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ठाणे: अगरबत्ती के धुएं से शुरू हुआ विवाद, हमले में 3 घायल, मुख्य आरोपी समेत 6 गिरफ्तार

महाराष्ट्र के कल्याण में अगरबत्ती के धुएं को लेकर शुरू हुआ विवाद हिंसक झगड़े में बदल गया. पड़ोसी देशमुख और शुक्ला परिवार के बीच यह विवाद इतना बढ़ा कि मारपीट और हथियारों का इस्तेमाल हुआ. पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. कल्याण कोर्ट ने सभी आरोपियों को छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

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अगरबत्ती जलाने को लेकर हुई मारपीट.
अगरबत्ती जलाने को लेकर हुई मारपीट.

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण में स्थित अजमेरा हाइट्स सोसायटी में अगरबत्ती जलाने के विवाद ने हिंसक रूप ले लिया. मंत्रालय में काम करने वाले अधिकारी अखिलेश शुक्ला ने पड़ोसियों की आपत्ति के बाद 10-15 लोगों को बुलाकर सोसायटी के तीन लोगों की पिटाई कर दी. इस घटना के कारण महाराष्ट्र में फिर से गैर निवासियों और मराठों का मुद्दा उठा. इसके बाद कल्याण खड़कपाड़ा पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ आपसी मामला दर्ज कर इस मामले में आरोपी अखिलेश शुक्ला और उसकी पत्नी गीता शुक्ला के साथ विवेक जाधव, पार्थ जाधव, दर्शन बोराडे और सुमित जाधव को गिरफ्तार कर लिया.

शनिवार को सभी आरोपियों को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच कल्याण कोर्ट में पेश किया गया, जहां जज एनपी वासडे ने सभी आरोपियों को छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पुलिस अधिकारी ने कोर्ट के समक्ष दलील दी और दस दिन की पुलिस हिरासत मांगी, जिसमें उल्लेख किया गया कि उन्हें आरोपी द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियार को बरामद करने और यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि यह पूर्व नियोजित हमला था या नहीं. 

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वहीं, शुक्ला के वकील ने तर्क दिया कि आरोपी पहले ही 24 घंटे पुलिस हिरासत में रह चुका है और पुलिस को जांच के लिए पर्याप्त समय दिया गया है. जिसके बाद कल्याण कोर्ट के जज एनपी वासडे ने आरोपी को 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. आरोपी अखिलेश शुक्ला के वकील अनिल एस पांडे ने कहा कि मराठी या गैर मराठी का कोई मुद्दा नहीं है. मामला सिर्फ अगरबत्ती के धुएं का है, जो झगड़े में बदल गया. शुक्ला द्वारा दर्ज की गई दूसरी एफआईआर पर पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. 

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झगड़े की वजह और आरोप

शिकायतकर्ता के वकील हारिस सरोदे ने कहा कि देशमुख परिवार और शुक्ला परिवार पड़ोसी हैं. उनके बीच अगरबत्ती जलाने को लेकर विवाद हुआ था. आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच पुराना विवाद है. उसके बाद आरोपी अखिलेश शुक्ला ने कुछ लोगों को बुलाया. उन लोगों ने लोहे की रॉड और डंडों से उसकी पिटाई की. शिकायतकर्ता के भाई के सिर पर गहरा जख्म है. इस मामले में 118-2 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसमें प्लानिंग की धारा लगाई गई है. इसके अलावा खुद के वाहन पर सरकारी लाल बत्ती लगाने की धारा लगाई गई है. इस मामले में इस्तेमाल किए गए हथियारों की जांच के आदेश दिए गए हैं. इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और बाकी जो फरार हैं, उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए हैं.

एक व्यक्ति के कारण पूरे समाज को नहीं किया जा सकता बदनाम

भिवंडी के सांसद सुरेश म्हात्रे उर्फ ​​बाल्या मामा ने कहा कि उन्होंने इस मामले में घायल अभिजीत देशमुख से मुलाकात की है. उन्हें गंभीर चोटें आई हैं. मुझे उम्मीद है कि इस मामले में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाएगा. यह मराठी या गैर मराठी का मुद्दा नहीं है, ऐसी घटना केवल उनके (शुक्ला के) निजी दृष्टिकोण को दर्शाती है. एक व्यक्ति के कारण पूरे समाज को बदनाम नहीं किया जा सकता.

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