हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण 114 सड़कों को बंद कर दिया गया है. मौसम विभाग ने शनिवार को 7 अगस्त तक हिमाचल में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है जिसके बाद एहतियातन यह कदम उठाया गया है.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, वाहनों के आवागमन के लिए बंद सड़कों में से मंडी में 36 , कुल्लू में 34 , शिमला में 27, आठ लाहौल-स्पीति में, सात कांगड़ा में और दो किन्नौर जिले में बंद किए गए हैं.
एक अधिकारी ने कहा कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम ने 82 रुटों पर अपनी बस सेवाएं निलंबित कर दी हैं. राज्य के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. शुक्रवार शाम से जोगिंदरनगर में सबसे अधिक 85 मिमी बारिश हुई, इसके बाद गोहर में 80 मिमी, शिलारू में 76.4 मिमी, पोंटा साहिब में 67.2 मिमी, पालमपुर में 57.2 मिमी, धर्मशाला में 56.2 मिमी और चौपाल में 52 मिमी बारिश हुई.
स्थानीय मौसम कार्यालय ने 7 अगस्त तक भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. अधिकारियों ने कहा कि बारिश से जुड़ी घटनाओं में 27 जून से 1 अगस्त के बीच 77 लोगों की जान चली गई और 655 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा में लगातार बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई; 31 जुलाई की रात को मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई.
बादल फटने के बाद लापता हुए 45 लोगों की तलाश शनिवार सुबह फिर से शुरू हुई, जिसमें सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, हिमाचल प्रदेश पुलिस और होम गार्ड की टीमों के 410 बचावकर्मी ड्रोन की मदद से लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं.