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टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजन हो गए बंद... एअर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भर रही एअर इंडिया की बोइंग 787-8 विमान (फ्लाइट AI 171) टेकऑफ के तुरंत बाद एक मेडिकल हॉस्टल परिसर से टकरा गई. इस भीषण हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर्स शामिल थे. केवल एक यात्री इस दुर्घटना में जीवित बचा.

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अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया का प्लेन क्रैश हो गया था (फाइल फोटो)
अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया का प्लेन क्रैश हो गया था (फाइल फोटो)

अहमदाबाद में 12 जून को हुए एअर इंडिया के विमान हादसे को लेकर भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. इसमें पता चला है कि टेकऑफ के कुछ सेकंड ही बाद विमान के दोनों इंजन अचानक अपने-आप बंद हो गए थे, जिससे विमान गिरने की नौबत आ गई.

AAIB की 15 पन्नों की रिपोर्ट के अनुसार, विमान ने सुबह करीब 08:08 बजे 180 नॉट्स की अधिकतम इंडिकेटेड एयरस्पीड (IAS) हासिल की. इसके तुरंत बाद इंजन-1 और इंजन-2 के फ्यूल कट-ऑफ स्विच (जो इंजन को ईंधन भेजते हैं) ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजिशन में चले गए और वो भी सिर्फ 1 सेकंड के अंतराल पर, जिससे इंजनों में ईंधन आना बंद हो गया और दोनों इंजन के N1 व N2 रोटेशन स्पीड तेजी से गिरने लगी.

इस हादसे में कैप्टन सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर की जान चली गई.

पायलटों के बीच हुई हैरान करने वाली बातचीत

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में इंजन बंद होने को लेकर पायलट और को-पायलट के बीच बातचीत हुई. रिपोर्ट के मुताबिक पायलट सुमीत सभरवाल ने अपने को-पायलट क्लाइव कुंदर से सवाल पूछा- 'तुमने इंजन फ्यूल क्यों बंद किया?'. इसके जवाब में को-पायलट क्लाइव कुंदर ने कहा, 'मैंने कुछ नहीं किया.' यह बातचीत इस हादसे की रहस्यमय प्रकृति को और गहरा करती है, क्योंकि दोनों पायलटों ने इंजन बंद करने की बात से इनकार किया है. ऐसे में यह एक संभावित तकनीकी खामी हो सकती है. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी की जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला है जिससे बोइंग 787-8 विमान या उसके इंजन बनाने वाली कंपनी के लिए कोई चेतावनी जारी करनी पड़े.

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इंजन रीलाइट का प्रयास, लेकिन असफल

रिपोर्ट के अनुसार, दोनों इंजन में रीलाइट की प्रक्रिया शुरू हुई. इंजन-1 कुछ हद तक रिकवर करने लगा, लेकिन इंजन-2 पूरी तरह से स्पीड रिकवर नहीं कर पाया. इस दौरान APU (Auxiliary Power Unit) भी ऑटोस्टार्ट मोड में सक्रिय हुआ, लेकिन वह भी विमान को स्थिर नहीं कर पाया.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में सस्ती होगी प्रॉपर्टी, रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए DDA ने लिए अहम फैसले

जानें आखिर कैसे एक 'कॉन्फिगरेशन एरर' बन गई भारत के सबसे बड़े विमान हादसे की वजह (फोटो: पीटीआई)

एयरपोर्ट की सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद यह सामने आया कि टेकऑफ के तुरंत बाद विमान की Ram Air Turbine (RAT) यानी आपातकालीन पंखा बाहर आ गया. आमतौर पर, RAT तभी बाहर निकलता है जब विमान की बिजली सप्लाई में समस्या आती है. इसका मतलब है कि इंजन बंद होने के कारण विमान की मेन पावर सप्लाई भी प्रभावित हुई थी.

रैम एयर टर्बाइन एक छोटा प्रोपेलर जैसा उपकरण होता है जो दोनों इंजन के बंद होने या पावर सप्लाई बंद होने या फिर हाइड्रोलिक विफलता पर स्वचालित रूप से तैनात हो जाता है. यह विमान को ऊंचाई बनाए रखने में मदद करता है. आरएटी आपातकालीन शक्ति उत्पन्न करने के लिए हवा की गति का उपयोग करता है.

हादसे से पहले 'मेडे' कॉल, फिर क्रैश

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रिपोर्ट में कहा गया है कि EAFR रिकॉर्डिंग 08:09:11 बजे रुकी. इससे पहले लगभग 08:09:05 बजे एक पायलट ने 'MAYDAY MAYDAY MAYDAY' की कॉल भेजी. इस पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATCO) ने प्रतिक्रिया दी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. ATCO ने विमान को रनवे पार करने से पहले ही नीचे गिरते हुए देखा और इमरजेंसी सेवाओं को सक्रिय कर दिया. 08:14:44 बजे एयरपोर्ट से फायर टेंडर रवाना हुआ, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन की टीमें भी रेस्क्यू में जुट गईं.

