scorecardresearch
 

सीट शेयरिंग पर बैठक से निकल गए तेजस्वी, राहुल-खड़गे से मिले बिना ही पटना लौटे, RJD-कांग्रेस में बढ़ी तल्खी!

बिहार चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर महागठबंधन में रार बढ़ गई है. तेजस्वी यादव सोमवार को कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक से यह बोलकर निकल गए कि ऐसे हालात में गठबंधन आगे नहीं बढ़ सकता. वह राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात किए बगैर ही वापस पटना लौट गए.

Advertisement
X
तेजस्वी यादव कांग्रेस को दिए अपने ऑफर पर अड़े (Photo: PTI)
तेजस्वी यादव कांग्रेस को दिए अपने ऑफर पर अड़े (Photo: PTI)

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट शेयरिंग का पेच अभी सुलझा नहीं है. विधानसभा सीटों को लेकर महागठबंधन की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस में खींचतान बढ़ गई है. तेजस्वी यादव कांग्रेस को दिए अपने ऑफर पर अड़े हुए हैं. वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस के नेताओं से कड़े मोलभाव का निर्देश दिया है. दोनों दलों के शीर्ष नेताओं की दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक भी बेनतीजा रही.

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेताओं से तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कह दिया कि मौजूदा हालात में गठबंधन आगे नहीं बढ़ सकता. तेजस्वी यादव इसके बाद 'देखेंगे और जवाब देंगे' कह बैठक से निकल गए. तेजस्वी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात किए बिना ही पटना लौट गए.

वहीं, पटना में लोकसभा चुनाव की ही तरह सीट बंटवारे का फॉर्मूला फाइनल हुए बिना लालू यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का सिंबल बांटना भी शुरू कर दिया. हालांकि, कहा यह जा रहा है कि तेजस्वी के पहुंचने पर उनसे सिंबल वापस ले लिए गए, जिनको सिंबल दिए गए थे. जानकारी के मुताबिक आरजेडी कांग्रेस की 61 सीटों की डिमांड पूरी करने को भी तैयार है, लेकिन ग्रैंड ओल्ड पार्टी कुछ ऐसी सीटें मांग रही है जिन्हें देने के लिए लालू की पार्टी तैयार नहीं है.

Advertisement

जिन सीटों पर पेच फंसा है, उनमें कहलगांव के साथ ही नरकटियागंज, वारिसलीगंज, चैनपुर और बछवाड़ा विधानसभा सीट शामिल हैं. कहलगांव सीट कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही है. इस सीट पर साल 2015 तक नौ बार कांग्रेस का कब्जा रहा है. नरकटियागंज में मुस्लिम आबादी अधिक है और सामाजिक समीकरणों की वजह से इस सीट पर कांग्रेस की नजर है. वारिसलीगंज सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार को 2020 में करीबी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. चैनपुर और बछवाड़ा को छोड़कर बाकी सीटों पर सहमति नहीं बन सकी है.

बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें

बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें

सहनी को लेकर तेजस्वी सतर्क

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और मुकेश सहनी की गतिविधियों को लेकर भी सतर्क नजर आ रहे हैं. आरजेडी सूत्रों की मानें तो तेजस्वी को लगता है कि मुकेश सहनी विश्वसनीय नहीं हैं, अधिक की डिमांड कर रहे हैं. तेजस्वी वीआईपी प्रमुख से नाराज बताए जा रहे हैं. इसके पीछे उनका आरजेडी की 10 मजबूत सीटों पर पहले ही पार्टी सिंबल दे देने को वजह बताया जा रहा है, जिससे भ्रम की स्थिति बन रही है. ऐसी चर्चा भी थी कि सहनी बीजेपी के साथ लॉबिंग कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: सीट बंटवारे पर महागठबंधन में हलचल, कांग्रेस को 60 सीटों का ऑफर... RJD और VIP पर अब भी कंफ्यूजन

Advertisement

हालांकि, महागठबंधन के नेता इस तरह की चर्चाओं को सिरे से खारिज कर रहे हैं. कांग्रेस और आरजेडी की बैठक में ग्रैंड ओल्ड पार्टी के नेताओं ने वीआईपी को गठबंधन में रखने या नहीं रखने को लेकर फैसला तेजस्वी पर छोड़ दिया. कांग्रेस नेताओं ने साफ कहा कि वीआईपी पर तेजस्वी जो भी फैसला तेजस्वी लेंगे, हम साथ हैं. गौरतलब है कि मुकेश सहनी भी दिल्ली आए थे, लेकिन राहुल गांधी या कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे से मुलाकात किए बगैर ही सोमवार को पटना लौट गए. मुकेश सहनी ने कांग्रेस नेतृत्व से मुलाकात की इच्छा जताई थी.

राहुल ने सीट शेयरिंग पर की यह ताकीद

राहुल गांधी ने हाल ही में 10 जनपथ में बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक की थी. राहुल गांधी ने सीटों को लेकर मोलभाव की जिम्मेदारी बिहार कांग्रेस के नेताओं पर छोड़ दिया  था. उन्होंने पार्टी के बिहार नेतृत्व को यह भी स्पष्ट निर्देश दिए थे कि ऐसी सीटें ना छोड़ी जाएं, जहां पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. राहुल गांधी ने दो टूक कहा था कि सीटें 60 हों या कुछ और, ऐसी स्थिति से बचना महत्वपूर्ण है जिसमें बड़ी तादाद में सीटें गंवानी पड़े.

खड़गे का निर्देश- सुलझाएं समस्याएं

दिल्ली में बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस के नेता 13 अक्टूबर की देर रात तक विचार-विमर्श करते रहे. आरजेडी की ओर से सकारात्मक जवाब नहीं मिलने की स्थिति में कांग्रेस ने प्लान बी भी तैयार कर लिया है. बिहार कांग्रेस के नेताओं ने मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की और कांग्रेस अध्यक्ष से सीटों पर तेजस्वी से बात करने का अनुरोध किया. खड़गे ने बिहार कांग्रेस के नेताओं को सलाह दी कि तेजस्वी से संपर्क करें और 14 अक्टूबर तक मामला सुलझा लें.

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'अब भी जलता शहर बचाया जा सकता है...', सीट शेयरिंग पर RJD-कांग्रेस नेताओं में शायराना टकराव

कांग्रेस ने आरजेडी को यह प्रस्ताव भी दिया है कि महागठबंधन से अगर वीआईपी की एग्जिट होती है, तो पार्टी की सीटें कम से कम 65 तक बढ़ा दी जाएं. कांग्रेस 61 से 63 सीटों पर समझौते के लिए भी तैयार है, लेकिन यह लकीर भी खींच दी है कि कमजोर या बची सीटों से भरी लिस्ट उसे स्वीकार नहीं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी ने अपनी मजबूत 51 सीटों की पहचान की है, जहां 50 फीसदी स्ट्राइक रेट हासिल करने का उसे भरोसा है. इन सीटों के लिए कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति पहले ही मंजूरी दे चुकी है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement