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Agnipath Protest: प्रदर्शन की आग में लाखों की साड़ियां राख, वाराणसी का व्यापारी बोला- हमारा क्या कसूर?

बिहार में अग्निपथ की आग से न सिर्फ रेलवे और सार्वजनिक संपत्ति, बल्कि आम नागरिकों के सामान भी जलकर राख हुआ है. पटना में सिल्क साड़ियों की प्रदर्शनी लगाने पहुंचे वाराणसी के एक व्यापारी को भी लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.

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जली साड़ियां दिखाता व्यापारी
जली साड़ियां दिखाता व्यापारी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अग्निपथ प्रदर्शनकारियों ने दानापुर स्टेशन पर की थी आगजनी
  • व्यापारी को तारामंडल में लगानी थी सिल्क साड़ियों की प्रदर्शनी

अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं का आक्रोश चरम पर है. शहर-शहर उपद्रव की घटनाएं हुईं तो वहीं बिहार इन प्रदर्शनों का बड़ा केंद्र बनकर उभरा. बिहार में प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ रेलवे स्टेशनों को निशाना बनाया, ट्रेन और बस फूंकी, बल्कि आम व्यापारी भी उनका शिकार बने. बिहार के दानापुर स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों की ओर से की गई आगजनी में पार्सल रूम में रखा आम व्यापारियों का लाखों रुपये का सामान भी जलकर राख हो गया है.

वाराणसी के निवासी 32 साल के साड़ी व्यापारी मुश्ताक अहमद को भी दानापुर रेलवे स्टेशन पर हुई आगजनी में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. वाराणसी के मुश्ताक शहर-शहर घूम कर सिल्क साड़ियों की प्रदर्शनी लगाते हैं. मुश्ताक को शायद ही अंदाजा रहा होगा कि बिहार के पटना में प्रदर्शनी लगाने के लिए जाना उनको इतना महंगा पड़ जाएगा.

दरअसल, मुश्ताक पटना में सिल्क साड़ियों की प्रदर्शनी लगाने के लिए 16 जून की शाम अपने भाई के साथ पुणे-पटना ट्रेन से दानापुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे. मुश्ताक ने दानापुर रेलवे स्टेशन के पार्सल रूम में करीब 20 लाख रुपये कीमत की साड़ियां रखी थीं. मुश्ताक ने आजतक से बात करते हुए बताया कि वे 17 जून की सुबह दानापुर रेलवे स्टेशन के पार्सल रूम से साड़ियां ले जाने वाले थे. वे पटना के तारामंडल में इनकी प्रदर्शनी लगाने वाले थे.

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मुश्ताक की योजना, योजना ही रह गई. 17 जून की सुबह-सुबह ही अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार के कई इलाकों में प्रदर्शन शुरू हो गया. अग्निपथ की आंच राजधानी पटना तक पहुंच गई और प्रदर्शनकारियों ने बड़ी तादाद में एकत्रित होकर दानापुर रेलवे स्टेशन पर धावा बोल दिया. प्रदर्शनकारियों ने स्टेशन पर खड़ी फरक्का एक्सप्रेस में आग लगा दी और जमकर उत्पात मचाया.

दानापुर रेलवे स्टेशन परिसर में तोड़फोड़ करने के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने पार्सल रूम में भी आग लगा दी जिससे वहां रखा लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया. इनमें वाराणसी के मुश्ताक अहमद की करीब 20 लाख रुपये की सिल्क की साड़ियां भी थीं. मुश्ताक ने आगे बताया कि वे आगजनी के बाद भी इस उम्मीद के साथ दानापुर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे कि पार्सल रूम में रखा उनकी साड़ियों का कलेक्शन शायद सुरक्षित हो लेकिन ऐसा नहीं था.

मुश्ताक का दावा है कि 20 लाख रुपये की सिल्क की साड़ियां आग में जलकर राख हो चुकी थीं. उन्होंने ये भी बताया कि वे हर साल पटना में सिल्क साड़ियों की प्रदर्शनी लगाते रहे हैं. पुणे में प्रदर्शनी समाप्त कर वे पटना पहुंचे थे. लाखों के नुकसान से विचलित मुश्ताक अब नौजवानों से भी यही सवाल कर रहे हैं कि हमारा कसूर क्या है?

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