CUET UG Admission 2022: कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के नतीजे जारी किए जा चुके हैं और अब बारी दाखिले की है. कइयों के मन में सवाल ये है कि नतीजों के आधार पर दाखिला कैसे होगा. किन-किन यूनिवर्सिटी में किस कोर्स के लिए छात्र दाखिले के लिए अप्लाई कर पाएंगे. क्या अब भी छात्रों को अलग-अलग यूनिवर्सिटी के अलग कोर्सेज और कॉलेज के लिए फिर से अप्लाई करना होगा? और अगर करना होगा तो फिर दाखिले का आधार क्या कुछ बनेगा?
क्या हैं पर्सेंटाइल और नॉर्मलाइज्ड स्कोर?
पहली बात यह है कि जब छात्र CUET के लिए अप्लाई कर रहे थे, तभी उनसे कोर्स और यूनिवर्सिटी का ऑप्शन मांगा गया था. ऐसे में छात्रों ने अलग-अलग विषयों के कॉबिनेशन को लेकर परीक्षा दी और उन्हीं विषयों के नतीज़े अब उनके पास CUET की मार्कशीट के तौर पर आ चुके हैं. इस मार्कशीट में दो तरह के नंबर हैं, एक पर्सेंटाइल और दूसरा नॉर्मलाइज्ड (NTA) स्कोर. पर्सेंटाइल का नंबर इस आधार पर निकाला गया है कि उस खास सब्जेक्ट में कितने छात्रों ने परीक्षा दी और किसी छात्र के बराबर या उससे अधिक कितने छात्रों के नंबर आए. वहीं नॉर्मलाइज्ड स्कोर के लिए फॉर्मूला अलग-अलग चरणों में उस विषय की परीक्षा और अलग-अलग प्रश्नपत्रों की कठिनाई पर आधारित है.
अब इन अंकों का क्या होगा?
इसमें मिले दोनों तरह के अंक अब उन यूनिवर्सिटी को भेज दिए जाएंगे, जिनके लिए किसी छात्र ने CUET का फॉर्म भरते वक्त आवेदन किया होगा. यूनिवर्सिटी अपने हिसाब से अलग-अलग कोर्स और कॉलेजों का कट-ऑफ उस विषय और कॉलेज की डिमांड के हिसाब से तय करेंगे. हालांकि, इससे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी और बाकी कई यूनिवर्सिटी ने ये तय किया है कि छात्रों को दोबारा उनकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. जितने छात्र किसी विषय या कॉलेज के लिए आवेदन करेंगे उनके अंकों के आधार पर अलग-अलग यूनिवर्सिटी अपनी मेरिट लिस्ट तैयार करेंगे. वही मेरिट लिस्ट दाखिलों का आधार बनेगा.
क्या अभी भी कर सकते हैं किसी कोर्स या कॉलेज के लिए रजिस्ट्रेशन?
हर यूनिवर्सिटी अपनी अलग दाखिला प्रक्रिया अपनाएगी. दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसी बड़ी यूनिवर्सिटी ने रजिस्ट्रेशन का सिस्टम रखा है. इस सिस्टम में कोई भी छात्र कितने भी विषय या फिर कॉलेज के लिए अपना नाम ऑनलाइन मोड के जरिए रजिस्टर कर सकता है. रजिस्ट्रेशन के लिए हर यूनिवर्सिटी की तारीख अलग-अलग हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी में तो CUET का फॉर्म भरते वक्त ही 6 लाख 14 हज़ार से ज़्यादा आवेदक थे जो कि रजिस्ट्रेशन शुरू होने के बाद और बढ़ सकते हैं. यूनिवर्सिटी ने तो यहां तक कहा है कि छात्र कितने भी कोर्स के लिए कितने ही कॉलेजों में आवेदन कर सकते हैं.