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JNU फैकल्‍टी नियुक्ति में फेवरेटिज्‍़म की शिकायत, 8 प्रोफेसर्स ने राष्‍ट्रपति को लिखी चिट्ठी

यूनिवर्सिटी के वर्तमान वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न स्कूलों और केंद्रों में नियुक्तियों में कथित उल्लंघन के मामले बार-बार सामने आए हैं, जिसमें कई मामले दिल्ली उच्च न्यायालय में भी लंबित हैं. कुमार का कार्यकाल जनवरी 2021 में समाप्‍त हो रहा है. 

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JNU (Representational Image)
JNU (Representational Image)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पत्र में नियुक्ति में नियमों के उल्लंघन के सात मामलों का हवाला दिया गया है
  • अंतिम समय में उम्मीदवारों के नाम शॉर्टलिस्ट में जोड़ने के आरोप हैं

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेज (SPS) के आठ फिजिक्‍स के प्रोफेसर्स ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी में फिजिक्‍स डिपार्टमेंट के लिए हाल ही में हुई नियुक्तियों पर रोक लगाने की मांग की है. इंडियन एक्‍सप्रेस के मुताबिक, प्रोफेसर्स ने नियुक्ति प्रक्रिया में "एथिक्‍स और प्रोसीजर के घोर उल्लंघन" का आरोप लगाते हुए राष्‍ट्रपति से मामले की जांच करने की मांग की है. उन्होंने राष्‍ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और जब तक मामले की जांच नहीं हो जाती, तब तक नियुक्तियों पर रोक लगाएं. 

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इस वर्ष जुलाई में भी सेंटर फॉर मीडिया स्‍टडीज़ में एक नियुक्ति पर कैंडिडेट्स ने सवाल उठाए थे. यूनिवर्सिटी के वर्तमान वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न स्कूलों और केंद्रों में नियुक्तियों में कथित उल्लंघन के मामले बार-बार सामने आए हैं, जिसमें कई मामले दिल्ली उच्च न्यायालय में भी लंबित हैं. एम. कुमार का कार्यकाल जनवरी 2021 में समाप्‍त हो रहा है. 

SPS के आठ प्रोफेसर - संजय पुरी, सुभाशीष घोष, शंकर प्रसाद दास, सुबीर कुमार सरकार, एसएसएन मूर्ति, बृजेश कुमार, सत्यब्रत पटनायक और देबाशीष घोषाल ने 23 नवंबर को भेजे अपने पत्र में नियुक्ति में नियमों के उल्लंघन के सात मामलों का हवाला दिया है. उनका आरोप है कि फैकल्‍टी अपॉइंटमेंट में 'कमजोर' उम्मीदवारों का चयन किया गया या अंतिम समय में उम्मीदवारों के नाम शॉर्टलिस्ट में जोड़े गए हैं. कुछ मामलों में, शॉर्टलिस्ट में मजबूत उम्मीदवार होने के बावजूद उनका चयन नहीं किया गया.

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शिकायत है कि डिपार्टमेंट में असोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए स्‍क्रीनिंग कमेटी ने 2 कैंडिडेट चुने थे मगर इंटरव्‍यू से ठीक पहले एक नया नाम जोड़ दिया गया और उसी का चयन भी कर लिया गया. राष्‍ट्रपति से यह अनुरोध किया गया है कि इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया जाए और स्‍क्रूटनी होने तक तक इस नियुक्ति को निलंबित किया जाए. 

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