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'न पेंशन लेती हूं, न पूर्व सांसद के रूप में कोई सुविधा...', स्मृति ईरानी बोलीं- ये पैसा राष्ट्रीय रक्षा कोष को समर्पित

भारत के छोटे व्यापारी ‘मेक इन इंडिया’ को साकार करने और आर्थिक मजबूती में लगे हुए हैं. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने तुर्की और अज़रबैजान के सामानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है, जो भारत के रक्षा बलों के समर्थन में है. पूर्व मंत्री स्मृति ईरानी ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि यह फैसला भारत को आत्मनिर्भर और मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने में पूर्णतः समर्पित है.

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कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के फैसले के समर्थन में स्मृति ईरानी (फोटो क्रेडिट-पीटीआई)
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के फैसले के समर्थन में स्मृति ईरानी (फोटो क्रेडिट-पीटीआई)

भारत के छोटे व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने में समर्पित हैं. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने भारत के वीर सपूतों के समर्थन में तुर्की और अजरबैजान के सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस आह्वान का समर्थन करते हुए कहा कि देश का छोटा व्यापारी भारत के अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में योगदान दे रहा और भारत को आत्मनिर्भर और मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने में पूर्णतः समर्पित है. 

क्या बोलीं स्मृति ईरानी

स्मृति ईरानी ने कहा कि आज (शुक्रवार) को फेडरेशन की ओर से सभी ट्रेड असोसिएशन की ओर से जो बॉयकॉट का कॉल दिया गया है, वो भारत के उन वीर सपूतों के समर्थन में हैं, उन वीर नारियों के समर्थन में हैं जो देश की सरहद को सुरक्षित रखते हैं. मैंने स्वयं आज इस बात का व्यापारियों के सामने एक निवेदन रखा. ये निवेदन न डिफेंस फोर्सेज ने किया, न पैरामिलिट्री फोर्सेज ने किया, न पुलिस फोर्सेज ने किया न ये सरकार की अपील है.

नागरिक होने के नाते कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की स्ट्रेटेजिक एडवाइजर होने के नाते आज पूरी कन्फेडरेशन ने संकल्प लिया है कि हम भारत के नेशनल में अपनी ओर से योगदान देंगे. पिछले साल से लेकर अब तक मैंने पूर्व सांसद के नाते ना अपनी पेंशन ली, ना कोई सुविधा ली. ये भारत के खजाने का पैसा है जो नेशनल डिफेंस फंड को आज मैं समर्पित करती हूं.

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CAIT का राष्ट्रीय सम्मेलन और बड़ा निर्णय

भारतीय व्यापारी नेताओं ने तुर्की और अज़रबैजान के साथ व्यापार बहिष्कार का बड़ा निर्णय दिल्ली में कैट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया गया. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में देश भर से आए 125 से अधिक शीर्ष व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया कि भारत का व्यापारिक समुदाय तुर्की और अज़रबैजान के साथ हर प्रकार के व्यापार और व्यावसायिक संबंधों का पूर्ण बहिष्कार करेगा, जिसमें यात्रा और पर्यटन भी शामिल है.

यह भी पढ़ें: तुर्की के नए राजदूत का भारत में क्रेडेंशियल सेरेमनी रद्द, तनाव के बीच इंडिया का बड़ा कदम

फिल्म उद्योग से अपील

व्यापारिक समुदाय ने भारतीय फिल्म उद्योग से भी अपील की है कि वे तुर्की और अज़रबैजान में किसी भी प्रकार की फिल्म की शूटिंग न करें. यदि कोई फिल्म वहां शूट होती है, तो व्यापार जगत और आम जनता ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करेगी.

सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया कि कोई भी कॉरपोरेट हाउस तुर्की और अज़रबैजान में अपने उत्पादों के प्रमोशन की शूटिंग नहीं करेगा.

मोदी सरकार के साथ एकजुटता और विरोध का संकल्प

इस सम्मेलन में देश के 24 राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए उन सभी ताकतों का सख्ती से विरोध करने का संकल्प लिया जो भारत के खिलाफ खड़ी हैं.

