चुनाव अधिकार निकाय एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय दलों के बीच सबसे ज्यादा चंदा भारतीय जनता पार्टी को मिला. पार्टी को कुल 8,358 चंदे मिले, जिसकी रकम कुल मिलाकर 2,243 करोड़ रुपये से ज्यादा है. चुनाव आयोग को सौंपे गए आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट में 20 हजार रुपये से ज्यादा के राजनीतिक चंदे के रुझान पर रिपोर्ट जारी की गई है.
राष्ट्रीय दलों को घोषित कुल चंदा 12,547 रहा, जिसकी कुल रकम 2,544.28 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की तुलना में 199 फीसदी की बढ़ोतरी है. अकेले बीजेपी द्वारा घोषित चंदे का कुल 88 प्रतिशत है. कांग्रेस 1,994 चंदों के जरिए 281.48 करोड़ रुपये के साथ बहुत दूर दूसरे स्थान पर रही.
क्षेत्रीय पार्टियों की क्या स्थिति?
आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPEP) ने इससे कम राशि की जानकारी दी, जबकि बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने एक बार फिर 20 हजार रुपये से ज्यादा के किसी भी चंदे की घोषणा नहीं की, जो पिछले 18 वर्षों से उसके द्वारा दी जा रही जानकारी के अनुरूप है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी को मिलने वाला चंदा वित्त वर्ष 2022-23 में 719.858 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 2,243.94 करोड़ रुपये हो गया, जो 211.72 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है. इसी तरह, कांग्रेस को मिलने वाला चंदा वित्त वर्ष 2022-23 में 79.924 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 281.48 करोड़ रुपये हो गया, जो 252.18 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है.
इसी अवधि में, AAP द्वारा घोषित चंदे में 70.18 फीसदी या 26.038 करोड़ रुपये की कमी आई, जबकि NPEP द्वारा घोषित दान में 98.02 फीसदी या 7.331 करोड़ रुपये की कमी आई.
कुल कितने चंदे?
ECI की 30 सितंबर, 2024 की समय सीमा के बावजूद, केवल BSP और AAP ने ही वक्त पर अपनी योगदान रिपोर्ट प्रस्तुत की. बीजेपी ने 42 दिन की देरी से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, उसके बाद CPI(M), INC और NPEP ने इसे 43, 27 और 23 दिन देरी से प्रस्तुत किया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय दलों को कॉरपोरेट/व्यावसायिक सेक्टर्स से 3,755 चंदे दिए गए, जो कि 2,262.55 करोड़ रुपये (कुल दान का 88.92 फीसदी) था, जबकि 8,493 व्यक्तिगत दाताओं ने वित्त वर्ष 2023-24 में 270.872 करोड़ रुपये (कुल दान का 10.64 फीसदी) चंदा दिया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 3,478 चंदा बीजेपी को (2,064.58 करोड़ रुपये) दिए गए. पार्टी को वित्त वर्ष 2023-24 में 4,628 व्यक्तिगत दानदाताओं के जरिए 169.126 करोड़ रुपये मिले. इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कांग्रेस को कॉरपोरेट/व्यावसायिक सेक्टर्स से 102 दान के जरिए कुल 190.3263 करोड़ रुपये और 1,882 व्यक्तिगत दानदाताओं के जरिए 90.899 करोड़ रुपये मिले.
किस फर्म ने दिया सबसे ज्यादा चंदा?
ADR ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अन्य सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित कुल कॉर्पोरेट दान राशि (197.97 करोड़ रुपये) से नौ गुना ज्यादा 2064.58 करोड़ रुपये बीजेपी को मिले.
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने बीजेपी और कांग्रेस को मिलाकर कुल 880 करोड़ रुपये का चंदा दिया और यह दलों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाला टॉप दानकर्ता है. ट्रस्ट ने बीजेपी को 723.675 करोड़ रुपये (पार्टी को प्राप्त कुल धनराशि का 32.25 फीसदी) और कांग्रेस को 156.4025 करोड़ रुपये (पार्टी को प्राप्त कुल धनराशि का 55.56 फीसदी) दान दिया.
ट्रस्ट ने बीजेपी को 723.675 करोड़ रुपये (पार्टी को प्राप्त कुल रकम का 32.25 फीसदी) और कांग्रेस को 156.4025 करोड़ रुपये (पार्टी को प्राप्त कुल रकम का 55.56 फीसदी) दान दिया. ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने बीजेपी को चार चंदों में 127.50 करोड़ रुपये दिए और डेरिव इन्वेस्टमेंट्स ने उसे 50 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 3.20 करोड़ रुपये दान दिए.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्मे सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने पांच चंदों के जरिए 51 करोड़ रुपये, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने एक ही चंदे में 50 करोड़ रुपये, रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने एक ही चंदे में 50 करोड़ रुपये और दिनेश चंद्र आर अग्रवाल इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2023-24 में बीजेपी को एक ही चंदे में 30 करोड़ रुपये दिया.
ADR ने पाया कि प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट की रिपोर्ट में बीजेपी को 723.78 करोड़ रुपये मूल्य के 31 दान मिलने की बात कही गई है, जबकि पार्टी ने अपनी रिपोर्ट में 723.675 करोड़ रुपये मूल्य के 30 चंदे मिलने की बात कही है.
जयभारत इलेक्टोरल ट्रस्ट की वित्त वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट के मुताबिक, इसने बीजेपी को 5 करोड़ रुपये का चंदा दिया. हालांकि, एडीआर ने कहा कि उसी वित्त वर्ष के लिए बीजेपी की योगदान रिपोर्ट में इस योगदान का जिक्र नहीं है.