुंभकर्ण के तहत आज तक की टीम हरियाणा के सोनीपत के अकबरपुर भरोटा में सुरेश खाद भंडार पहुंची. सुरेश फर्टिलाइजर स्टोर में आज तक की टीम ने दुकानदार रितेश से DAP और NPK के बारे में पूछा. रितेश ने तुरंत 1,450 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से DAP की पेशकश की और गोदाम में रखी बोरियों का ढेर भी दिखाया.
दुकानदार रितेश: किस चीज में डालाना है आपने?
रिपोर्टर: फार्महाउस में.
दुकानदार रितेश: रजिस्ट्रेशन कर देंगे उसी टाइम आपका. अरे वो फर्म का जो किला नंबर होगा ना वही डाल देंगे. उसी से ही हो जाएगा.
रिपोर्टर: दिल्ली के हैं यार.
दुकानदार रितेश: हम्म
दुकानदार रितेश: और क्या चाहिए?
रिपोर्टर: भाई यही दस-दस कट्टे. दस कट्टे DAP के दे दो और दस कट्टे NPK दे दो.
दुकानदार रितेश: ठीक है.
रिपोर्टर: रेट बताओ, एक बार लिख के बताओ.
दुकानदार रितेश: ठीक है.
रिपोर्टर: NPK क्या होता है ये?
दुकानदार रितेश: सल्फर है साथ में, होता है नाइट्रोजन. पोटेशियम इसमें जीरो है. सल्फर है बीस पर्सेंट.
दुकानदार रितेश: आप DAP प्रेफर करोगे तो ये DAP भी हो जाएगा. उसके 1360 रुपये का रेट है और जो आप कहोगे, एनपीके, डीएपी भी मिल जाएगा. जो रेट लिख दिया यही होगा.
सोनीपत में इस दुकान पर अंडरकवर रिपोर्टर बार-बार कहते रहे कि हमारे पास आधार कार्ड नहीं है. लेकिन इसके बावजूद दुकानदार खुलकर पैसा लेकर ये बेचने को तैयार मिला.
रिपोर्टर: लेकिन हमारे पास अभी हम वो आधार कार्ड नहीं है. हम दिल्ली के हैं. तो कोई दिक्कत तो नहीं होगी न?
दुकानदार रितेश: नहीं. ये भेज देना टैम्पो गाड़ी.
रिपोर्टर: टैम्पो गाड़ी भेज देंगे. वो हमारी सिरदर्दी है और तो कुछ नहीं.
दुकानदार रितेश: होगा अगर आपका रजिस्ट्रेशन तो मैं कोशिश कर लूंगा. हो जाएगा तो ठीक है, नहीं तो कोई जरूरत नहीं है.
रिपोर्टर: ठीक है, ठीक है, ठीक है.
दुकानदार रितेश: नहीं तो जैसे फिर हम अपने, हमारे नाम हैं कुछ किल्ले हैं. मैं उसमें कर दूंगा.
रिपोर्टर: ठीक है
यानी इनवेस्टिगेशन बताती है कि दिल्ली धमाके के बाद किसी ने कोई सबक नहीं सीखा है. उमर ने जैसे ब्लास्ट किया, वैसे ही ब्लास्ट करने का सामान कोई भी खरीद सकता है.
अब ऑपरेशन बारूद के अगले हिस्से में आपको दिखाते हैं कि हरियाणा के सोनीपत में बारूद भी खुलेआम बिक रहा है. कोई पहचान, कोई आईडी देने की जरूरत नहीं, जितना चाहो, बोरी भरकर बारूद ले जाओ. यानी बम बनाने का सामान खुलेआम हरियाणा में बिक रहा है.
आजतक की टीम हरियाणा में सोनीपत के कुंडली इलाके में पहुंची. यहां शिव एग्रीकल्चर स्टोर पर हमारी मुलाकात चिराग नाम के शख्स से होती है, और यहां DAP यानी डायमोनियम फॉस्फेट और NPK यानी नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम आसानी से मिल जाता है और वो भी बिना सख्ती, बिना किसी जांच के. यहां खाद की खुली खरीद-फरोख्त चल रही थी जबकि ये फर्टिलाइजर एक निश्चित प्रक्रिया के बाद विस्फोटक भी बन सकते हैं.
रिपोर्टर: DAP मिल जाएगा?
दुकानदार चिराग: मिल जाएगा… कितना चाहिए?
