
नेटफ्लिक्स का लेटेस्ट इंडियन ऑरिजिनल 'कोहरा' काफी पसंद किया जा रहा है. सुविंदर विक्की और वरुण सोबती स्टारर इस शो को बहुत सॉलिड रिव्यू मिल रहे हैं. दोनों लीड एक्टर्स का काम भी लोगों को बहुत पसंद आया है. मॉडर्न दुनिया में आगे बढ़ने का सपना देखने वाले, लेकिन एक पैर पुराने आदर्शों में धंसाए बैठे समाज और लोगों पर 'कोहरा' एक बेहतरीन कमेंट्री है.
सुविंदर और वरुण के साथ-साथ शो की बाकी कास्ट ने भी बेहतरीन काम किया है. मनीष चौधरी, हरलीन सेठी, आनंद प्रिया और एकावली खन्ना ने शो में महत्वपूर्ण किरदार निभाए हैं. ये सभी कलाकार अपने किरदारों में इतने जमे हैं कि लगता ही नहीं कि ये एक्टर्स हैं. बल्कि इनका काम देखकर आपको ऐसा लग सकता है कि ये सभी शो में दिखाई रियलिटी को असलियत में जी चुके रियल लोग हैं. लेकिन इन सभी के साथ कास्ट में एक और कलाकार है जिसे लोगों ने बहुत लम्बे समय बाद 'कोहरा' में अचानक स्क्रीन पर देखा. इनका नाम है रेचल शेली. इंग्लिश एक्ट्रेस शेली इससे पहले एक ऐसे आइकॉनिक हिंदी प्रोजेक्ट में नजर आई थीं कि उन्हें 'कोहरा' में देखते ही आप पहचान जाएंगे.

'कोहरा' का 'लगान' कनेक्शन
आमिर खान की फिल्म 'लगान' शायद ही किसी ने न देखी हो. अंग्रेजों से लगान बचाने की एक आखिरी कोशिश करते भुवन की हिम्मत को बड़े पर्दे पर देखना अपने हर सिनेमा फैन के लिए एक कभी न भूलने वाला मोमेंट था. फिल्म की कहानी में भुवन जहां जोश में आकर अंग्रेजों से क्रिकेट मैच की टक्कर ले बैठा था, वहीं गांव के लोगों का सबसे बड़ा डर था कि एक एकदम नए खेल में अगर गांव की टीम हार गई, तो लगान दोगुना भरना पड़ेगा.

इस डर का इलाज बनीं थीं एलिजाबेथ रसेल. उसी कैप्टन रसेल की बहन, जिसने गांववालों को इस शर्त में फंसाया था. 'लगान' देखने वाले आज भी न कैप्टन एंड्रू रसेल का अंग्रेजी एक्सेंट वाला डायलॉग 'डुगना लगान' भूलते हैं और न ही एलिजाबेथ की दिल पर कब्जा कर लेने वाली मुस्कराहट. एलिजाबेथ का ये किरदार निभाया था रेचल शेली ने और एंड्रू रसेल बने थे पॉल ब्लैकथोर्न. यानी 'कोहरा' में शेली 22 साल बाद किसी हिंदी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनी हैं. लेकिन ऑस्कर में भारत की ऑफिशियल एंट्री बनकर पहुंची 'लगान' इतनी आइकॉनिक फिल्म है, कि शेली को देखकर कोई भी इंडियन तुरंत पहचान जाएगा.

रसेल-एलिजाबेथ और सीरियस सीन के बीच मजेदार रेफरेंस
'कोहरा' की कहानी एक मर्डर से शुरू होती है. एक NRI लड़के पॉल का मर्डर हुआ है और उसके साथ लंदन से आया उसका दोस्त लियाम लापता है. इस सब से बेखबर लियाम की मां क्लारा, पॉल की इंडियन शादी का हिस्सा बनने भारत आ गई है. वो कैब में है और उतरते ही उसे ये शॉक मिलने वाला है कि जिस पॉल की शादी देखने वो आई है, उसकी मौत हो चुकी है. ऊपर से उसका अपना बेटा लियाम यहां, पंजाब में लापता है. मगर इस शॉक से ठीक पहले कुछ ऐसा होता है जिसे अगर आपने स्क्रीन पर नोटिस कर लिया तो इतनी सीरियस कहानी के बीच भी चेहरे पर हंसी आ जाएगी.
ठीक इसी मोड़ पर आपको 'लगान' वाली एलिजाबेथ तो दिखती ही है, साथ ही उसके भाई एंड्रू रसेल का चेहरा भी याद आ जाएगा. 'कोहरा' का पहला ही एपिसोड करीब आधा बीतने के बाद जब आप ठीक इस पॉइंट पर पहुंचते हैं और अगर आप ध्यान से शो देख रहे हैं तो एक मजेदार चीज मिलेगी. क्लारा यानी रेशल शेली जिस कैब से उतर रही हैं, उसपर लिखा है- 'कैप्टन रसेल कैब्स'!

यानी 'लगान' वाली एलिजाबेथ, 'कोहरा' में जिस कैब से उतर रही है वो उसके 'लगान' वाले भाई के नाम पर है. यानी कभी हिंदुस्तानियों से 'दोगुना लगान' वसूलने वाले रसेल साहब, अब 'कोहरा' तक आते-आते टैक्सियां चलवाने लगे हैं. सिनेमा में अक्सर इस तरह की हरकतें होती रहती हैं. शायद, जब 'कोहरा' के लिए कैब सर्विस का फिक्शनल नाम रखने की बारी आई हो तो अचानक किसी को शेली के पिछले किरदार का रेफरेंस याद आ गया हो. लेकिन सीरियस मूड वाली 'कोहरा' में ये मोमेंट नोटिस करने के बाद चेहरे पर मुस्कराहट तो आ ही जाती है.