राजस्थान सरकार कोटा के कोचिंग सेंटर्स पर जल्द बड़ा एक्शन लेने का प्लान बना रही है. सरकार, छात्र-छात्राओं को दाखिला देने के लिए कोचिंग सेंटर्स के वादों की जांच के आदेश दे सकती है. कोचिंग सेंटर्स जिन वादों के साथ अपने छात्रों को दाखिला देते हैं, वो कितने सही हैं, उन्हें पूरा भी किया जा रहा है या नहीं, कोचिंग सेंटर्स अपने विज्ञापन के लिए क्या-क्या कदम उठा रहे हैं आदि की जांच हो सकती है.
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार इसी सप्ताह में कोचिंग सेंटर्स के विज्ञापनों और उनमें किए जा रहे वादों की जांच के आदेश दे सकती है. साथ ही कोटा में स्थित सभी कोचिंग सेंटर्स से बड़े-बड़े दावों की डिटेल्स मांगी जा सकती है. इसके बाद विज्ञापन को लेकर जरूरी दिशानिर्देश या नियम भी बनाने की तैयारी है.
बताया जा रहा है कि सरकार कोचिंग सेंटर्स के विज्ञापन में दिखने वाले मशहूर हस्तियों को भी सावधानी बरतने की सलाह दे सकती है. मिली जानकारी के अनुसार, प्रशासन का कहना है कि मशहूर हस्तियों को तथ्यों की जांच किए बिना किसी कोचिंग सेंटर का समर्थन नहीं करना चाहिए और ऐसा कुछ भी नहीं कहना चाहिए जिसे प्रमाणित न किया जा सके, उनका समर्थन करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए.
दरअसल, राजस्थान का कोचिंग बह कहे जाने वाले कोटा का माहौल पिछले कुछ महीनों से संवेदनशील बना हुआ है. एक के बाद एक छात्र आत्महत्या के बाद नशे का भंडाफोड हुआ है. इसी महीने में एक स्मैक स्पालयर पुलिस के हत्थे चढ़ा है. वहीं पुलिस की स्पेशल स्टूडेंट सेल टीम लगातार मीटिंग कर रही है, ताकि कोटा के माहौल ठीक किया जा सके. क्योंकि यहां हर साल लाखों छात्र-छात्राएं दूर-दराज से अपना घर-परिवार छोड़कर बेहतर भविष्य की तलाश में आते हैं.
बता दें कि कुछ दिन पहले 20 अक्टूबर 2023 को कोटा में जिला कलक्टर एमपी मीना की अध्यक्षता में कोचिंग एवं हॉस्टल संचालकों की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में निर्देश दिए गए कि सभी कोचिंग एवं हॉस्टल संचालक विद्यार्थियों को सकारात्मक माहौल देने के साथ-साथ उनकी अनुपस्थिति, व्यवहार में परिवर्तन को गंभीरता से लेते हुए समय रहते जरूरी कदम उठाएं ताकि अवांछित घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. साथ ही जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी कोचिंग व हॉस्टल संचालक गाइडलाइन की पूर्ण पालना सुनिश्चित करें. जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति की सुनिश्चितता सभी संस्थान करें. अनुपस्थित पाए जाने वाले विद्यार्थियों से संपर्क कर वजह जानी जाए और उनकी सही तरीके से काउंसलिंग की जाए, अभिभावकों को भी सूचित किया जाए.