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प्रद्योत बर्मन: त्रिपुरा के राजा जिन्होंने 16 फरवरी के बाद राजनीति छोड़ने का किया ऐलान

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को मतदान है, लेकिन इससे पहले राजपरिवार के उत्तराधिकारी और टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने 16 फरवरी के बाद राजनीतिक संन्या की घोषणा कर दी. त्रिपुरा की सियासत में इस बार सभी की निगाहें टिपरा मोथा पर टिकी हैं, क्योंकि आदिवासियों के बीच इस दल की पकड़ मजबूत है.

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टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा
टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को वोटिंग होनी है. बीजेपी और लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई मानी जा रही है, लेकिन इस बार सभी की निगाहें त्रिपुरा के राजवंश के उत्तराधिकारी प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा की टिपरा मोथा पार्टी पर टिकी हुई हैं, जो आदिवासी समुदाय के लिए 'टिपरालैंड' नाम से अलग राज्य की मांग कर रहे हैं. प्रद्योत ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन राजनीतिक संन्यास लेने की घोषणा कर दी, जिसे लेकर चर्चा तेज हो गई है.

प्रद्योत ने मंगलवार को एक रैली में कहा, '16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद मैं राजनीति छोड़ दूंगा. राजनीतिक मंच पर यह मेरा आखिरी भाषण है और मैं विधानसभा चुनाव के बाद कभी बुबागरा (राजा) बनकर वोट नहीं मांगूंगा. इससे मुझे पीड़ा हुई, लेकिन मैंने आपके लिए एक कठिन लड़ाई लड़ी है'. सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह रही जिसके चलते त्रिपुरा राजपरिवार के प्रद्योत देबबर्मा ने राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया और उनकी सियासी ताकत क्या है? 

कौन हैं प्रद्योत देबबर्मा?
प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा का जन्म 4 जुलाई 1978 को त्रिपुरा के राजशाही परिवार में हुआ. उनके पिता किरीट बिक्रम किशोर देब बर्मा और उनकी मां बिभू कुमारी देवी हैं. प्रद्योत का बचपन शिलॉन्ग, मेघालय और त्रिपुरा के महलों में बीता है. प्रद्योत की पढ़ाई-लिखाई शिलॉन्ग में हुई थी. प्रद्योत ने अपना सियासी सफर का आगाज कांग्रेस से किया. कांग्रेस के टिकट पर उनकी मां और पिता दोनों ही सांसद रह चुके हैं. 2018 विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने त्रिपुरा की कमान उनको सौंपी थी, लेकिन वो इस पद पर ज्यादा दिन तक नहीं रह सके और एनआरसी मुद्दे के चलते इस पद से इस्तीफा दे दिया था.

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सामाजिक संगठन से सियासी पार्टी
राजनीतिक ब्रेक के बाद प्रद्योत एक बार फिर से सक्रिय हुए और बड़ी ताकत बन गए हैं. टिपरा मोथा एक सामाजिक संगठन था, लेकिन 5 फरवरी 2021 को प्रद्योत माणिक्य के पिता किरीट प्रद्योत देब ने इसे सियासी दल बनाने और 2021 का TTAADC लड़ने का ऐलान किया. यह दल टिपरा या टिपरा मोथा के नाम से भी जाना जाता है. इसका मांग ग्रेटर टिपरालैंड बनाने की है. साल 2021 में आईएनपीटी, टीएसपी और आईपीएफटी(टिपरा) का इसमें विलय हो गया. 

त्रिपुरा में बड़ी ताकत हैं प्रद्योत
प्रद्योत देबबर्मा की अगुवाई वाली टिपरा मोथा त्रिपुरा में बड़ी क्षेत्रीय राजनीतिक ताकत के तौर पर उभरी है. टिपरा मोथा ने अप्रैल 2021 में हुए त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्र स्वशासी जिला परिषद के चुनाव में बीजेपी और आईपीएफटी गठबंधन को सीधे चुनौती देते हुए 28 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी. आदिवासी समुदाय के बीच प्रद्योत की गहरी पैठ है, क्योंकि वह आदिवासी समुदाय के लिए टिपरालैंड को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं.

त्रिपुरा के आदिवासी समुदाय के बीच टिपरा मोथा की अच्छी खासी ताकत है. त्रिपुरा में 32 फीसदी आदिवासी समुदाय की आबादी है. राज्य की कुल 60 में से 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है, जबकि बाकी 40 सीटों में से कई पर आदिवासियों की संख्या अच्छी खासी है. टिपरा मोथा ने इस बार विधानसभा चुनाव में कुल 42 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं. 

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आदिवासी वोटों पर टिका टिपरा का भविष्य
आदिवासियों की पार्टी होने के बावजूद टिपरा मोथा ने आदिवासियों के लिए सुरक्षित 20 सीटों के अलावा 22 गैर-आदिवासी सीटों पर भी उम्मीदवार खड़े किए हैं. इन 22 सीटों पर भी आदिवासी वोटरों की खासी तादाद है. 2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी रिजर्व सभी सीटें बीजेपी बीजेपी-IPFT गठबंधन ने जीता था, लेकिन इस बार इन सीटों पर प्रद्योत बड़ी चुनौती बन गए हैं.

ग्रेटर टिपरालैंड के नाम से अलग राज्य की मांग उठाकर टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा त्रिपुरा के आदिवासियों के बीच दो-तीन सालों में काफी लोकप्रिय हो गए हैं. आदिवासी समाज के बीच उनकी सियासी पकड़ को देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही गठबंधन उनके साथ हाथ मिलाने को तैयार थे, लेकिन प्रद्योत ने अलग राज्य की शर्त रखकर दोनों को कशमकश में डाल दिया था. ऐसे में प्रद्योत अकेले चुनावी मैदान में उतरकर किंगमेकर बनने की जुगत में है, लेकिन चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उन्होंने राजनीतिक संन्यास की घोषणा कर सभी को आश्चर्य में डाल दिया.

 

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