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चित्तूर लोकसभा सीट: लिबास के लिए फेमस रहे MP नारामल्ली, TDP ने फिर लगाया दांव

चित्तूर लोकसभा सीट पर टीडीपी सांसद नारामल्ली शिवप्रसाद एक बार फिर से मैदान में है. नारामल्ली शिवप्रसाद पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान काफी चर्चा में रहे. सांसद नारामल्ली प्रसाद अपने वेशभूषा को लेकर काफी चर्चा में रहे. सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए वे कभी हिटलर बनकर लोकसभा पहुंचे तो कभी गांधी. इस सीट पर 11 अप्रैल को मतदान है.

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टीडीपी सांसद नारामल्ली शिवप्रसाद (फोटो-पीटीआई)
टीडीपी सांसद नारामल्ली शिवप्रसाद (फोटो-पीटीआई)

चित्तूर लोकसभा सीट पर टीडीपी सांसद नारामल्ली शिवप्रसाद एक बार फिर से मैदान में है. नारामल्ली शिवप्रसाद पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान काफी चर्चा में रहे. सांसद नारामल्ली प्रसाद अपने वेशभूषा को लेकर काफी चर्चा में रहे. सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए वे कभी हिटलर बनकर लोकसभा पहुंचे तो कभी गांधी. इस सीट पर 11 अप्रैल को मतदान है.

बीजेपी ने इस सीट से जयराम दुग्गानी को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस की ओर से चीमाला रंगप्पा चुनाव लड़ रहे हैं. वाईएसआरकांग्रेस ने इस सीट से एन रीडप्पा को टिकट दिया है. इस सीट से बहुजन समाज पार्टी के सी पुण्यमूर्ती चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से जनसेना पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है.

इस सीट के समीकरण पर सरसरी नजर डालें तो यहां पर अभी तक हुए लोकसभा चुनाव में टीडीपी का पलड़ा भारी रहा है, क्योंकि इस सीट से टीडीपी ने 7 बार जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस पार्टी को केवल 3 बार ही जीत मिली है. बीजेपी भी यहां पैर पसारने की कोशिश कर रही है.

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चित्तूर लोकसभा क्षेत्र में कभी कांग्रेस का एकतरफा राज था. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस सीट से सबसे ज्यादा 11 आम चुनावों में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है. हालांकि, 1982 में टीडीपी के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस का तेजी से पतन हुआ और 1982 के बाद हुए 9 आम चुनावों में कांग्रेस के महज दो बार ही जीत मिल सकी, जबकि 7 बार यह सीट टीडीपी के पास गई.

1982 में टीडीपी के गठन के बाद 1984 में आम चुनाव हुए जिसमें टीडीपी के संस्थापक एनटी रामाराव की आंधी में यह सीट भी कांग्रेस के हांथों से निकल गई. हालांकि, 1989 में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की और 1991 में सीट पर जीत हासिल की, लेकिन कांग्रेस की जीत का सिलसिला यहीं थम गया और इसके बाद हुए 6 आम चुनावों में टीडीपी का लगातार इस सीट पर कब्जा रहा है. 2014 के आम चुनावों में टीडीपी नेता ने वाईएसआर कांग्रेस के उम्मीदवार को मात देकर टीडीपी की जीत का सिलसिला जारी रखा.

सामाजिक ताना-बाना

प्राचीन धार्मिक और प्रसिद्ध स्थलों के लिए जाना जाने वाला चित्तूर पर्यटकों के लिहाज से हमेशा से खास रहा है. यहां पर स्थित तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, चंद्रगिरी किला, गुर्रामकोंडा किला समेत कई ऐसे स्थल हैं जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यही नहीं, यहां पर तीन विश्वविद्यालय भी हैं. रहन-सहन की बात करें तो यहा की करीब 78 फीसदी जनता गांवों में बसती है और शेष लोग शहर में निवास करते हैं. 14,51,851 मतदाता वाले इस लोकसभा क्षेत्र में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है.

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सांसद का रिपोर्ट कार्ड

सांसद शिवप्रसाद अपने संसद में अपनी वेशभूषा को लेकर काफी चर्चित रहे हैं. वो कभी हिटलर बनकर संसद पहुंचे, तो कभी बच्चा, नारद और महात्मा गांधी बनकर मीडिया में सुर्खियां बटोरीं. वो कहते हैं कि ऐसी वेशभूषा के जरिए वो समय-समय पर केंद्र सरकार की नीतियों की खामियों को और सरकार के रवैये को जनता के सामने रखते हैं. शिवप्रसाद राजनीति में आने से पहले अभिनेता रह चुके हैं. उन्हें फिल्‍म दंगा के लिए 2005 सर्वोत्तम कलाकार (खलनायक) पुरस्‍कार भी मिल चुका है.

शिवप्रसाद अपने अनोखे अंदाज के लिए ही जाने जाने वाले शिवप्रसाद की सदन में 45 फीसदी मौजूदगी रही है. वो एक भी बहस का हिस्सा नहीं रहे, हालांकि उपनी उपस्थिति के दौरान उन्होंने 66 सवाल पूछे. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए सांसद निधि में से उन्होंने 20.57 करोड़ रुपये की राशि विकास कार्यों पर खर्च की. 1999 से 2004 तक वो आन्‍ध्र प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे. इसके बाद 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और मई 2014 में दोबारा लोकसभा सदस्य के रूप में संसद पहुंचे.

2014 के आम चुनावों के मुताबिक यह 7,23,865 पुरुष तो वहीं 7,27,853 महिला मतदाता थे. इस लोकसभा क्षेत्र में कुल सात विधानसभाएं आती हैं जिसमें से दो (गंगाधारा नैलोर और पुथालापाट्टू) अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. एक तरफ लोकसभा में जहां चित्तूर लोकसभा सीट से टीडीपी पार्टी के सांसद हैं तो वहीं, 7 विधानसभाओं में से 5 पर वाईएसआर कांग्रेस का दबदबा है. जिसमें चंद्रगिरी, नगरि, गंगाधारा नेल्लोर, पुथलपट्टू और पालमनेर में वाईएसआर के विधायक हैं वहीं अन्य दो सीटों (चित्तूर और कुप्पम) पर टीडीपी का कब्जा है.

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