कर्नाटक का कोप्पल अपने पुरातन मंदिरों के लिए मशहूर है. यहां कई साम्राज्यों का शासन रहा और लंबे वक्त तक हैदराबाद के निजाम ने कोप्पल में शासन किया. कोप्पल राजनाधी बेंगलुरु से 300 किलोमीटर की दूरी पर बसा शहर है. कोप्पल लोकसभा सीट के अंतर्गत पूरे कोप्पल जिले के साथ-साथ रायचूर और बेल्लारी का कुछ हिस्सा भी आता है. इस लोकसभा सीट पर लंबे वक्त तक कांग्रेस का राज रहा है लेकिन पिछले दो चुनावों से यहां लगातार बीजेपी को जीत मिली है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
कोप्पल लोकसभा सीट पर अब तक हुए कुल 16 चुनावों में 10 बार कांग्रेस को जीत मिली है. साथ ही इस सीट पर 2 बार भारतीय जनता पार्टी ने भी जीत दर्ज की है. साल 2009 में पहली बार बीजेपी यहां से जीती थी और पिछले चुनाव में भी केद्र में सत्ताधारी दल ने अपनी सफलता को दोहराया. इस सीट से 2 बार जनता दल को जीत मिली है जबकि एक बार लोक सेवक संघ के प्रत्याशी ने यहां चुनाव जीता था. इस सीट पर पहली बार हुए 1952 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार स्वामी शिवमूर्ति को जीत मिली थी.
कोप्पल पहले हैदराबाद स्टेट में आता था और तब इसे कुस्तगी लोकसभा सीट के नाम से जाना जाता था. इसके बाद 1957 में यह सीट मैसूर स्टेट में आ गई और आखिर में 1977 के चुनाव से कोप्पल कर्नाटक राज्य का हिस्सा है. बीजेपी को पहली बार यहां से साल 2009 में जीत मिली और तब शिवरामगौड़ा सांसद बने. इसके बाद 2014 के चुनाव में फिर से बीजेपी को जीत मिली और कराडी संगन्ना अमरप्पा सांसद चुने गए.
सामाजिक तानाबाना
कोप्पल की कुल आबादी तकरीबन 22 लाख है जिनमें 15.35 लाख मतदाता शामिल हैं. यहां पुरुष वोटरों की संख्या 7.70 लाख और महिला वोटरों की संख्या 7.64 लाख के करीब है. इसके अलावा इस क्षेत्र की 82 फीसदी आबादी ग्रामीण और 18 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है. कुल आबादी में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 20 फीसदी के करीब है और ऐसे ही अनुसूचित जनजाति की आबादी 13.42 फीसदी है. कोप्पल लोकसभा सीट के अतंर्गत विधानसभा की 8 सीटें भी आती हैं.
2014 का जनादेश
पिछले लोकसभा चुनाव में कोप्पल लोकसभा सीट से बीजेपी के कराडी संगन्ना अमरप्पा को जीत मिली थी. उन्होंने कांग्रेस के बसावराज हिंटल को करीब 32 हजार वोटों से हराया था. बीजेपी को तब 4.86 लाख वोट मिले थे और कांग्रेस को 4.53 लाख वोट मिले थे. इस चुनाव में 10 लाख से ज्यादा वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और चुनाव में 65 फीसदी के करीब वोट पड़े थे. बीते लोकसभा चुनाव में बसपा तीसरे नंबर की पार्टी थी और उसे एक फीसदी से कुछ कम वोट हासिल हुए थे. पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी को भी इस चुनाव में 0.3 फीसदी वोट मिले थे.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
बीजेपी सांसद कराडी संगन्ना अमरप्पा (68) पहली बार सांसद चुने गए हैं. संसद में उनके प्रदर्शन की बात करें तो लोकसभा में उनकी उपस्थिति 81 फीसदी रही और उन्होंने सदन की 331 में से 259 बैठकों में हिस्सा लिया. इसके अलावा अमरप्पा ने लोकसभा में 149 सवाल किए और 35 चर्चाओं में हिस्सा लिया. उन्होंने अपनी सांसद निधि 25 करोड़ में से करीब 16 करोड़ की राशि अब तक खर्च की है.
बीते चुनाव में दिए हलफनामे के मुताबिक अमरप्पा के पास करीब 67 लाख की संपत्ति है और उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है.