Delhi School Closed: साल 2020 से कोरोना महामारी के चलते लगभग 600 दिन से बंद चल रहे स्कूलों के कारण बच्चों के भविष्य को लेकर स्कूल प्रशासन और अभिभावकों ने चिंता व्यक्त की है. अभिभावकों का कहना है कि कभी कोरोना महामारी के कारण तो कभी प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण स्कूलों का बंद करना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है.
बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने पर्यावरण विभाग को स्कूल खोलने के लिए प्रस्ताव भेजा है. शिक्षा विभाग की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव में मांग है कि कक्षा छठवीं से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को जल्द खोला जाए और प्राइमरी क्लासेज के बच्चों के स्कूलों को भी 20 तारीख के बाद से खोला जाए. दिल्ली अभिभावक संघ के अध्यक्ष हरीश मेहरा की माने तो लंबे वक्त से स्कूल बंद है और इन्हें आगे भी बंद रखना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करना है.
वहीं, दिल्ली पैरेंट्स एसोसिएशन की प्रेसिडेंट अपराजिता की मानें तो सरकार को स्कूल खोलने चाहिए. स्कूल खोलना इसलिए जरूरी है क्योंकि जो बच्चे प्रिविलेज्ड हैं, वह तो पढ़ाई कर सकते हैं मगर जो बच्चे प्रिविलेज्ड नहीं हैं, उन तक दिल्ली सरकार शिक्षा पहुंचाने में असमर्थ रही है. पिछले 2 साल से उन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
उन्होंने कहा कि शिक्षा बच्चों का हक है. इसके लिए कोरोना महामारी के ध्यान में रखते हुए जो गाइडलाइन स्कूलों को दी जाती हैं, उनका सख्ती से पालन सख्ती से पालन अनिवार्य हो ताकि बच्चों की सेहत से खिलवाड़ न हो. इसके बाद स्कूल खोले जाएंगे क्योंकि पिछले 2 साल से बच्चे स्कूल नहीं गए हैं. ऐसे में न ही कोई फिजिकल एक्टिविटी हो रही है और न ही कोई इंट्रैक्शन.
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरसी जैन का कहना है कि पिछले 600 दिन से स्कूल बंद है जो कि बेहद गलत है. बच्चों को एजुकेशन स्तर लगातार गिरता जा रहा है और अगर समय रहते स्कूल नहीं खोले गए तो प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी करेगा.
बता दें कि इस वर्ष 02 दिसंबर को बढ़ते प्रदूषण के कारण सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि विंटर वेकेशन के बाद स्कूल खोलने पर फैसला लिया जा सकता है. अभी तक स्कूल खोलने की कोई डेट निश्चित नहीं हुई है.