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जानिए कौन हैं अभिलाषा बराक, देश की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर

भारतीय सेना में अब तक महिलाएं केवल ग्राउंड वर्क किया करती थीं, लेकिन अब फाइटर हेलिकॉप्टर भी चलाएंगी. कैप्टन अभिलाषा बराक को भारतीय सेना की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनाया गया है. जानिए कौन हैं अभिलाषा बराक.

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पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनीं अभिलाषा बराक
पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनीं अभिलाषा बराक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कैप्टन अभिलाषा लड़ाकू हेलीकॉप्टर उड़ाएंगी
  • भारतीय सेना की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनीं

भारतीय सेना को इतिहास में पहली बार आर्मी एविएश कॉर्प्स (Army Aviation Corps) के तौर पर पहली महिला अधिकारी मिली है. कैप्टन अभिलाषा बराक (Captain Abhilasha Barak) को भारतीय सेना (Indian Army) की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर (Combat Aviator) बनाया गया है. भारतीय सेना के मुताबिक, नासिक में सेना के कॉम्बैट ऐविएशन ट्रेनिंग स्कूल में अभिलाषा ने अपनी ट्रेनिंग पूरी की है.

25 मई को कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल, नासिक में एक विदाई समारोह आयोजित किया गया, जहां महानिदेशक और कर्नल कमांडेंट आर्मी एविएशन लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सूरी ने 36 अन्य आर्मी पायलटों के साथ अभिलाषा को भी सम्मानित किया. कैप्टन अभिलाषा की इस उपलब्धि को भारतीय सेना में 'गोल्डन लेटर डे' के तौर पर मनाया गया है.

Captain Abhilasha Barak
कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल, नासिक से ली है ट्रेनिंग

ऐविएशन कोर में तैनात कैप्टन अभिलाषा, लड़ाकू हेलीकॉप्टर उड़ाएंगी. उन्हें ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) चलाने वाली 2072 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन की दूसरी उड़ान के लिए नियुक्त किया गया है.

आसमान में उड़ने की अभिलाषा

अभिलाषा बराक की उम्र 26 साल है और वे हरियाणा की रहने वाली हैं.अभिलाषा बराक की अभिलाषा हमेशा से ही पायलट बनने की थी. वे बचपन से ही अर्मी परिवेश में रही हैं और इसलिए उनका सेना में शामिल होना स्वाभाविक था. वे कर्नल एस ओम सिंह की बेटी हैं, जो 2011 में रिटायर हो चुके हैं. 2013 में जब भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में उन्होंने अपने बड़े भाई की पासिंग आउट परेड देखी, तब सेना में शामिल होने की अभिलाषा और दृढ़ हो गई.

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Captain Abhilasha Barak
बचपन से ही था पायलट बनने का सपना

कैप्टन अभिलाषा बराक लॉरेंस स्कूल, सनावर की छात्रा रही हैं. उन्होंने 2016 में दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. पढ़ाई पूरी करने के बाद वे जॉब के लिए अमेरिका चली गईं. वे डेलॉइट में बतौर इंजीनियर काम करती थीं. लेकिन आर्मी में भर्ती होने के लिए वापस भारत आईं. उन्हें सितंबर 2018 में आर्मी एयर डिफेंस कोर में शामिल किया गया था.

भारतीय सेना ने 2021 में महिला पायलटों का किया स्वागत   

आपको बता दें कि अभी तक महिलाएं भारतीय सेना में सिर्फ ग्राउंड ड्यूटी का हिस्सा थीं. हालांकि, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना में महिलाएं पायलट हैं. भारतीय सेना ने 2021 में 'आर्मी एविएशन कोर्स' शुरू किया, जिससे महिला पायलटों के लिए एक और दिशा खुल गई. 

 

आर्मी एविएशन कॉर्प्स भारतीय सेना की सबसे युवा कोर है, जो 1 नवंबर 1986 को बनाई गई थी. पिछले कुछ सालों में चीता, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव, हथियारों से लेस एएलएच रुद्र और लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर जैसी नई इकाइयों और उपकरणों को शामिल करने के साथ इस कोर का विस्तार हुआ है.


 

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