महाराष्ट्र के बीड जिले में पुलिस ने चोरी और डकैती में शामिल एक गैंग के चार सदस्यों को 10 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद गिरफ्तार किया है. एक एजेंसी के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि 12 दिसंबर को आरोपियों को पकड़ने में स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की मदद की. मध्य प्रदेश के रहने वाले गैंग के सदस्य बीड, अंबाजोगाई और जियोराई तहसीलों में काम कर रहे थे.
टमाटर सॉस का भी करते इस्तेमाल
मंगलवार को पुलिस की एक रिलीज़ में कहा गया कि वे मेहमानों या भिखारियों के वेश में शादी समारोहों में घुसते थे और सोने के गहने चुरा लेते थे. कई मामलों में वे कैश निकालने के बाद बैंक कस्टमर्स को ट्रैक करके और उनके बैग छीनकर उन्हें टारगेट करते थे. इसमें कहा गया है कि कभी-कभी, वे ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर पीड़ितों पर टमाटर सॉस गिरा देते थे और कैश व कीमती सामान लेकर भाग जाते थे.
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12 दिसंबर को चारों आरोपी चोरी की मोटरसाइकिलों पर सवार होकर लूटपाट करने के इरादे से बीड के कैज पहुंचे, लेकिन उनका प्लान फेल हो गया. पुलिस ने बताया कि जांच से पता चला कि गैंग ने चोरी के पैसे लेकर बीड में घुसने से पहले नंदुरबार जिले में बैग लिफ्टिंग की थी.
बाद में उन्होंने कैज में एक बैंक में लूट की कोशिश की, जो नाकाम रही. जिससे उन्हें दो बिना रजिस्ट्रेशन वाले दोपहिया वाहनों पर बीड शहर की ओर भागना पड़ा. जहां उन पर लोकल क्राइम ब्रांच टीम को शक हुआ, जिसने तुरंत उनका पीछा करना शुरू कर दिया.
अधिकारियों ने बताया कि दो आरोपियों को मौके पर ही पकड़ लिया गया, जबकि बाकी दो को पुलिस ने कैज से करीब 10 km दूर मासजोग में पीछा करके पकड़ा. आरोपियों को पकड़ने में स्थानीय लोगों ने पुलिस की मदद की.
रिलीज में कहा गया है कि पुलिस ने आरोपियों से दो चोरी की मोटरसाइकिलें और मोबाइल फोन बरामद किए. जिनकी पहचान बादल कृष्ण सिसोदिया (24), काला उर्फ ऋतिक महेश सिसोदिया (29), दीपक दिलीप सिसोदिया (29) और जसवंत मणिलाल सिसोदिया (27) के तौर पर हुई है. ये सभी मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के गुलखेड़ी गांव के रहने वाले हैं.
पुलिस का दावा गिरफ्तारी से सुलझ सकते हैं कई मामले
पुलिस ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी से इलाके में कई अनसुलझे चोरी और लूट के मामलों को सुलझाने में मदद मिल सकती है. पुलिस के मुताबिक सिसोदिया गैंग अक्सर शादी समारोहों में चोरी के लिए नाबालिगों को शामिल करता था. रिलीज में कहा गया है कि बच्चों का इस्तेमाल महिलाओं के पर्स चुराने या भीड़भाड़ वाली जगहों का फायदा उठाकर दुल्हन के कमरों में घुसने के लिए किया जाता था.
इसी तरह की घटनाएं पहले बीड और आष्टी में भी हुई थीं. इसमें कहा गया है कि छत्रपति संभाजीनगर पुलिस ने पहले भी इसी तरह के एक गैंग का पर्दाफाश किया था.