'कुछ कुछ होता है' से लेकर 'कभी खुशी कभी गम' जैसी सुपरहिट फिल्म देने वाले बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने पिछले साल अपनी कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस में अपनी आधी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया था. उन्होंने सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला के साथ हाथ मिलाया था. फिल्म निर्माता ने धर्मा प्रोडक्शंस में 50% हिस्सेदारी को 1,000 करोड़ रुपये में बेची थी. अब हाल ही में एक इंटरव्यू में करण जौहर ने इस फैसले की असली वजह का खुलासा भी कर दिया है.
दरअसल एक पॉडकास्ट पर करण जौहर ने अपने प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शंस के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें फंड की जरूरत थी. साल 2023 में उन्हें ये फील हुआ कि उन्हें स्केल करना होगा और ऐसा करने के लिए उन्हें 5 से 7 साल लगेंगे.
'मुझे फंड की जरूरत थी...'- करण जौहर
करण जौहर ने कहा कि मुझे आगे बढ़ने के लिए फंड की जरूरत थी. इसलिए उन्होंने धर्मा प्रोडक्शंस में 50% हिस्सेदारी अदार पूनावाला को 1,000 करोड़ रुपये में बेचने का फैसला किया. उन्होंने आगे कहा कि वो अदार से बहुत खुश हैं, वो एक अद्भुत इंसान हैं.
'मुझे सक्सेस पाना है'- करण जौहर
करण जौहर ने कहा कि अदार से हाथ मिलाने के बाद वह उन प्रोजेक्ट के लिए जिम्मेदार है, जिसमें वो निवेश करते हैं. क्योंकि यह किसी और के पैसे है, मुझे सक्सेस पाना है, बेनेफिट बढ़ाना है. इसके अलावा करण जौहर ने एक समिट में कहा था कि मेरी सबसे अच्छी दोस्त नताशा पूनावाला के पति अदार के साथ पार्टनरशिप करना आसान था. दोनों को ही लगा कि धर्मा प्रोडक्शन हाउस को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. उन्होंने मजाकिया लहजे में ये भी कहा कि कंपनी का नाम बदलकर 'फार्मा प्रोडक्शंस' या 'कभी खुशी कभी सीरम' रख देंगे.
यश जौहर ने की थी स्थापना
आपको बता दें कि दिवंगत यश जौहर द्वारा 1976 में स्थापित धर्मा प्रोडक्शंस, करण जौहर के नेतृत्व में बॉलीवुड में एक पावरहाउस बनकर उभरा है और एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी हैं. इसमें 'कभी खुशी कभी गम', 'ये जवानी है दीवानी', 'कुछ कुछ होता है', ब्रह्मास्त्र: पार्ट वन जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म शामिल हैं. इस प्रोडक्शन हाउस के तहत करीब 50 से ज्यादा फिल्मों का निर्माण किया गया है. हाल ही में उन्होंने अक्षय कुमार, आर. माधवन और अनन्या पांडे अभिनीत केसरी चैप्टर 2: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ जलियांवाला बाग का निर्माण किया है.