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Ghaziabad Lok Sabha: गाजियाबाद सीट पर BJP से आए नेता पर BSP ने लगाया दांव, जानिए क्या हैं चुनावी समीकरण

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां अपने प्रत्याशी उतार रही हैं. इस बीच गाजियाबाद लोकसभा सीट से बीएसपी ने भारतीय जनता पार्टी से आए नंदकिशोर पुंडीर को टिकट दिया है. बीएसपी इससे पहले भी बीजेपी से आए कैंडिडेट पर किस्मत आजमा चुकी है.

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गाजियाबाद लोकसभा सीट
गाजियाबाद लोकसभा सीट

उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद (Ghaziabad) लोकसभा सीट इसलिए भी अहम है क्योंकि यह राजधानी दिल्ली के ठीक बगल में है. इस लोकसभा सीट के तहत चार विधानसभा क्षेत्र लोनी, साहिबाबाद, गाजियाबाद और मुरादनगर के अलावा धौलाना विधानसभा का कुछ हिस्सा आता है. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक इस बार 29 लाख से ज्यादा मतदाता इस जिले में वोट करेंगे. यह बेहद VIP सीट मानी जाती है क्योंकि यहां से राजनाथ सिंह भी चुनाव लड़ चुके हैं.

गाजियाबाद लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोट पड़ेगा. बीजेपी से अतुल गर्ग, कांग्रेस से डोली शर्मा और बीएसपी से नंदकिशोर पुंडीर मैदान में है. अतुल गर्ग और डोली शर्मा स्थानीय प्रत्याशी हैं, तो नंदकिशोर पुंडीर बाहरी है. इलेक्शन कमीशन के आंकड़ों के मुताबिक 16 बार के चुनाव में 13 बार बाहरी जिलों के निवासियों को सांसद बनाया गया. हरियाणा के भिवानी में रहने वाले रिटायर्ड जनरल वीके सिंह को दो बार और आगरा के मूल निवासी डॉ रमेश चंद्र तोमर को चार बार इस जिले ने सांसद बनाया.

प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो से लोकसभा चुनाव के प्रचार का आगाज भले हो गया हो लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा बीएसपी की हो रही है. अब यह सिर्फ सियासी संयोग है या फिर समीकरण की मजबूरी. बहुजन समाज पार्टी पिछले दो चुनावों से बीजेपी से आए हुए नेता को ही अपना प्रत्याशी बना रही है. 

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साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से आए केके शुक्ला को बीएसपी ने अपना प्रत्याशी बनाया. वो उस वक्त बीजेपी के अतुल गर्ग के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव हारने के बाद शुक्ला दोबारा बीजेपी में शामिल हो गए. आखिर बहुजन समाज पार्टी के सामने ऐसी क्या मजबूरी है कि बीजेपी से आए हुए प्रत्याशी को फिर टिकट दे दिया.

वीके सिंह का टिकट कटने के बाद BSP ने बदला अपना प्रत्याशी, क्या बीजेपी को मिलेगा इसका फायदा?

लोकसभा चुनाव में भी बीएसपी ने बीजेपी से आए नेता नंदकिशोर पुंडीर को बीजेपी के अतुल गर्ग के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी से वीके सिंह को टिकट नहीं मिला तो ठाकुर बिरादरी में बढ़ते विरोध को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी ने घोषित प्रत्याशी अंश कालरा को हटाया और ठाकुर बिरादरी के प्रत्याशी नंदकिशोर पुंडीर को टिकट दे दिया. दरअसल डीएसपी ने ठाकुर समाज से प्रत्याशी उतार कर कांग्रेस में वोट कन्वर्ट होने की जो संभावना थी उसे पर विराम लगा दिया और इसका सीधा फायदा बीजेपी को हो सकता है.

यह भी पढ़ें: गाजियाबाद से डॉली शर्मा, गुना से यादवेंद्र सिंह को टिकट... कांग्रेस ने जारी की उम्मीदवारों की 8वीं लिस्ट

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पिछले चुनावों में कैसा रहा वोटिंग ट्रेंड?

2009 की तुलना में 2014 में कांग्रेस के वोट बैंक में 18.6 फ़ीसदी की गिरावट आई. बहुजन समाज पार्टी के वोट बैंक में 8.54 फ़ीसदी की गिरावट और बीजेपी के वोट बैंक में 13.7 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई.

2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना 2019 से करने पर आंकड़े बताते हैं कि कांग्रेस के वोट बैंक में 6.91 फ़ीसदी की गिरावट आई. वहीं, बीजेपी का वोट बैंक 5.45 फ़ीसदी बढ़ा है. बता दें कि 2019 का चुनाव एसपी और बीएसपी ने साथ मिलकर लड़ा था, जिससे वोट बैंक में 21.09 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.

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