देश के चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसका असर जमीन पर दिखने लगा है. आचार संहिता लागू होते ही उस जिले में चल रहे नए विकास कार्य या फिर सांसद-विधायक निधि से होने वाले निर्माण-विकास कार्यों की गति थम गई है. आयोग के सचिव अश्वनी कुमार मोहल के मुताबिक, चुनाव में शामिल सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं.
इसका मकसद चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है, लेकिन इसके साथ ही इन क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों को भी रोकना पड़ता है.
सांसद-विधायक निधि से नई राशि पर रोक
चुनाव आयोग ने 2 जनवरी 2024 को जारी निर्देशों के मुताबिक, साफ किया है कि उपचुनाव के दौरान जिस जिले में निर्वाचन क्षेत्र आता है, वहां सांसद/विधायक निधि से कोई नई योजना या फंड जारी नहीं की जा सकती. अगर वर्क ऑर्डर जारी हो चुका है लेकिन कार्य शुरू नहीं हुआ तो वह भी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक स्थगित रहेगा.
क्या है जारीं दिशा-निर्देशों की प्रमुख बातें?
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किन राज्यों में हो रहे हैं उपचुनाव?
इन पांच सीटों पर 19 जून को मतदान और 23 जून को मतगणना होगी. चुनाव प्रक्रिया 25 जून तक पूरी कर ली जाएगी. इसकी अधिसूचना 26 मई को जारी की जा रही है.
विकास बनाम लोकतांत्रिक प्रक्रिया
चुनावी सुचिता सुनिश्चित करने के लिए आचार संहिता एक ज़रूरी कदम है, लेकिन इसका सीधा असर जमीनी विकास कार्यों पर पड़ता है. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि योजनाओं में न्यूनतम बाधा आए और जनता को जरूरी सेवाओं के लिए ज़्यादा इंतज़ार न करना पड़े.