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States Profile: कांग्रेस दोहराएगी 2019 का प्रदर्शन या खिलेगा कमल? तटीय राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला

बीजेपी ने राज्य में दूसरे दलों के बड़े चेहरों को अपने पाले में लाने के साथ ही बड़े चेहरों के खिलाफ बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस और लेफ्ट के लिए उर्वरा रही केरल की सियासी जमीन पर इस बार कमल खिलेगा या चुनावी कहानी पुरानी ही रहेगी?

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केरल स्टेट प्रोफाइल
केरल स्टेट प्रोफाइल

केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हो या कांग्रेस, दोनों ही दलों की चुनावी उम्मीदें दक्षिण पर टिकी हैं. दक्षिण के तटीय राज्य केरल से कांग्रेस को सबसे अधिक उम्मीदें हैं. सूबे में ग्रैंड ओल्ड पार्टी के सामने लेफ्ट फ्रंट की अगुवाई वाले सत्ताधारी एलडीएफ की चुनौती है तो वहीं बीजेपी भी चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में है. बीजेपी ने राज्य में दूसरे दलों के बड़े चेहरों को अपने पाले में लाने के साथ ही बड़े चेहरों के खिलाफ बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस और लेफ्ट के लिए उर्वरा रही केरल की सियासी जमीन पर इस बार कमल खिलेगा या चुनावी कहानी पुरानी ही रहेगी?

केरल में क्या है गठबंधनों का गणित

केरल की राजनीति में दो मुख्य गठबंधन रहे हैं- एक एलडीएफ और दूसरा यूडीएफ. एलडीएफ लेफ्ट पार्टियों का गठबंधन है तो वहीं यूडीएफ का नेतृत्व कांग्रेस करती है. सीपीआईएम की अगुवाई वाले एलडीएफ में भाकपा के साथ ही अन्य लेफ्ट पार्टियां हैं. कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ में केरल कांग्रेस (जोसफ), केरल कांग्रेस (जैकब), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) जैसी पार्टियां हैं. एक तीसरा गठबंधन भी है जिसकी अगुवाई बीजेपी कर रही है. बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए में भारत धर्म जन सेना है.

कमल खिलाने के लिए क्या कर रही बीजेपी

केरल में कमल खिलाने के लिए बीजेपी एक्टिव नजर आई. बीजेपी ने भारत धर्म जन सेना से गठबंधन किया तो साथ ही केरल जनपक्षम (सेक्यूलर) का विलय पार्टी में कराया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने केरल में कई जनसभाएं कीं तो साथ ही पार्टी ने अपना कुनबा भी बढ़ाया. पूर्व सीएम एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी, पूर्व सीएम के करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. बीजेपी ने अनिल एंटनी के साथ ही केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखरन,  वी मुरलीधरन और फिल्म स्टार सुरेश गोपी, प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन जैसे बड़े चेहरों को केरल के रण में उतारा है.

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केरल के रण में कौन से बड़े चेहरे

केरल में लोकसभा की कुल 20 सीटें हैं. केरल के रण में कई बड़े चेहरे हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सूबे की वायनाड सीट से मैदान में हैं. लेफ्ट फ्रंट ने राहुल के खिलाफ डी राजा की पत्नी एनी राजा को चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी की ओर से वायनाड से प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन खुद मैदान में हैं. 2019 के चुनाव नतीजों की बात करें तो कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थीं. कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को दो, आरएसपी को एक और केरल कांग्रेस (एम) को एक सीट पर जीत मिली थी. एलडीएफ को केवल एक सीट पर जीत मिल सकी थी और वह सीट थी अलप्पुझा. कांग्रेस ने इस बार अलप्पुझा सीट से केसी वेणुगोपाल को उतारा है.

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