राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव मंगलवार सुबह दिल्ली पहुंचे गए हैं. वे आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे, जिसमें आगामी बिहार चुनावों के लिए सीट बंटवारे और दोनों दलों के बीच गठबंधन पर चर्चा होगी. खड़गे के साथ बैठक के बारे में उन्होंने कहा, आज हमारी औपचारिक बैठक है. हम बिहार (चुनाव) के लिए रणनीतियों पर चर्चा करेंगे.
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा दिल्ली में न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 'यह एक औपचारिक बैठक है. अगर हम कांग्रेस पार्टी के सहयोगियों को देखें तो आरजेडी अब तक की सबसे पुरानी सहयोगी रही है. यह बैठक बिहार के संपूर्ण परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आयोजित की गई है और चूंकि चुनाव में अब लगभग 6-8 महीने का समय रह गया है, इसलिए इस पर चर्चा की जाएगी.'
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बिहार चुनाव की तैयारी में जुटे सभी राजनीतिक दल
बिहार विधानसभा चुनाव में अब लगभग छह महीने ही बचे हैं, ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. बिहार में कांग्रेस की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी आरजेडी भी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है. आरजेडी-कांग्रेस की बैठक खड़गे के आवास पर होने की उम्मीद है. 20 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष बिहार के बक्सर जिले में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच बिहार की स्थिति, खासकर भाजपा सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम के बाद की स्थिति पर चर्चा होने की संभावना है.
महागठबंधन में कांग्रेस 70 सीटों पर ठोक रही दावा
कांग्रेस के बिहार कैडर को पार्टी हाईकमान ने पहले ही निर्देश दे दिए हैं कि उन्हें सभी 243 विधानसभा सीटों पर ध्यान देना है. कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा, 'इसका उद्देश्य हमारे और हमारे सहयोगी दोनों के लिए जीत की संभावना बढ़ाना है, चाहे सीट पर कोई भी उम्मीदवार क्यों न हो.' कांग्रेस के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि पार्टी बिहार में अधिकतम 70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. पिछली बार भी कांग्रेस ने बिहार में 70 सीटों पर ही चुनाव लड़ा था. आरजेडी के भी राज्य में कमोबेश अधिकतम 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है.
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हालांकि, एक अन्य सूत्र ने कहा, 'इस गठबंधन में कांग्रेस के लिए सिरदर्द ज्यादा है क्योंकि पार्टी पिछड़े वर्गों पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इसमें ओबीसी, दलित, मुस्लिम सहित अल्पसंख्यक शामिल हैं. इसके अलावा, हमारे पास महिला चेहरे भी हैं. हमारे लिए सभी को आवाज देना एक चुनौती होगी, जहां यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी छूट न जाए या पार्टी से असंतुष्ट न हो.' बिहार में यादव, कुर्मी, ओबीसी, दलित और मुस्लिम वोटों का बड़ा हिस्सा है. इसके अलावा भूमिहार भी हैं, जिनकी राज्य में अच्छी खासी आबादी है.
बिहार चुनाव में राजग और महागठबंधन में टक्कर
बिहार में इस बार कड़ी चुनावी लड़ाई होने की उम्मीद है. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA); जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड), चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी, जीतनराम मांझी की हिंन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं. राजग की लड़ाई कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और वामपंथी दलों से मिलकर बने महागठबंधन के खिलाफ है.