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शराब, सोना-चांदी और कैश... बिहार चुनाव, उपचुनाव से पहले EC ने जब्त किए 71 करोड़ से ज्यादा के सामान

इलेक्शन कमीशन ने बिहार विधानसभा और सात अन्य राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले 71 करोड़ रुपये से ज्यादा का सामान जब्त किया है, जिसमें भारी मात्रा में कैश, शराब और सोना-चांदी शामिल है. आयोग का कहना है कि ये कार्रवाई चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए की गई है.

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इलेक्शन कमीशन ने जब्त किए 71 करोड़ से ज्यादा के सामान  (Photo: PTI)
इलेक्शन कमीशन ने जब्त किए 71 करोड़ से ज्यादा के सामान (Photo: PTI)

बिहार विधानसभा और सात राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त बांटे जाने वाले सामान, शराब, नशीले पदार्थों और नकदी की जब्ती का मूल्य 71 करोड़ 30 लाख रुपये तक पहुंच गया है. निर्वाचन आयोग ने बताया कि ये सामान तब जब्त किया गया, जब इसे ले जा रहे लोग ये स्पष्ट नहीं कर सके कि यह सामान कौन, कहां से, क्यों और कैसे ले जाया जा रहा है. उनके पास सामान या नकदी से संबंधित कोई वैध डॉक्यूमेंट भी नहीं मिले.

निर्वाचन आयोग के अनुसार, जब्त की गई वस्तुओं में 27 करोड़ रुपये की नकदी, 18 करोड़ रुपये मूल्य के गांजा और चरस जैसे नशीले पदार्थ, 1.5 करोड़ रुपये की शराब, 5.5 करोड़ रुपये की सोना-चांदी जैसी कीमती धातुएं और लगभग 15 करोड़ रुपये की रोजमर्रा की घरेलू उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं. ये कार्रवाई निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग की सख्त निगरानी का हिस्सा है.

सी-विजिल ऐप मिली 650 शिकायतें

निर्वाचन आयोग ने बताया कि आम नागरिकों को जागरूक करने के लिए बनाए गए सी-विजिल ऐप पर अब तक 650 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 612 का निपटारा कर लिया गया है. सभी शिकायतों का समाधान 60 से 100 मिनट के अंदर किया गया जो आयोग की त्वरित कार्रवाई को दर्शाता है. यह ऐप नागरिकों को अनुचित गतिविधियों की शिकायत करने में मदद करता है, जिससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे.

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प्रचार पर सख्ती

आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को निर्देश दिया है कि वे 'साइलेंट पीरियड' यानी मतदान से पहले की शांति अवधि के दौरान प्रिंट मीडिया में कोई भी राजनीतिक विज्ञापन तभी प्रकाशित कर सकते हैं, जब उसकी विषय-वस्तु को आयोग की मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (MCMC) से पूर्व मंजूरी मिल जाए. बिहार में पहले चरण के लिए ये प्रतिबंध 5 और 6 नवंबर तक लागू रहेगा, जबकि दूसरे चरण के लिए 10 और 11 नवंबर तक यह पाबंदी प्रभावी होगी.

निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि निष्पक्ष चुनावी माहौल सुनिश्चित करने के लिए कोई भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार, संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और उससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं कर सकता, जब तक कि उसकी सामग्री को राज्य या जिला स्तर पर MCMC द्वारा प्रमाणित न किया जाए. ये कदम चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए उठाया गया है.

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