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Wayanad By-Elections 2024 Date: जिस सीट से राहुल गांधी ने दिया था इस्तीफा, जानें उस वायनाड में कब है उपचुनाव की वोटिंग

Wayanad By-Elections 2024 Date: चुनाव आयोग द्वारा 15 राज्यों की 48 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है. इनमें केरल की वायनाड लोकसभा सीट भी शामिल है, जहां से राहुल गांधी ने जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था. चुनाव आयोग के मुताबिक 13 नवंबर को 47 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट पर उपचुनाव होंगे. वहीं 20 नवंबर को 1 लोकसभा और 1 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है.

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वायनाड सीट राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई है
वायनाड सीट राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई है

Wayanad By-Elections 2024 Date: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही आयोग द्वारा 15 राज्यों की 48 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है. इनमें केरल की वायनाड लोकसभा सीट भी शामिल है, जहां से राहुल गांधी ने जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था. चुनाव आयोग के मुताबिक 13 नवंबर को 47 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट पर उपचुनाव होंगे. वहीं 20 नवंबर को 1 लोकसभा और 1 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. 

दरअसल, इसी साल हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दो सीटों- केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली से चुनाव लड़ा था. उन्होंने दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट छोड़ने की घोषणा कर दी थी और रायबरेली लोकसभा सीट से सांसद बने रहने का फैसला किया था. तब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से ऐलान किया गया था कि राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी.

राहुल गांधी दूसरी बार वायनाड से बंपर वोटों से जीते थे. 2019 में उन्‍होंने वायनाड से रिकॉर्ड 4.31 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी. वहीं इस बार राहुल गांधी 3,64,422 वोटों से जीते. इन्‍होंने सीपीआई नेता एनी राजा का हराया था. राहुल गांधी 2019 की तरह इस बार भी 2 सीटों रायबरेली और वायनाड से चुनाव मैदान में थे. राहुल गांधी को वायनाड सीट पर कुल 6,47,445 वोट मिले थे.

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बता दें कि केरल की वायनाड लोकसभा सीट 2008 में अस्तित्व में आई. तब से अब तक इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा है. इस सीट के तहत 7 विधानसभा सीटें आती हैं. ये सातों विधानसभा सीटें मनंथावाड़ी, सुल्तानबथेरी, कल्पेट्टा और कोझीकोड जिलों में पड़ती हैं. 2009 से 2019 तक इस सीट पर कांग्रेस के एमआई शानवास सांसद रहे. इसके बाद 2019 में राहुल गांधी ने यहां से चुनाव लड़कर जीता. .

कांग्रेस का गढ़ माना जाता है रायबरेली

गौरतलब है कि रायबरेली वो सीट है, जो 2014 की मोदी लहर में भी कांग्रेस नहीं हारी. इतना ही नहीं, 2019 के चुनाव में भी जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया और यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस सिर्फ इसी सीट पर चुनाव जीती थी. रायबरेली के 72 साल के इतिहास में 66 साल यहां से कांग्रेस के सांसद रहे हैं. देश के पहले लोकसभा चुनाव में फिरोज गांधी रायबरेली से लड़े थे. रायबरेली सीट नेहरू-गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है. इस सीट से फिरोज गांधी से लेकर इंदिरा गांधी, अरुण नेहरू और सोनिया गांधी तक संसद पहुंचते रहे हैं. इस बार राहुल गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से भी बड़ी जीत दर्ज की. उन्हें 687649 वोट मिले. वहीं, उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह को 297619 मत प्राप्त हुए. इस तरह राहुल गांधी ने 390030 वोटों से विजय हासिल की. 

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