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पंचायत आज तक 2021: केशव मौर्य बोले- टिकैत बीजेपी विरोधी दलों की साजिश का शिकार हो गए हैं

किसानों के मुद्दे पर केशव मौर्य ने कहा कि राकेश टिकैत लखनऊ आएंगे, मुझे लगता है वो विपक्षी दलों की साजिश का शिकार हैं. किसान-बीजेपी एक दूसरे के पूरक हैं. किसानों के लिए कांग्रेस, सपा, बपसा ने कुछ नहीं किया. 

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पंचायत आज तक उत्तर प्रदेश 2021: केशव प्रसाद मौर्य
पंचायत आज तक उत्तर प्रदेश 2021: केशव प्रसाद मौर्य
स्टोरी हाइलाइट्स
  • केशव मार्य ने की पंचायत आज तक-2021 में शिरकत
  • कहा- सपा, बसपा, कांग्रेस ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया

Panchayat Aaj Tak Uttar Pradesh 2021: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले आजतक ने एक बड़ी 'चुनावी महाबैठक' का आयोजन किया. शुक्रवार को इस महाबैठक में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शिरकत की. मौर्य ने किसानों के मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखी और कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत बीजेपी विरोधी दलों की साजिश का शिकार हो गए हैं.

किसानों के मुद्दे पर केशव मौर्य ने कहा कि राकेश टिकैत लखनऊ आएंगे, मुझे लगता है कि वो विपक्षी दलों की साजिश का शिकार हैं. किसान-बीजेपी एक दूसरे के पूरक हैं. किसानों के लिए कांग्रेस, सपा, बसपा ने कुछ नहीं किया. 

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को किसका समर्थन है, कितने किसानों का समर्थन प्राप्त है? ये सबको पता है और उनकी मंशा क्या है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस विवाद को रोक दिया है. यूपी के किसान कानून से संतुष्ट है.

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आगे उन्होंने कहा कि तीन आंदोलन की तरफ ध्यान दीजिए. किसान आंदोलन, सीएए के नाम से शाहीन बाग, एनआरसी. इन आंदोलन का कोई मतलब नहीं था. बस कुछ ऐसा कर दो कि बीजेपी को बदनाम कर दो, लेकिन विपक्षी ऐसा करके कुछ भी हासिल नहीं कर पाएगा. 

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योगी आदित्यनाथ होंगे सीएम चेहरा

पंचायत आजतक के 'कौन बनेगा मुख्यमंत्री' सेशन में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए सीएम योगी का ही नाम सबसे बड़ा है और बीजेपी के सीएम चेहरा वही होंगे. उन्होंने कहा कि हम 2104 जीते, 2017 जीते, 2019 जीते, 2022 और 2024 भी जीतेंगे. 

कोरोना त्रासदी पर क्या बोले मौर्य?

कोरोना पर केशव मौर्य ने कहा कि जितना अच्छा हो सकता है वो उत्तर प्रदेश सरकार ने किया है, जो कमी रही वो स्वीकर करते हैं, लेकिन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. केंद्र में राहुल होते या अखिलेश होते तो मटियामेट कर देते.

गंगा में बहती लाशों पर मौर्य बोले कि मैं प्रयागराज का निवासी हूं. गंगा के किनारे जिन लाशों को दफनाने की बात कही जा रही है. वह आज से नहीं हो रहा, वह परंपरागत है. जब से गंगा का प्रवाह कम हुआ है वहां ऐसा होता है. कड़वाधाम, फापामुक्त में ऐसा होता है, जब बाढ़ आती है तो शव बहकर जाते हैं.

 

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