
आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से सीएम आवास पर हुई मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस बीच तीस हजारी कोर्ट ने मामले के आरोपी विभव कुमार को पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. शनिवार को जब विभव की पुलिस कस्टडी की मांग को लेकर तीस हजारी कोर्ट में बहस हुई तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ. पुलिस द्वारा ज़ब्त सीसीटीवी में घटना के दौरान का सीसीटीवी ब्लैंक शो हो रहा है और घटना के समय का सीसीटीवी नहीं मिला है.
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने विभव कुमार की हिरासत पर बहस करते हुए कोर्ट को बताया, 'हमने डीवीआर मांगा, वह पेन ड्राइव में दिया गया...फुटेज खाली पाई गई. पुलिस को आईफोन दे दिया गया है, लेकिन अब आरोपी पासवर्ड नहीं बता रहा है. फ़ोन को फ़ॉर्मेट कर दिया गया है.'
विभव को लेकर मुंबई जाएगी पुलिस
अपर लोक अभियोजक ने कहा कि आरोपी आज भी घटना स्थल पर मौजूद था. दिल्ली पुलिस को आशंका सीसीटीवी से छेड़छाड़ की गई है, सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस पांच दिन की रिमांड में के दौरान विभव को लेकर मुंबई जाएगी.आरोप है कि वहीं पर विभव ने फोन को फॉर्मेट किया. पुलिस को उम्मीद है कि शायद विभव ने फॉर्मेट करने से पहले फोन का डाटा डंप किया हो. मुंबई में जिस जगह फोन को फॉर्मेट किया गया है, वहां जाने पर डंप किया गया डाटा मिल सकता है. पुलिस के मुताबिक, अगर कुछ छिपाना न हो तो आमतौर पर फोन फॉर्मेट करने से पहले लोग डाटा सेव करते हैं. हालांकि पुलिस फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से भी डाटा रिकवर करने की कोशिश करेगी. इसके अलावा, पुलिस विभव को क्राइम स्पॉट यानी सीएम आवास भी ले जाएगी, जहां उसकी कोशिश मारपीट की वजह जानने की है.
वहीं विभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा मोबाइल को फार्मेट की बात सही भी है तो भी उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.
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स्वाति मालीवाल का पोस्ट
कोर्ट में हुई बहस पर स्वाति मालीवाल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए , 'पहले मुझे बेरहमी से Bibhav ने पीटा. थप्पड़ और लातें मारी. जब मैंने ख़ुद को छुड़ा के 112 कॉल करी, तो बाहर जाकर सिक्योरिटी बुलाई और वीडियो बनाने लगा. मैं सिक्योरिटी को चीख-चीख के बता रही थी की मुझे बहुत बेरहमी से Bibhav ने पीटा है. वो पूरा लंबा हिस्सा वीडियो का edit कर दिया गया. सिर्फ 50 सेकंड रिलीज़ किए गये जब मैं सिक्योरिटी वालों को समझा समझा के खीज चुकी थी. अब फ़ोन फॉर्मेट करके पूरी वीडियो Delete कर दी ? CCTV की फुटेज भी ग़ायब! साज़िश की भी हद्द है!'

कोर्ट ने बताया आईफोन किया फॉर्मेट
आपको बता दें कि विभव कुमार को शनिवार को यहां एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस ने दलील दी कि मालीवाल पर कथित हमले के पीछे के कारण के बारे में उनसे पूछताछ करने के लिए उनकी हिरासत आवश्यक है. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि विभव कुमार ने जांच एजेंसी को अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड नहीं दिया था और यह भी बताया था कि डिवाइस में कुछ खराबी के कारण उनका फोन मुंबई में फॉर्मेट कर दिया गया था.
पुलिस ने कहा कि फॉर्मेट किए जाने से पहले, मोबाइल फोन के डेटा को क्लोन करना पड़ता और डेटा को फिर से हासिल करने के लिए कुमार को मुंबई ले जाना पड़ता.
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13 मई की सुबह सीएम केजरीवाल के घर में क्या हुआ था?
स्वाति मालिवाल की ओर से दर्ज करवाई गई एफआईआर के मुताबिक वो सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलने सुबह सवेरे उनके घर पहुंची थी. वो सबसे पहले सीएम के कैंप ऑफिस में गईं. इसके बाद उन्होंने सीएम के पीएस विभव कुमार को कॉल किया, लेकिन बात नहीं हुई. उन्होंने विभव के मोबाइल नंबर पर व्हाट्स एप मैसेज भी भेजा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद वो हमेशा की तरह ही मुख्य दरवाजे से होकर सीएम केजरीवाल के घर में चली गईं.
गाली गलौज से शुरूआत, फिर बेहरमी से पीटने का आरोप
वहां उन्हें ड्राइंग रूम में बैठने को कहा गया और बताया गया कि मुख्यमंत्री घर में ही मौजूद हैं और वो जल्द उनसे मिलने आएंगे. लेकिन इससे पहले कि सीएम उनके पास आते, उनके पीएस विभव कुमार धक्के के साथ कमरे में घुस आए और बिना किसी उकसावे के उनके साथ गाली गलौज की शुरुआत कर दी. यहां तक कि बगैर किसी उकसावे के उन पर हमला कर दिया और उनके साथ मारपीट भी शुरू कर दी. उन्होंने पहले उन्हें लगातार 7-8 थप्पड़ मारे, जिससे वो बुरी तरह घबरा गईं और मदद के लिए चीखने चिल्लाने लगीं. उन्होंने किसी तरह अपने पैरों से विभव को खुद से दूर करने की कोशिश करने लगीं.
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इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ है केस
तीन दिन बाद जाकर उन्होंने दिल्ली पुलिस को अपना बयान दिया और तब पुलिस ने इस मामले में विभव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. फिलहाल इस एफआईआर में पुलिस विभव कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 308 (गैर इरादतन हत्या की कोशिश), 323 (मारपीट करना), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354 (शीलभंग की नीयत से हमला), 354B (महिला को निर्वस्त्र करने की कोशिश), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (महिला के शील हरण की कोशिश) लगाई है. सुप्रीम कोर्ट के वकील अनुराग किशोर की मानें तो ये आपराध गंभीर हैं. इसमें जुर्म साबित होने पर कड़ी सजा मिलनी तय है.