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सीएम हेमंत सोरेन आज झारखंड के नए प्रतीक चिन्ह का करेंगे आनावरण

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को झारखंड सरकार के नए प्रतीक चिन्ह का अनावरण करेंगे. साल 2000 में झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से अबतक जिस प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल हो रहा था, उसमें स्वास्तिक चिन्ह बना हुआ था. झारखंड का नया राज्य चिन्ह का विन्यास वृत्ताकार है, जो राज्य की प्रगति का प्रतीक है.

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झारखंड सरकार का प्रतीक चिन्ह
झारखंड सरकार का प्रतीक चिन्ह

झारखंड सरकार अब अपना नया प्रतीक चिन्ह लेकर आ रही है. सीएम हेमंत सोरेन और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू राज्य के नए प्रतीक चिन्ह का अनावरण शुक्रवार को करेंगे. साल 2000 में झारखंड में अलग राज्य बनने के बाद से अबतक जिस प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल हो रहा था, उसमें स्वास्तिक चिन्ह बना हुआ था. झारखंड का नया राज्य चिन्ह का विन्यास वृत्ताकार है, जो राज्य की प्रगति का प्रतीक है.

नए प्रतीक चिन्ह में सबसे पहले बाहर की तरफ गोलाई में झारखंड सरकार लिखा है. इसके बाद हाथी है और फिर पलाश के फूल हैं. इसके बाद सौरा चित्रकारी दिखाई देगी और वृत के मध्य में अशोक स्तंभ है. झारखंड सरकार का नया प्रतीक चिन्ह राज्य भर में 15 अगस्त को लागू हो जाएगा.

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नए प्रतीक चिन्ह की विशेषताएं

हरा रंग: झारखंड की हरी-भरी धरती और वन संपदा को प्रतिबिंबित करता है.

हाथी: राज्य के ऐश्वर्य और प्रचूर प्राकृतिक संसाधनों और समृद्धि को दर्शाता है

पलाश का फूल: प्राकृतिक सौंदर्य का परिचायक है

सौरा चित्रकारी: राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रतिबिंबित करता है

अशोक स्तंभ: राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह होने के साथ ही उपबंधित शक्तियों के साथ राज्य की संप्रभुता शक्ति का द्योतक है और देश के विकास में झारखंड की भागीदारी को भी प्रदर्शित करता है.

प्रतीक चिन्ह में बीच में अशोक चक्र, उसके चारों तरफ झारखंड की पारंपरिक सौरा चित्रकारी, उसके बाद झारखंड की पहचान लिए पलाश के फूल, समृद्धि और वैभव का प्रतीक राजकीय पशु हाथी, प्रतीक चिन्ह में हरा रंग का प्रयोग अधिक, लोगों गोलाई लिए हुए.

वहीं, झारखंड के पुराने प्रतीक चिन्ह में क्या था, बीच में नीले रंग का अशोक चक्र, चौतरफा अंग्रेजी के जे अक्षर से घिरा, लोगो हरे रंग का और स्वास्तिक वर्गाकार था. सीएम हेमंत सोरेन जिसे बदलकर अब नया चिन्ह का आगाज कर रहे हैं.

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