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डिप्टी CM के भाई, 338 करोड़ की संपत्ति... साउथ इंडिया के लिए 'अलग देश' मांगने वाले कांग्रेस सांसद DK Suresh कौन?

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट आने के बाद कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने अजीब मांग कर डाली. उन्होंने दावा किया कि दक्षिण भारत के साथ अन्याय हो रहा है. इसलिए अलग देश बना देना चाहिए. उनके बयान पर बवाल बढ़ गया. ऐसे में जानते हैं कि डीके सुरेश हैं कौन?

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डीके सुरेश कर्नाटक से कांग्रेस के इकलौते सांसद हैं.
डीके सुरेश कर्नाटक से कांग्रेस के इकलौते सांसद हैं.

कांग्रेस सांसद डीके सुरेश के एक बयान पर बवाल बढ़ गया है. उन्होंने दक्षिण भारत के लिए 'अलग देश' बनाने की बात कही थी. ये बयान उन्होंने अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए दिया.

डीके सुरेश ने कहा कि बजट में भारत के साथ अन्याय किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि जो फंड दक्षिण तक पहुंचना चाहिए था, उसे डायवर्ट कर उत्तर भारत में बांटा जा रहा है. हिंदी क्षेत्र ने दक्षिण भारत पर जो स्थिति थोप दी है, उसके नतीजतन 'अलग देश' मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. 

उनके बयान पर बवाल बढ़ गया. बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास 'फूट डालो और राज करो' का रहा है. उनके सांसद डीके सुरेश फिर वही चाल चल रहे हैं. वो उत्तर और दक्षिण को बांटना चाहते हैं.

डीके सुरेश कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के छोटे भाई हैं. वो कर्नाटक की बेंगलुरु ग्रामीण सीट से सांसद हैं. कर्नाटक से वही कांग्रेस के इकलौते सांसद हैं.

2013 में शुरू हुई सियासी पारी

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1 अप्रैल 1966 को कर्नाटक के रामनगर जिले के कनकपुरा में जन्मे डीके सुरेश की सियासी पारी 2013 में शुरू हुई थी. 

दरअसल, तब पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी ने लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 21 मई 2013 को हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने डीके सुरेश को उम्मीदवार बनाया. इस उपचुनाव में जीतकर डीके सुरेश पहली बार लोकसभा पहुंचे थे.

उसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी डीके सुरेश को जीत मिली. 2019 में डीके सुरेश ने बीजेपी के ए. नारायण गौड़ा को दो लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था.

338 करोड़ की संपत्ति के हैं मालिक

तीन बार के सांसद डीके सुरेश ने 12वीं तक पढ़ाई की है. चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे में उन्होंने खुद को किसान और कारोबारी बताया है. 

हलफनामे में उन्होंने अपने पास 338 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की बात बताई थी. हैरान करने वाली बात ये है कि 2014 में उनके पास 85.87 करोड़ रुपये की संपत्ति थी. यानी, पांच साल में उनकी संपत्ति तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई.

बयान पर बढ़ा बवाल तो दी सफाई

हालांकि, इस पर जब बवाल बढ़ा तो उनकी सफाई भी आ गई. डीके सुरेश का अब कहना है कि उनके कहने का मकसद फंड बांटने में नाइंसाफी होने पर ध्यान दिलाना था. 

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उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मुझे भारतीय और कन्नड़ होने पर गर्व है. उन्होंने लिखा, 'फंड बांटने में दक्षिण भारत खासकर कर्नाटक के साथ नाइंसाफी की जा रही है. सबसे ज्यादा जीएसटी देने वाला दूसरा राज्य होने के बावजूद केंद्र सरकार कर्नाटक और दक्षिणी राज्यों के साथ अन्याय कर रही है. जबकि गुजरात के फंड में 51 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अगर ये अन्याय नहीं है तो क्या है?'

डीके सुरेश ने दावा किया कि सूखे से राहत और विकास कार्यों के लिए फंड की जरूरत है. केंद्र से बार-बार अनुरोध करने के बाद भी हमारी बात अनसुनी कर दी गई. उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं कर्नाटक के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाना जारी रखूंगा. जय हिंद, जय कर्नाटक.

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