हरियाणा के सोनीपत में एक कंपनी करीब 2 हजार लोगों के 7 करोड़ रुपए लेकर फरार हो गई. करीब 1600 लोगों को बिजली बिल कम आने और सब्सिडी देने का झांसा देकर विद्युत मित्रा कार्ड बेचे गए. वहीं, 335 लोगों से ई-स्कूटी के नाम पर इन्वेस्टमेंट कराया गया. एक व्यक्ति को सोनीपत जिले की एजेंसी देने के झांसे में लेकर करोड़ों रुपए ऐंठ लिए. बहालगढ़ थाना पुलिस ने 10 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस की टीम मामले में जांच कर रही है.
मिली जानकारी के अनुसार, पानीपत के विकास नगर निवासी बिजेंद्र सिंह की मुलाकात नवंबर 2022 में पानीपत में बिजेंद्र के साथ हुई थी. उसने खुद को हिंदुस्तान एनर्जी सेवर्स प्राइवेट लिमिटेड का पूरे हरियाणा का डीलर बताया था. उसने बताया था कि उनकी कंपनी का कार्यालय गुरुग्राम में सोहना रोड पर सेक्टर 49 में है. उसके साथ पानीपत का आशु उर्फ आशीष जैन भी था. वह उन्हें गुरुग्राम में सोहना रोड स्थित अपने कार्यलय में ले गए थे.
बिल कम होने और सब्सिडी मिलने का दिया झांसा
उन्होंने बताया था कि वह इलेक्ट्रिक स्कूटी और विद्युत मित्रा कार्ड का बिजनेस करते हैं. विद्युत मित्रा कार्ड प्रयोग करने से 15 से 30 फीसदी तक बिजली खपत कम होती है. साथ में 10 साल तक 500 रुपये प्रति माह सब्सिडी मिलती है. एक विद्युत मित्रा कार्ड 4 किलोवाट तक काम करता है और 30 फीसदी तक बिजली का बिल कम करता है.
कार्ड की कीमत 7,500 रुपये है. उनकी कंपनी हिंदुस्तान एनर्जी सेवर्स प्राइवेट लिमिटेड भारत सरकार की तरफ से मान्यता प्राप्त है. उसे इन लोगों ने सोनीपत जिले का डीलर बनाने का झांसा दिया. बिजेंद्र ने बताया कि दोनों ने गुरुग्राम ले जाने के बाद उनकी मुलाकात कंपनी का डायरेक्टर बताए गए राहुल तिकनायक, अकाउंट हेड राजेंद्र कुमार बंसल, ऑपरेशनल हेड समीर लांबा और आदित्य, मार्केट हेड सुमित पांडेय, सेल्समैन कशिश, युवराज, अनिल, प्रियंका और सीओ सुमित कपूर से कराई.
डीलर बनाने के नाम पर बिजेंद्र सिंह को बातों में फंसाया
इन सभी ने उन्हें बातों में फंसा लिया था. बिजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने उन्हें सोनीपत का डीलर बनाने की बात कही. इसके लिए 4 लाख 1 हजार रुपये हिंदुस्तान एनर्जी सेवर्स प्राइवेट लिमिटेड के खाते में जमा कराए गए. उसके 3-4 महीने बाद ओजोन मित्रा इलेक्ट्रिक स्कूटर की डीलरशिप के लिए 4 लाख एक हजार रुपये और कंपनी में जमा कराए गए.
उन्हें बताया गया कि उनकी स्कूटी की कीमत 2 लाख एक हजार रुपये है. वह इसकी बुकिंग कराने पर पांच साल तक प्रत्येक महीने 10 हजार रुपये सब्सिडी देंगे. इसके लिए उनके साथ फर्जी एग्रीमेंट कर फर्जी चेक दिया गया. बिजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने कंपनी के नाम से बहालगढ़ में कार्यालय खोल लिया.
7 करोड़ रुपये की ठगी कर फरार हुए आरोपी
इसके बाद वह लोगों को इसमें जोड़ने लग गए. वह करीब 1,600 लोगों को विद्युत मित्रा कार्ड के नाम पर रुपये ले चुके हैं. साथ ही 335 लोगों को स्कूटी देने के नाम पर रुपये लिए गए. इन लोगों से मिली करीब 7 करोड़ रुपये की राशि को उन्होंने आरोपियों के अलग-अलग बैंक खातों में डाल दिया.
उसके बाद कंपनी वाले रुपये लेकर भाग गए. इस मामले में उन्होंने पुलिस उपायुक्त को शिकायत दी. पुलिस ने धोखाधड़ी, अमानत में खयानत समेत अन्य धाराओं में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. बहालगढ़ थाने के सब इंस्पेक्टर रमेश कुमार का कहना है कि इस केस के खुलासे के लिए टीम का गठन कर दिया गया है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.