scorecardresearch
 

दिवाली के दिन का प्रदूषण डेटा गायब? aajtak के सवाल पर अधिकारियों का गोलमोल जवाब

दिवाली के बाद जब दिल्ली की हवा का रंग और गहराया, तब एयर क्वालिटी के आंकड़ों को लेकर एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ - कुछ स्क्रीन पर डेटा गायब, तो कुछ जगह मॉनिटरिंग स्टेशनों के पास पानी छिड़कने के आरोप लगे. सवाल उठा तो आजतक ने सीधे जिम्मेदार एजेंसियों से सवाल पूछा.

Advertisement
X
CPCB–CAQM ने AQI डेटा गायब होने और पानी छिड़काव आरोपों को खारिज किया (Photo: PTI)
CPCB–CAQM ने AQI डेटा गायब होने और पानी छिड़काव आरोपों को खारिज किया (Photo: PTI)

दिवाली के बाद दिल्ली में AQI डेटा अचानक गायब दिखने और मॉनिटरिंग स्टेशनों के पास पानी छिड़कने जैसे आरोपों पर आजतक ने जब CPCB और CAQM से सवाल किया, तो दोनों एजेंसियों ने इन आरोपों को सीधे खारिज कर दिया. 

CPCB चेयरपर्सन वीर विक्रम यादव ने साफ कहा कि सारे मॉनिटरिंग स्टेशन पूरी तरह ऑटोमैटिक हैं. डेटा हर 15 मिनट में खुद-ब-खुद कैलकुलेट होकर सर्वर पर पहुंचता है. उनका दावा था कि पूरे सिस्टम में किसी भी स्तर पर मानव हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है.

पानी छिड़काव को लेकर भी यादव ने कहा कि मॉनिटरिंग स्टेशन वैज्ञानिक मानकों के हिसाब से लगाए गए हैं. उनके पास छेड़छाड़ या हस्तक्षेप करना मुश्किल ही नहीं, लगभग नामुमकिन है. 

हालांकि, जब सवाल उठा कि दिवाली के बाद कई जगहों का डेटा अचानक गायब क्यों दिखा, तो इस पर उनका जवाब कुछ टालने वाला रहा.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में खतरनाक स्तर पर प्रदूषण... रेड जोन में 14 AQI स्टेशन, नोएडा भी खतरे के निशान पर

उधर, लगातार बिगड़ती हवा की हालत ने दिल्ली सरकार को एक नया कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है. अब एक नई मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जाएगी, जिसकी अगुवाई खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता करेंगी. इस कमेटी में वरिष्ठ वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे ताकि प्रदूषण की असली स्थिति की लगातार और स्वतंत्र निगरानी हो सके. 

Advertisement

दिल्ली की हवा पर अब निगाहें सिर्फ मशीनों की नहीं, बल्कि राजनीति और प्रशासन की भी टिकी हैं. जनता देख रही है कि प्रदूषण से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं. 

दिल्ली सरकार ने ऐलान किया है कि अब प्रदूषण पर कार्रवाई सिर्फ कागज़ों में नहीं, ज़मीन पर दिखेगी. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि 72 घंटों के भीतर पूरी दिल्ली में पॉटहोल यानी सड़कों के गड्ढे भरे जाएंगे, और छह महीनों में धूल उड़ने वाली सभी जगहों का स्थायी समाधान किया जाएगा. सभी स्थानीय निकायों को ग्रीन प्लांटेशन बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही BS-4 से नीचे के वाहनों पर सख्ती होगी और लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जाएगा.

सरकार ने साफ कहा है - चाहे सरकारी संस्था हो या निजी कंपनी, जहां भी निर्माण मलबा मिला, तुरंत कार्रवाई होगी. करीब 1400 किमी सड़कों पर मरम्मत का काम तेज़ी से चल रहा है, और MCD की 8,000 किलोमीटर सड़कें धूल-मुक्त बनाने का लक्ष्य तय हुआ है. बिना परमिशन रोड कटिंग पर अब सीधी FIR होगी.

धूल कम करने के लिए PWD की सभी सड़कों पर मशीनों से धुलाई की जाएगी, शहर में मिस्ट स्प्रे बढ़ाए जाएंगे और अगले 45 दिनों में 1,000 वैक्यूम-बेस्ड लिटर मशीनें खरीदी जाएंगी. मुख्यमंत्री कल ITO जाकर मिस्ट स्प्रे सिस्टम की समीक्षा करेंगी.

Advertisement

सिरसा ने बताया कि पिछले नौ महीनों में लीगेसी वेस्ट प्रोसेसिंग की रफ्तार दोगुनी हुई है. उद्योगों पर भी सख्त नजर रखी जाएगी. जो 20 दिनों में OMC लागू नहीं करेंगे, उन पर कार्रवाई होगी.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंचे संसद, प्रदूषण के खिलाफ सरकार को घेरा

प्रदूषण पर दीर्घकालिक रणनीति के लिए नई उच्च स्तरीय कमेटी भी बनेगी, जिसकी अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री करेंगी. वाहनों पर भी बड़ा आदेश आया है - BS-2 और BS-3 वाहनों के मालिकों को तुरंत PUC करवाना होगा, वरना कार्रवाई तय है.

सरकार ने यह भी साफ किया कि ऑड-ईवन सिर्फ “ड्रामा” था और प्रदूषण कम करने में असरदार नहीं रहा. वहीं, केंद्र ने कहा है कि वायु गुणवत्ता पर जल्द ही विशेष समीक्षा बैठक बुलाई जाएगी.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement