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सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर MVA में मतभेद! क्या पाकिस्तान पर एकजुट नहीं महाराष्ट्र के विपक्षी दल

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति को भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति और विदेश नीति पर विस्तार से बताया. महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी में इस पहल को लेकर मतभेद दिखे, खासकर शिवसेना (UBT) के संजय राऊत ने प्रतिनिधिमंडल गठन पर आपत्ति जताई.

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ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर महा विकास अघाड़ी में दिखी असहमति
ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर महा विकास अघाड़ी में दिखी असहमति

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति को सोमवार को ब्रीफ किया. आतंकियों के चेहरे बनेकाब करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बनाए गए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल यूएन के प्रमुख साझेदार देशों में जाएंगे. 

ये प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत के नीति को दुनिया के सामने रखेंगे. हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए इस पहल को लेकर महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी (MVA) के भीतर मतभेद देखने को मिला है.

शिवसेना (UBT) की नाराजगी

शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राऊत ने इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के गठन की आलोचना की. साथ ही इसके प्रक्रिया और इरादों को लेकर सवाल खड़ा किया है. 

उन्होंने कहा, शिवसेना (UBT) के 9 लोकसभा सांसद होने के बावजूद उनके पार्टी को इग्नोर किया गया. उनके पार्टी से कोई भी सलाह नहीं ली गई. 

संजय राऊत का कहना है कि विदेशों में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त पहले से ही ये काम कर रहे थे. इस तरह की टीम बनाने से कश्मीर का मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने जैसा हो जाएगा.  

आदित्य ठाकरे ने क्या कहा?

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शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के गठन के पीछे राजनीतिक उद्देश्य है. हालांकि, पार्टी राष्ट्रहित में अपना प्रतिनिधि जरूर भेजेगी. लेकिन मोदी सरकार की नीयत पर सवाल रहेगा. 

उन्होंने कहा, विदेश मंत्री को ये बताना चाहिए कि प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजने की नौबत क्यों आई? कोई भी इस बारे में बात नहीं कर रहा है कि पहलगाम में आतंकी कैसे आए?

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने क्या कहा?

शिवसेना (यूबीटी) से विपरीत, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अधिक संतुलित रवैया अपनाया. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए. भारत का एकजुट छवि को दुनिया के सामने रखनी की जरूरत है. 

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य भारत का आतंकवाद के खिलाफ नीति को दुनिया के सामने स्पष्ट तौर पर रखना है. 

पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने एक फिर से दोहराया कि पार्टी के नेताओं से प्रतिनिधिमंडल में नियुक्त करने से पहले सलाह नहीं ली गई. 

उन्होंने कहा, पार्टी ने चार नाम दिए थे. लेकिन, बिना कोई चर्चा किए बिना शशि थरूर को प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त कर दिया गया. 

शिंदे गुट का पलटवार

शिवसेना सांसद और प्रतिनिधिमंडल के सदस्य डॉ. श्रीकांत शिंदे ने शिवसेना यूबीटी पर देश के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया. 

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महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि इस प्रतिनिधिमंडल में सभी राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व दिया गया है. उन्होंने कहा कि ये प्रतिनिधिमंडल का गठन पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
 

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