प्‍लेन हादसे में परिजनों को कितना मिलता है मुआवजा

हादसा रनवे के पास ही हुआ, बर्ड हिट से इनकार

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विमान एयरपोर्ट की परिधि दीवार को पार करने से पहले ही ऊंचाई खोने लगा था. जांच में इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि विमान के रास्ते में कोई पक्षी थे. इससे यह स्पष्ट होता है कि बर्ड हिट इस दुर्घटना का कारण नहीं था.

AAIB के अनुसार, दुर्घटनास्थल पर ड्रोन फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करी ली गई है और मलबा सुरक्षित जगह रखा गया है ताकि आगे की तकनीकी जांच की जा सके. साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अभी की जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला है जिससे बोइंग 787-8 विमान या उसके इंजन बनाने वाली कंपनी के लिए कोई चेतावनी जारी करनी पड़े.

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EAFR का डेटा निकालने के लिए विशेष तकनीकों का हो रहा इस्तेमाल

हादसे की जांच अभी जारी है और इससे जुड़े कई महत्वपूर्ण तकनीकी हिस्सों की पहचान कर उन्हें आगे की जांच के लिए अलग रख दिया गया है. एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने बताया कि विमान के पिछले हिस्से में लगे एक्सटेंडेड एयरफ्रेम फ्लाइट रिकॉर्डर (EAFR) को भारी नुकसान पहुंचा है और उसे पारंपरिक तरीकों से एक्सेस नहीं किया जा सका है. इस रिकॉर्डर से डेटा निकालने के लिए विशेष तकनीकों की मदद ली जा रही है. EAFR का डेटा फॉरवर्ड यूनिट से सफलतापूर्वक डाउनलोड कर लिया गया है.

बहुत सीमित मात्रा में फ्यूल के सैंपल APU फिल्टर और लेफ्ट विंग के रिफ्यूल/जेटिसन वाल्व से लिए जा सके हैं. इनका परीक्षण विशेष प्रयोगशाला में होगा. चश्मदीदों और एकमात्र बचे यात्री के बयान लिए जा चुके हैं. क्रू और यात्रियों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का विश्लेषण चल रहा है ताकि मेडिकल और इंजीनियरिंग पहलुओं को मिलाया जा सके. जांच टीम अन्य सबूतों, रिकॉर्ड और जानकारी का विश्लेषण कर रही है.

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में अब तक 270 लोगों की मौत हो गई है

प्रारंभिक जांच पर एअर इंडिया का आया बयान

विमान हादसे पर आई प्रारंभिक जांच को लेकर एअर इंडिया ने आधिकारिक बयान जारी किया है. एक्स पोस्ट में एअर इंडिया ने लिखा, 'एअर इंडिया AI171 दुर्घटना से प्रभावित परिवारों और व्यक्तियों के साथ खड़ी है. हम इस क्षति पर शोक व्यक्त करते हैं और इस कठिन समय में पूर्ण समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम 12 जुलाई 2025 को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी प्रारंभिक रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं. एअर इंडिया सभी हितधारकों, जिनमें नियामक भी शामिल हैं, के साथ मिलकर कार्य कर रही है. हम AAIB और अन्य प्राधिकरणों के साथ पूर्ण सहयोग करना जारी रखेंगे, क्योंकि जांच आगे बढ़ रही है. जांच के सक्रिय स्वरूप को देखते हुए, हम किसी भी विशेष विवरण पर टिप्पणी करने में असमर्थ हैं और इस प्रकार की सभी पूछताछ के लिए AAIB से संपर्क करने की सलाह देते हैं.'

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हादसे में 260 लोगों की गई थी जान

गौरतलब है कि 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भर रही एअर इंडिया की बोइंग 787-8 विमान (फ्लाइट AI 171) टेकऑफ के तुरंत बाद एक मेडिकल हॉस्टल परिसर से टकरा गई. इस भीषण हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर्स शामिल थे. केवल एक यात्री इस दुर्घटना में जीवित बचा. यह पहली बार था जब बोइंग के सबसे लोकप्रिय वाइड-बॉडी विमान ड्रीमलाइनर (Boeing 787) की किसी दुर्घटना में इतनी जानें गईं और विमान पूरी तरह नष्ट (हुल लॉस) हो गया. 26 जून को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस हादसे पर एक स्थिति रिपोर्ट (स्टेटस रिपोर्ट) भी जारी की थी.

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