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Assembly Elections 2022: 'चुनाव खर्च में नाटक-नौटंकी! आल्हा-बिरहा सब होगा'

लोकतंत्र के उत्सव आम चुनाव में नाटक, नौटंकी, आल्हा बिरहा सब होगा. निर्वाचन आयोग की चुनाव प्रचार की बाबत खर्च की मंजूरशुदा रेट लिस्ट में तो ये सब कुछ है.

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चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा नाश्ता व भोजन कराया जाता है, जिसका रेट भी तय किया गया है.
चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा नाश्ता व भोजन कराया जाता है, जिसका रेट भी तय किया गया है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख की गई खर्च सीमा
  • राजनीतिक पार्टियों को देना होगा खर्च का पूरा हिसाब

निर्वाचन आयोग ने जनवरी की शुरुआत में 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों (5 State Assembly Elections 2022) के लिए खर्च की सीमा 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर ही दी है. अब उन खर्चों का ब्योरा यानी किस मद में कितनी तक धनराशि खर्च की जा सकती है या खर्च के ब्यौरे में दिखाई जा सकती है, इसकी पूरी सूची जारी कर दी है. 

ये खर्च महंगाई बढ़ने के साथ-साथ वर्चुअल मोड में प्रचार करने डिजिटल और सोशल मीडिया पर होने वाले प्रचार अभियान के अतिरिक्त खर्च को ध्यान में रखते हुए बढ़ाया गया है. अब आयोग और प्रचार में लगे उम्मीदवारों के लिए चुनौती है कि वो इन मदों में खर्चा कैसे दिखाएंगे और आयोग के उड़नदस्ते उन पर कैसे अपनी पैनी निगाह रखेंगे.

भुगतान की राशि भी की तय
चुनाव सभाओं में उम्मीदवार लोक गायकों के जरिए प्रचार करवाना चाहें तो लोकगीत, बिरहा, कव्वालियां या आल्हा गाने वाले लोकगायकों को साढ़े पांच हजार रुपए की दिहाड़ी के हिसाब से भुगतान करना होगा. कठपुतली, जादू और खेल तमाशों के जरिए एक्चुअल या वर्चुअल मोड से चुनाव प्रचार करने के लिए इन कलाकारों को ढ़ाई हजार यानी 2500 रुपए प्रतिदिन के दर से भुगतान करना होगा. राजनीतिक लघु नाटिका, नृत्य यानी रंगमंच के जरिए उम्मीदवार के समर्थन में चुनाव प्रचार कर माहौल बनाने वाले कलाकार दलों को 6 हजार रुपए, बड़े सांस्कृतिक दलों को 8000 रुपए की दर से भुगतान करना या खर्चे में दिखा सकते हैं. 

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प्रचार में राजनीतिक पार्टियां नाटक नौटंकी के लिए 3500 रुपए, ढोल खंजरी दल को 1000 रुपए और अंग्रेजी बैंड बाजा पार्टी को 3500 रुपए तक का भुगतान कर सकती हैं. इससे ज्यादा नहीं. खास बात यह भी है कि ऐसे आयोजनों के लिए पार्टियों को पहले से ही चुनाव अधिकारी को खत लिखकर मंजूरी लेनी होगी. खत मिलने के बाद चुनाव अधिकारी यह तय करेंगे कि कोरोना महामारी के दौर में इस तरह के कार्यक्रम की इजाजत दी जा सकती है या नहीं.

आयोग ने तय किया टोपियों का भी खर्च
इस लिस्ट में टेंट, कुर्सी, टेबल, पानी पीने के लिए सिंगल यूज के ग्लास, प्लेट चम्मच सबके भाव तय किए गए हैं. यानी तय दर के मुताबिक प्रशासन से इजाजत लेकर की गई सभाओं के लिए दरी 12 रुपए और कुर्सी सात रुपए प्रति की दर से मंगाई जा सकती हैं. दर्जन भर टोपियों पर खर्च 70 रुपए से अधिक नहीं किया जा सकेगा. प्रचार के लिए अनगिनत कार्यकर्ता नहीं जा पाएंगे.

चुनाव प्रचार में इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकर का किराया 1900 रुपये प्रति दिन के हिसाब से प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जाएगा. होटल में रुकने के लिए कमरे का किराया 1100 से 1800 रुपये तक होगा. जेनरेटर का खर्च 506 रुपये प्रतिदिन, बाल्टी 4 रुपये प्रति नग, ट्यूबलाइट 60 रुपये, खाना 120 रुपये प्रति व्यक्ति, कोल्ड ड्रिंक 90 रुपये प्रति दो लीटर व बैज बिल्ला 600 रुपये सैकड़ा के हिसाब से खर्च में जोड़ा जाएगा.

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