रिपोर्टर: क्या रेट है?
दुकानदार चिराग: DAP का 1950 रुपये का.
इस बीच कट्टे के साथ एक बोतल आ गई.
रिपोर्टर: और NPK?
दुकानदार चिराग: NPK नहीं है.
रिपोर्टर: यूरिया का?
दुकानदार चिराग: यूरिया पड़ेगा 270 और 220… 490 रुपये का.
इसके बाद आज तक की इन्वेस्टिगेशन टीम हरियाणा में नूंह के बसाई गांव पहुंची. जांच एजेंसियों के मुताबिक, दिल्ली में कार धमाका करने वाला उमर भी नूंह के बसाई गांव में आत्मघाती हमला करने से पहले पहुंचा था. यहां खुलेआम बारूद बिकता हुआ मिला. आजतक की इनवेस्टिगेटिव टीम को पप्पू नाम का एक शख्स बारूद बेचने के लिए राजी हो गया. लेकिना ना तो उसने कोई पहचान पूछी और ना ही कोई आईडी मांगी.
रिपोर्टर:अच्छा ये बारूद?
दुकानदार पप्पू: बारूद का जिम्मे आज हो जाएगा रात तक… एक ठेकेदार है दूसरे गांव में. उससे बात कर लूंगा.
रिपोर्टर: हो जाएगा 5 किलो बारूद?
दुकानदार पप्पू: हो जाएगा.
रिपोर्टर: ठीक है, तो फिर आप ले लोगे फिर मैं आपको बता दूं पैसे कैसे होगा.
दुकानदार पप्पू: फिर आप पैसा डाल दो… फोन पर.
रिपोर्टर: ये जो बारूद आप दिलवाओगे. ये माइनिंग वाला है न?
दुकानदार पप्पू: ये जी ऐसा ही आता है, जैसे मतलब यूरिया खाद होता है, सफेद वैसे वाला.
रिपोर्टर: अच्छा.
दुकानदार पप्पू: जैसे पहाड़ियों में होल करना होता है. या एक फुट काटनी है, दो फुट काटनी है, फिर हमें उसमें बारूद डालना पड़ता है… फिर बत्ती लगानी पड़ती है… फिर बारूद उड़ाना पड़ता है.
रिपोर्टर: ठीक है, तो मुझे तो बारूदी चाहिए.
दुकानदार पप्पू: बत्ती नहीं चाहिए क्या?
रिपोर्टर: बत्ती भी चाहिए.
दुकानदार पप्पू: चलेगा तो बत्ती से ही.
रिपोर्टर: बारूद करवा देना.मुझे बारूद का रेट पता करके बता दो। पांच किलो के करीब चाहिए.
दुकानदार पप्पू: ठीक है. आज बता दूंगा.
बता दें कि जिस फर्टिलाइजर को विस्फोटक में आसानी से तब्दील किया जा सकता है, वो हरियाणा में बिना-पहचान बताए, बिना किसी सख्ती के बिक रहा है. यानी इससे ये भी साफ हो जाता है कि आतंक के डॉक्टर गैंग ने कितनी आसानी से विस्फोटक सामग्री जुटा ली होगी.
आज तक की इन्वेस्टिगेशन टीम बसई गांव के पास एक पेट्रोल पंप पर पहुंची और खुला पेट्रोल मांगा. पंप कर्मचारी बिना किसी हिचक के तैयार हो गए. उन्होंने बस इतना कहा कि खरीदार अपने साथ एक उपयुक्त कंटेनर लेकर आए. रिपोर्टर ने बताया कि वह अपने ड्राइवर को पांच लीटर की कैन और 500 रुपये के पेट्रोल के साथ भेज देगा, जिस पर पंप कर्मचारी तुरंत राजी हो गया.
इस स्टिंग ऑपरेशन से यह पता चलता है कि दिल्ली-एनसीआर और उसके पड़ोसी राज्य हरियाणा में जानलेवा बम बनाने के लिए जरूरी सभी चीजें खरीदना आज भी कितना आसान है. कुछ ही रुपयों में बिना पहचान, जगह और बिना किसी जानकारी के बिना किसी तरह की पूछताछ के कोई भी व्यक्ति फर्टिलाइजर दुकानों और स्थानीय नेटवर्क से यूरिया, एनपीके, अमोनियम नाइट्रेट और खदानों में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटक और पेट्रोल जुटा सकता है.