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यह प्रस्ताव तुर्की और अज़रबैजान द्वारा हाल ही में पाकिस्तान के पक्ष में खुले समर्थन के संदर्भ में पारित किया गया है, जब भारत एक संवेदनशील और गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संकट से गुजर रहा है. व्यापारिक समुदाय का मानना है कि यह भारत के साथ एक प्रकार का विश्वासघात है, विशेष रूप से उस मानवीय एवं कूटनीतिक सहायता को देखते हुए जो भारत, और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ने संकट के समय इन देशों को प्रदान की थी.

CAIT महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का बयान

सभा में CAIT के महासचिव एवं सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्की और अज़रबैजान ने भारत की सद्भावना, सहायता और रणनीतिक समर्थन का लाभ उठाया. लेकिन आज उस पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं जो विश्व स्तर पर आतंकवाद के समर्थन के लिए जाना जाता है. उनका यह रुख भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात है और साथ ही 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का भी अपमान है.

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत विरोध स्वीकार नहीं

सम्मेलन में यह भी कहा गया कि तुर्की द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार भारत विरोधी बयान देना और पाकिस्तान की बात का समर्थन करना अस्वीकार्य है, जबकि अज़रबैजान का तुर्की के साथ खड़ा होना और पाकिस्तान के पक्ष में सार्वजनिक बयान देना भारत की दोस्ती और सहयोग के प्रति अनादर दर्शाता है.

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“भारत विरोधी” नीति पर कड़ा विरोध

CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया ने कहा कि व्यापारिक समुदाय ने दोनों देशों के प्रति अपनी तीव्र नाराजगी और असंतोष व्यक्त किया है और उनकी नीतियों को “अकृतज्ञ और भारत विरोधी” बताया. सम्मेलन में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि ऐसे देशों को भारत से किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग या व्यापारिक लाभ नहीं मिलना चाहिए.

भारत सरकार के फैसले का स्वागत

व्यापारियों ने भारत सरकार द्वारा तुर्की की कंपनी “Celebi Ground Handling India Private Limited” की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के निर्णय का स्वागत किया, जो भारत के नौ प्रमुख हवाई अड्डों पर सेवाएं प्रदान कर रही थी. यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया है. 

यह भी पढ़ें: भारत सरकार से तुर्की को झटका, Celebi एयरपोर्ट सर्विस का सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द

मुख्य निर्णय क्या लिए गए?

  • तुर्की और अज़रबैजान के उत्पादों का देशव्यापी बहिष्कार: भारत के व्यापारी अब तुर्की और अज़रबैजान से आयात-निर्यात बंद करेंगे.
  • व्यापारिक संबंधों पर पूर्ण विराम लगाने के लिए भारतीय निर्यातकों, आयातकों और व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों को इन देशों की कंपनियों या संस्थानों के साथ किसी भी प्रकार की व्यावसायिक साझेदारी से रोका जाएगा.
  • यात्रा और पर्यटन योजनाओं का बहिष्कार के साथ टूर ऑपरेटिंग एजेंसियों और इवेंट प्लानर्स से अनुरोध किया जाएगा कि वे तुर्की और अज़रबैजान को पर्यटन या व्यावसायिक गंतव्य के रूप में प्रचारित न करें.
  • भारत सरकार से अपील है कि. व्यापार और उद्योग मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें इन देशों के साथ सभी व्यावसायिक संबंधों की नीति स्तर पर समीक्षा की मांग की जाएगी. खंडेलवाल ने कहा कि “भारतीय व्यापारिक समुदाय हमेशा राष्ट्र के साथ खड़ा रहा है. जब कोई देश भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देता है, तो हम उसका उत्तर शांति के सबसे प्रभावशाली अस्त्र आर्थिक बहिष्कार के माध्यम से देंगे.”
  • CAIT देशभर में एक व्यापक जन जागरूकता अभियान भी चलाएगा, ताकि व्यापारियों, उपभोक्ताओं और यात्रा पेशेवरों को इस बहिष्कार से जोड़कर राष्ट्र की संप्रभुता, सुरक्षा और गौरव की रक्षा की जा सके.
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